रजस्वला – स्मिता सिंह चौहान

क्या सुमि हर तरफ सामान बिखरा पड़ा है तुम्हारा।कम.से कम.समेट तो लिया करो।”राहुल ने सुमि के बैड से कपड़े उठाते हुए कहा। “कर लूंगी यार ,अभी कुछ मत बोलो।अभी पेट में बहुत जोर से दर्द हो रहा है।”कहते हुए सुमि पेट को कसकर पकड़ते हुये लेट गयी। “अब ये तो तुम्हारा हर महीने का है।पहले … Read more

परवरिश – स्मिता सिंह चौहान

अरे,जैसा अपने मायके से सीखकर आयी होती है ।वैसा ही तो ससुराल में करेंगी।”कहते हुए मिसेज शर्मा ने ,मिसेज गुप्ता को देखा। “सुरभि जरा समोसे और तलकर ले आना।”अपनी ठोडी को अकड़ वाले अंदाज में ऊपर करते हुए किचन की तरफ देखकर बोली। मिसेज शर्मा ने आज अपनी कुछ दोस्तों को चाय पर बुलाया था।अब … Read more

उपहार – संजय मृदुल

सुनो जी! इस दीवाली पर दूज के दिन भैया का जन्मदिन भी है कुछ अच्छा लेना है उनके लिए। अनु ने विनय से कहा। क्यों? पीछे से निलय की आवाज आई। क्यों गिफ्ट लेना है उनके लिए। साल में तीन बार तो ऐसे भी देते ही हो गिफ्ट। बदले में वो क्या देते हैं हम … Read more

जिंदगी गुलज़ार है – सुषमा यादव

***करोना बना वरदान**** ,,  ये जिंदगी मिलेगी ना दोबारा, मैं इसे खोना नहीं चाहती मैं इसे जीना चाहती हूं जी भर कर जीना चाहती हूं * क्यों कि,,,, *ये जिंदगी मिलेगी ना दोबारा *** ,, ज़िंदा दिल ही तो जीते हैं,, मुर्दा दिल क्या ख़ाक जीतें हैं ,,,   पिछले करोना काल में मैं भी … Read more

उपहार – संजय मृदुल

सुनो जी! इस दीवाली पर दूज के दिन भैया का जन्मदिन भी है कुछ अच्छा लेना है उनके लिए। अनु ने विनय से कहा। क्यों? पीछे से निलय की आवाज आई। क्यों गिफ्ट लेना है उनके लिए। साल में तीन बार तो ऐसे भी देते ही हो गिफ्ट। बदले में वो क्या देते हैं हम … Read more

“खुशी का मानक ” – उषा भारद्वाज

   उनके चेहरे पर बहुत तनाव था ।वो अस्पताल में लेबर रूम के सामने बार बार इधर उधर घूम रहीं थीं । कितनी बार सरिता ने कहा मम्मी बेड चाहिए लेकिन हर बार उनका एक ही उत्तर रहता कि” अभी नहीं, मुझे बेचैनी हो रही है ,जब तक कि सब ठीक-ठाक मुझे पता चल जाए, और … Read more

दुलारी सिम्मी – माता प्रसाद दुबे

नन्ही सी बच्ची को गोद मे लिए सिम्मी एक कोने मे चुपचाप बैठी अपने अतीत के बारे मे सोच रही थी।”क्या ये वही घर है..वही लोग है..जहा वह सबकी आंख का तारा थी..वह उदास होती थी तो पूरा घर परेशान हो जाता था..वह हंसती थी तो सभी खिल-खिलाकर हंसते थे..पर आज उसके पास न कोई … Read more

संघर्ष – मुकुन्द लाल

 नेताजी के आदमियों ने कहा था कि दौरे से लौटते समय विरोधी पार्टी के लोगों द्वारा करवाये गए हमले में उदय मारा गया जबकि नेताजी घायलावस्था में हौस्पीटल में हैं।   उसकी मांँ उदय के शव को देखते ही दहाड़ मारकर रोने लगी। अपनी छाती पीटने लगी शोकाकुल होकर। पूरा परिवार विलाप करने लगा। हृदय-विदारक चीख-चीत्कार … Read more

कोर्ट मैरिज* – *नम्रता सरन “सोना”

“नीना… जल्दी करो बेटा…. कोर्ट पहुंचना है…रास्ते में फूलमालाएं भी लेना है….अरुण से बात हो गई थी न तुम्हारी…. कह दिया था न कि समय से कोर्ट पहुंच जाऐ…”… गिरीश ने नीना से कहा। नीना गिरीश की इकलौती बेटी थी।नीना की माँ का असमय देहांत हो जाने के बाद गिरीश ने ही नीना की परवरिश … Read more

” प्यार का बंधन ” – डॉ. सुनील शर्मा

सीमा और सुधाकर का विवाह हुए दस वर्ष हो गए थे. प्रेम विवाह था. अंतर्जातीय होने के कारण दोनों के ही परिवारों की मंजूरी न मिलने की वजह से कोर्ट मैरिज की. संग जीने मरने की कसमें खाईं और एक नए शहर में विवाहित जीवन की शुरुआत की. दोनों ही शिक्षित तथा अच्छी नौकरी में … Read more

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