मां का श्राद्ध   – डॉ  अंजना गर्ग

“सर मुझे कल की छुट्टी चाहिए।” सुनील ने अपने बॉस अभिषेक से कहा। “सुनील तुम्हें पता है दो दिन बाद रिपोर्ट सबमिट करनी है। छुट्टी का तो सोचो ही मत।” बॉस ने सुनील से कहा। ” सर मजबूरी ना होती तो मैं कभी नहीं कहता।” सुनील ने कहा। ” ऐसी क्या मजबूरी है सुनील? बॉस … Read more

एक मुट्ठी आसमान – कमलेश राणा

यश को जब मैंने पहली बार देखा था तब वो गोरा चिट्टा प्यारा सा शर्मीला सा 10-12 साल का बच्चा था,, जो मेरे सामने आने में भी शरमा रहा था और अपनी माँ के पीछे दुबका ही जा रहा था,, उसकी वो भाव भंगिमा आज भी मुझे वैसी ही याद है जैसे कल की ही … Read more

आंखों देखा दृश्य – कंचन श्रीवास्तव

दिव्या को देखकर रमा को लगा , मेरी सोच गलत है । वरना आज जो कुछ वो देख रही उसे स्वीकारने की जगह नकार देती अब नकार नहीं सकती क्योंकि आंखों देखा हाल है। इसी दृश्य को तो देखकर उसे वर्षों पुरानी स्वयं बीती घटना याद आ गई। हुआ ये था कि आर्थिक तंगी के … Read more

सफल औरत के पीछे कौन?’ –  सुषमा तिवारी

रोशनी अब सच में अफसोस कर रही थी, ये कैसी गलती हो गई उससे! गिरीश  ने कहा था कि ज्यादा आज्ञाकारी मत बनो, पर उसे ही भूत सवार था कि घरवालो को कम से कम बता देना सही है। गिरीश  ने कहा भी था कि “रोशनी! तुम्हारी बात समझेगा कोई नहीं, फालतू का माहौल खराब … Read more

मेरे अपने – मंजू मिश्रा 

  किटी पार्टी अपने चरम पर थी। सभी पूरा मजा ले रहे थे। की श्रीमती मेहता का आगमन और सब उनसे मुखातिब हुए – “अरे वाह गजब तैयारी तभी इतनी देर लगी आप तो बिजलियाँ गिरा रही हैं।”      “अरे कहाँ जी जब से सास ससुर यहां रहने आये हैं,नाक में दम कर रखा है।कहीं जाना हो … Read more

बड़ी नही होना चाहती – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

“आज देव की छुट्टी थी इसलिए आराम से बैठ कर अखबार पढ़ रहा था। पत्नी रानी चाय बना कर लाती है उसी समय बाॅस का फोन आ जाता है।” “लम्बी वार्ता होती है इसलिए देव चाय पीना भूल जाता है। तभी रानी आती है…कहती है – अरे आपकी चाय तो बिलकुल ठण्डी हो गईं।” “कोई … Read more

अपमान –  बेला पुनीवाला

स्वाति सुशांत नाम के लड़के से बहुत प्यार करती थी मगर स्वाति के पेरेंट्स ने स्वाति को सुशांत से शादी करने के लिए मना कर दिया था क्योंकि सुशांत एक मिडिल क्लास फॅमिली से था और मामूली सी जॉब करता था और स्वाति के पेरेंट्स बहुत ही अमीर थे, स्वाति के पेरेंट्स स्वाति की शादी … Read more

मातृत्व का अपमान – अर्चना कोहली “अर्चि”

“बेटा! यह अंकित अंकल की बड़ी बेटी पायल की तसवीर है। बहुत ही संस्कारी और सुशील है। हिंदू कॉलेज में प्रोफ़ेसर है। हमें तो पसंद है। अगर तुम्हें पसंद हो तो बात चलायें”। रमा ने पीयूष से कहा। “कितनी बार कहा है, मेरे कमरे में न आया कीजिए। तसवीर को बिना देखे ही पीयूष गुस्से … Read more

*राॅकी* –  मुकुन्द लाल

शरद ने जैसे ही अपने पड़ोसी अनिल के मकान के गेट को खटखटाया, अनिल गेट खोलकर तुरंत बाहर आ गया। वह आश्चर्यचकित होकर अनिल और उसके साथ आये कुत्ते को देखता रह गया। कुत्ते के गले से बंधी जंँजीर को शरद अपने हाथ में पकड़े हुए था। कुछ क्षण के बाद उसने बेरूखी से कहा, … Read more

संवेदनशीलता – मनोज श्रीवास्तव

मई माह का अंतिम सप्ताह, प्रचंड गर्मी शाम होते और विकराल।पेड़ों का एक पत्ता भी नहीं हिल रहा।बच्चों की छुट्टी के साथ जेठ की लगन का जोर।सारे यातायात के साधनों पर भीड़ का दबाव। आजमगढ़ से दिल्ली को लगभग सोलह सौ किमी अप डाउन करने वाली परिवहन निगम की एक्सप्रेस सेवा की यह बस जैसे … Read more

error: Content is protected !!