सास ने गम को ख़ुशी में बदल दिया – मीनाक्षी सिंह

सविता जी – नीता ,,तू फिर रोने लगी ! कितनी बार समझाया हैं तुझे कि जाने वाले वापस नहीं आते! पर तू हर वक़्त रोती रहती हैं ! मुझसे तेरा ये उदास चेहरा देखा नहीं जाता ! तेरा  पहला करवाचौथ हैं ! सब औरतें कितनी खरीदारी कर रही हैं ! बाजार में कितनी रौनक हैं … Read more

अनमोल रिश्ते – अभिलाषा कक्कड़

जीवन में सब रिश्ते होते हैं ख़ास माता पिता भाई बहन पति पत्नी और अपने बच्चे, बहुत लगाव और प्रेम से भरे हैं ये रिश्ते.. हो गया है कुछ समय इस बात को बेटे का फ़ोन आया और उसने बताया कि उसने नौकरी बदल ली है और ये नई नौकरी में उसे घर से ही … Read more

कभी खुशी कभी गम – डाॅ संजु झा

डाॅक्टर  अजय  के जीवन  में खुशियों का मेला  लगा रहता था।नियति के खेल से अनभिज्ञ  वह अपने परिवार के लिए सुखद भविष्य  के सपनों  का जाल बुनने में तल्लीन  था। अचानक  से नियति के प्रहार  से उसकी जिन्दगी अस्त-व्यस्त  हो गई।उसे दुखी देखकर उसके पिता  समझाते हुए कहते हैं -” बेटा! मनुष्य  का जीवन  तो … Read more

करवा चौथ और किरण का आगमन,,,, – मंजू तिवारी

आज से लगभग 40 साल पहले करवा चौथ के दिन किरण का जन्म हुआ था किरण की जन्म से किरण की दादी के पैर जमीन पर नहीं पढ़ रहे थे ,,,किरण का हॉस्पिटल की जिस वार्ड वार्ड में जन्म हुआ था उसमें अधिकतर सभी के बेटे ही पैदा हुए थे,,, और सभी ने करवा चौथ … Read more

 ‘ सुख- दुख तो धूप-छाँव की तरह है ‘ – विभा गुप्ता 

 ” बिटिया, परदेश में हो ना,चिंता तो लगी ही रहती है।लो ,अपने पापा से बात कर लो।” कहकर आरती ने मोबाइल अपने पति आलोक को थमा दिया।उधर से आवाज़ आई, ” पापा, मम्मी को समझाइये ना, मुझे यहाँ रहते हुए पूरे आठ महीने हो गए हैं।अब तो मेरी चिंता न ..।” बेटी की बात पूरी … Read more

गमों के बीच झांकती खुशियां – तृप्ति शर्मा

विधि का मन आज खुशी और गम के बीच झूल रहा था , खिड़की के बाहर नवरात्र के पंडाल में सजे धजे लोग माता के रूप को निहार ,उनकी बलईयां लेते नहीं थक रहे थे ,हर जगह मां के जयकारों की गूंज थी। विधि के अशांत मन को यह गूंज भी शांत न कर पाई, … Read more

मां तुमने मेरे लिए क्या किया है – पुष्पा ठाकुर 

जब देखो बगल वाले घर में रहने वाली रीता आंटी के घर से यही शोर शराबा सुनाई पड़ता था कि मां तुमने हमारे लिए कुछ नहीं किया…        रीता आंटी कम पढ़ी लिखी या कहो कि न के बराबर पढ़ी लिखी एक साधारण सी महिला हैं , जिनके पति चौहान जी शिक्षक थे।लगभग बारह वर्ष पहले … Read more

अच्छे लोगों के साथ बुरा -गीता वाधवानी

शिवानी की नई-नई शादी हुई थी। उसकी ससुराल के लोग बहुत अच्छे थे। वह प्रतीक से शादी करके बहुत खुश थी। थोड़े दिनों में दिवाली आने वाली थी और शिवानी को अपनी मां की बहुत चिंता सता रही थी क्योंकि वह दूसरे शहर में घर में बिल्कुल अकेली थी।       शिवानी के माता-पिता बहुत सुलझे हुए … Read more

जाने कहां गये वो दिन – डा.मधु आंधीवाल

धीरे धीरे गुम होगया बचपन  कभी नहीं भूल पायेगे उम्र होगयी पचपन,   एक ऐसा बिषय लिखो तो पूरा उपन्यास लिख जाये क्योंकि अब बच्चों के बच्चे भी बहुत बड़े हो गये पर मै तो अब भी अपने बीते दिनों को जीवन्त करती हूँ । शादी को 50 साल पूरे होगये वह बात दूसरी है कि … Read more

जो भी है बस यही एक पल है – कमलेश राणा

शुचि की नई नई शादी हुई थी जैसा पति वह चाहती थी आकाश बिल्कुल वैसा ही था,, एकदम उसके सपनों के राजकुमार जैसा,, सुबह गार्डन में चाय की चुस्की के साथ जो सुबह शुरू होती तो दिन प्यार के साये में कब गुजर जाता,, पता ही नहीं चलता,, शाम को दोनों हाथों में हाथ डाले … Read more

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