सपनो की तहरीर – भगवती सक्सेना गौड़

सुबह जैसे ही रवीना की नींद खुली, आज का सपना याद आ गया। वैसे कई बार परेशान रहती थी, सपने में कुछ दखा था, पर याद ही नह आता था। तो आज का सपना उसका बहुत स्वादिष्ट सा था, जो तीस वर्ष पहले की यादों को जीवंत करने पर आमादा था। उसने देखा था, सामने … Read more

“कर्तव्य” – ऋतु अग्रवाल

 “माँ, सुलेखा, देखो आज आप सबके लिए एक सरप्राइज है।” मयंक एक हाथ में मिठाई का डिब्बा और दूसरे हाथ में ब्रीफकेस लिए खड़ा था।        पर वहाँ उसकी बात सुनने वाला कोई ना था। हाथ का सामान टेबल पर रख मयंक माँ के कमरे में गया। माँ आंखें बंद किए लेटी थी।       “माँ! क्या हुआ? … Read more

मजबूर – श्वेता मंजु शर्मा

यह कहानी है मिन्हाज़ और फरहा की। फरहा जहाँ बी कॉम दूसरे वर्ष की छात्रा थी वहीं मिन्हाज़ कंप्यूटर क्लास मे tally सिखाया करता था। एक कॉमन दोस्त के घर दोनों मिले और प्यार हो गया. फरहा ने इश्क का इज़हार कर दिया जिसे मिन्हाज़ ने मंजूर किया । बहुत सारी बातों के अलावा एक … Read more

शोभा – दर्शना जैन

श्यामा जी की ना कोई बेटी थी न ननंद, उन्हें बेटी की कमी बहुत खलती थी। उनकी बड़ी बहू तनु जब गर्भवती हुई तो पोती पाने के लिये उन्होंने शहर के मंदिरों में माथा टेक मन्नत मांगी, दरगाह पर चादर चढ़ाई, चर्च में मोमबत्तियाँ जलाई। दिल से मांगी मन्नत पूरी होती है, जब बहू को … Read more

     धोखा   – नेकराम

नवीन रस्तोगी का शहर में अपना एक पुराना मकान था ,,उनकी बीवी नीतू एक पढ़ी-लिखी पत्नी थी ,,वह घर पर ही सारा दिन चूल्हा चौका करती रहती नवीन रस्तोगी के पास कोई काम नहीं था अपना परिवार चलाने के लिए इधर उधर से हाथ पांव चला कर कुछ रुपए ले आता था रिश्तेदारों में कुछ … Read more

बप्पा बाहर गए हैं- -देवेंद्र कुमार

==== अभी दिन पूरी तरह नहीं उगा है,हौज़ काज़ी चौक की सब दुकानें बंद हैं ,सड़कों पर इक्कादुक्का लोग दिखाई दे रहे हैं। लेकिन पटरी से लग कर १५-२० लोग एक कतार में बैठे हैं। वे रोज बैठते हैं चाहे मौसम कैसा भी हो। उन्हें देख कर लगता है जैसे पंगत में बैठे हुए दावत … Read more

‘ पहली कमाई ‘             ——– विभा गुप्ता

  हाथ में पहली तनख्वाह आते ही सपना की आँखें खुशी से चमक उठी।अब वह माँ के लिए नया चश्मा बनवा देगी, छोटे भाई जीतू के लिए नया स्कूल बैग और अपने लिए भी एक अच्छी-सी ड्रेस ले लेगी।कब से दो जोड़ी सूट को ही घिसे जा रही है।यही सब सोचते हुए वह  सड़क पार कर … Read more

 एक के साथ धोखा दो कहानियाँ – गुरविंदर टूटेजा 

अप्रकाशित       “पहली कहानी”   निधी को आज नींद नहीं आ रही थी…अकेली थी गौरव किसी काम से बाहर गये थे तो पुरानी यादों में गुम हो गयी…इकलौती व लाडली थी वो मम्मी-पापा की शहजादियों की तरह रहती थी क्योंकि बहुत बड़ा कारोबार था…संयुक्त परिवार था सबके लिए मन रखने वाली थी पर वक्त को उसकी … Read more

उसी से शान्ति उसी से जलन – गोमती सिंह

——– मनुष्य की जिंदगी किसी पतीले में रखें पानी की तरह होती है।  जो समय की मद्धिम-मद्धिम आँच पर वाष्पीकृत होती रहती है । लेकिन मनुष्य को इस सच्चाई का एहसास तब होता है जब वह जिंदगी की अंतिम पड़ाव पर आ जाता है। तब इस अवस्था में उसे अपनी जिंदगी के गुजरे दिनों के … Read more

जो दिखता है वो सच नहीं – राशि रस्तोगी

“हैप्पी एनिवर्सरी माई लव..” इस कैप्शन के साथ एक खूबसूरत सी तस्वीर मेरी सहेली की उसके पति के साथ, सुबह फेसबुक खोला तो दिखी| हालांकि ये तस्वीर मेरी सहेली ने नहीं पोस्ट की थी बल्कि उसके पति ने स्वयं की थी| तस्वीर देखते ही सहज़ मुँह से निकल गया, “कितनी खुशनसीब है ये, जो इसके … Read more

error: Content is protected !!