धड़कन – विनय कुमार मिश्रा
आज हाथों में शिमला की दो टिकटें लिए अपनी जिंदगी के गुजरे तमाशे याद आ रहें हैं.. “इससे पहले तो घर में नई शादी ही नहीं हुई, शिमला घूमने जाएंगे ये निर्लज्ज” मन मसोसकर गाँव में ही रहना पड़ा था। क्यूंकि तब पैसों की तंगी भी थी। लव मैरिज तो नहीं हुई थी, मगर इनसे … Read more