“सबसे बड़ा रिश्ता” – उषा भारद्वाज 

 काफी समय से उसके पैर में दर्द हो रहा था कई डॉक्टर को दिखाया। लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं हो रहा था फिर उसके आफिस में किसी ने बताया कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर अच्छे हैं, वहां एक बार दिखा लो ।                    एक दिन उसने छुट्टी ली और  शहर के सरकारी अस्पताल में अपने पैर … Read more

 संघर्ष  (अंतिम किश्त ) –  मुकुन्द लाल 

  रेस्तरां में उसने वेटर को लंच लाने का आर्डर दिया लेकिन उसी वक्त सुप्रिया ने लंच लेने से साफ इनकार कर दिया। बहुत कहने पर उसने सिर्फ चाय ली थी। उसने भी अपने लिए चाय ही मंगवाई।   इस दरम्यान वह बक-बक करता रहा। जिस पर वह ध्यान नहीं दे रही थी।  अन्त में वह अपने … Read more

मां,बेटे का धोखा –  तृप्ति शर्मा

  आज राहुल बहुत खुश था स्कूल प्रतियोगिता मे पहला स्थान प्राप्त कर पूरे ₹2000 जीते थे उसने ,यही झूठ तो बोलना था उसे मां से ,धोखा दे रहा था वह मां को प्रतियोगिता के नाम पर पैसा देकर पर सब मां के लिए ही करता था ‌।    पूरे रास्ते सोचते आया था कि अब मां … Read more

वो एक हसीन लड़की – कमलेश राणा

दोस्ती शब्द कितना प्यारा है न,, दोस्ती मतलब एक इंसान की इबादत,, जो दिन रात हमारे ख्यालों में रहे, जिसे याद करते ही चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ जाये, जिसकी हर बात दिल को सुकून दे,, जिसके फोन का इंतज़ार रहे,, जिससे अपने हर सुख दुख बाँटने का मन करे,, कोई जोक याद आते … Read more

लिफाफा रिश्तों का तोल – गुरविंदर टूटेजा

अप्रकाशित     संजय के छोटे भाई की बेटी की शादी थी…उसने आते ही बोला…अरे वाह मधु शादी की शॉपिंग बहुत जोरो-शोरों से चल रही है…!!!!    जी हाँ होगी क्यूँ नहीं हम सब अलग ही दिखनें चाहिए और हो भी क्यूँ नहीं हमें पैसे की कमी थोड़ी है….पूरे टशन के साथ जायेंगे…!!!! अच्छा तुम जो शादी में … Read more

ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं – कमलेश राणा

हमारी एक पड़ोसन थी,, बहुत अच्छी कढ़ाई करती थी,, डिज़ाइनें भी जाने कहाँ से लाती थी,, बड़ी सुंदर सुंदर,, यह उन दिनों की बात है जब मोबाइल नहीं हुआ करते थे,, आजकल तो जो चाहो, अलादीन के जिन की तरह पल में हाजिर हो जाता है,, उसमें भी इतनी वैरायटी होती है कि घर बैठे … Read more

दहलीज पार करा दो”  (भाग- 3) – रीमा ठाकुर 

बडी मुश्किल से काम मिलता है बडबडाई बाई” तूने ही कुछ किया होगा!  अन्नू,,,, देख बाई, तू मेरा भरोसा तो करेगी नही “” सुम्मी,,, तू यही रूक मै जाकर पूछ कर आती हूँ!  अचानक मोबाइल बज उठा, जिसकी धुन अंचल के लोकगीत की थी!  हेल्लो,,, कोन,  आभा ” सामने से आवाज आयी. सुम्मी बहन तू … Read more

जिगर का टुकड़ा था जो–निकला दगाबाज वो – कुमुद मोहन

कैसा लग रहा है,बहू पर खूब जंचेगा ना?एक बड़ा  सा रितेश का हार गले में लगाते हुए विभा ने अपने पति राजबीर से पूछा? पूरे पलंग पर वह हल्के भारी गहनों की नुमाईश लगाये बैठी थी।जिन्हें बरसों से अपनी बहू के लिए जमा कर रही थीं। सुबह से बेटे बहू के स्वागत की तैयारी में … Read more

धोखा जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है.. –  सविता गोयल 

एक साल के बाद अपने पुराने शहर जबलपुर जा रही थी। वहां का दो कमरों का घर यूं ही खाली पड़ा था।सोंचा थोड़ा पेंट- वेंट करवा कर किराए पर चढ़ा दूं। घर की साफ सफाई भी होती रहेगी और कुछ पैसे भी मिलते रहेंगे। जबलपुर से बहुत सी पुरानी गुदगुदाती यादें जुड़ी थीं। आखिर शादी … Read more

 झोला – विनय कुमार मिश्रा

आज साफ सफाई में आलमारी से बाउजी का वही पुराना झोला मिला जो वे अपने साथ दफ्तर ले जाते थे। कुछ चिठ्ठियां थीं जो नाना, नानी, दादाजी, और माँ की लिखी हुई और कुछ डायरी के पन्ने, जो उनके पुराने हिसाब किताब के थे। उन पन्नों में दो चार आने से लेकर दो चार सौ … Read more

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