अहंकार के छटते बादल – तृप्ति शर्मा
कितनी जमती थी न दोनों में ,कितनी बातें कितनी छेड़खानी और पता नहीं कितने ही खेल खिलौने आपस में बांट लिया करते थे वो हमेशा । इन सबके बीच पता नहीं चला कब दोनों बचपन लांघ बड़े हो गए, पर अब सबकुछ बदल गया था । सुहानी और अनंत के बीच अब पहले जैसा कुछ … Read more