“पापा! – विनय कुमार मिश्रा
दूसरी नयी साइकिल दिला दो ना” मैं समझ सकता हूँ। साइकिल थोड़ी पुरानी हो गई है। इसी से स्कूल और ट्यूशन जाता है। बेटा बोल रहा था बार बार चेन उतर जाता है इसका।पर अभी नई दिला पाना थोड़ा मुश्किल है। बेटे को लेकर साइकिल दुकान उसे ठीक कराने गया। साइकिल दे हम वहीं बैठे … Read more