मेरी बेटियां मेरा अभिमान –

“क्यूं रे सुरेसवा !इन छोरियों को पढ़ा लिखाकर कलेक्टर वनावेगा क्या?टैम रहते ब्याह दे ना तो कोई दिन नाक कटवा कै हाथ मैं धर दैंगी!फिर ना कहियो अम्मा ने समझाया ना था”सुरेश की अम्मा को पोतियों का स्कूल जाना एक आँख नहीं भाता था।सुरेश हंसकर अम्मा की बात को टालता सा बोला“मेरे घर की शान … Read more

एकादशी का व्रत – नीरजा कृष्णा

आज माँ बाउजी अमेरिका से लौट रहे हैं। तीन महीने वहाँ भैया भाभी के पास थे। दिलीपजी उन्हें रिसीव करने पटना से गए थे। आधी रात को उनकी फ्लाइट आई और वो बगल में एक होटल में ठहर गए थे। “अरे अम्मा! तुम तो बहुत स्मार्ट हो गई हो। पूरा विदेशी रंग चढ़ा हुआ है।” … Read more

*अंतिम मुलाकात*- मुकुन्द लाल

दोमंजिला मकान के पास टैक्सी रुकते ही रंजना उस मकान के अन्दर प्रवेश कर गई, फिर वह सीधे अपनी माँ गायत्री के पास पहुंँच गई। उसके पीछे-पीछे उसकी भाभी महिमा भी चली आई।  “कमरे में अंधेरा है दिन में भी।”  “प्लग में कुछ खराबी आ गई है, मिस्त्री कल बना देगा, मैं जाती हूंँ कैंडिल … Read more

मेरी भी तो शादी करा दे….(हास्य)  – विनोद प्रसाद

शादी-ब्याह का सीजन शुरू होते ही मेेेरे सपनों को भी पंंख लग जाते हैं और मैं परियों की कल्पना में खो जाता हूँ। बैंड-बाजा का शोर पिघले शीशे की तरह मेरे कानों में उतरता है। ऐसा लगता है कि मैं बरसों से भूखा हूँ और मेरी आंखों के सामने कोई हलवा-पूरी खा रहा है। ज्योंहि … Read more

दावत और दादी मां – डा. मधु आंधीवाल

आज शहर के जाने माने उद्योग पति मि.नरेश खन्ना का बंगला ” आशियाना ” की सजावट एक अनोखी भव्यता दे रही थी । मि.खन्ना और उनकी पत्नी चारूलता दोनों ही एक गर्वीला व्यक्तित्व था इस शहर में । चारूलता जिस कार्यक्रम में होती अन्य महिलायें उनको ईष्या की नजर से देखती क्योंकि वह अपने सामने … Read more

वह तुम्हारी माँ है – पूजा मिश्रा

रामलाल जी का देहांत हुए अभी 6 महीने भी नही हुए थे कि” उनके बेटो को यह चिंता सताने लगी कि ” आखिर इस मंहगाई के जमाने मे माँ का खर्चा कौन उठाएगा। चारों बेटो का अपना अपना परिवार था, सभी के घरों में बच्चो की पढ़ाई व बड़े दो भाइयों के पर बच्चो की शादी … Read more

माँ से धोखा – ममता गुप्ता

रामलाल जी का देहांत हुए अभी 6 महीने भी नही हुए थे कि” उनके बेटो को यह चिंता सताने लगी कि ” आखिर इस मंहगाई के जमाने मे माँ का खर्चा कौन उठाएगा।  चारों बेटो का अपना अपना परिवार था, सभी के घरों में बच्चो की पढ़ाई व बड़े दो भाइयों के पर बच्चो की … Read more

जिन्दगी की नीरसता  – डा. मधु आंधीवाल

आशू तुम मुझे छोड़ कर तो नहीं जाओगे ये वाक्य हमेशा पीहू पूछती थी और आशू का एक ही उत्तर होता क्या तू अकेली नहीं रह पायेगी मेरे बिना ? ये बात होती थी दोनों में अभी उम्र ही क्या थी दोनों की आशू 10 साल का और पीहू 6 साल की । दोनों के … Read more

ईंट का जवाब – ललिता भाटिया

निशा का जन्म तो इसी शहर में हुआ था और पढ़ाई भी हाई स्कूल तक | पर आज ५ साल बाद वो फिर आई तो अपने मोहल्ले में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई पता नही माँ बाबू हे या नहीं  भाई भाभी भी कहाँ  रहते होंगे ? निशा तब ९ में पड़ती थी तो … Read more

‘कैसे स्वीकार करूँ?’ –  विभा गुप्ता

” शालू, ये तूने क्या किया? मेरे प्यार में कहाँ कमी रह गई थी जो तूने मेरे साथ इतना बड़ा छल किया।तुझे बेवफ़ा कहूँ तो उसे क्या कहूँ जो दोस्त के रूप में आस्तीन का साँप निकला।धिक्कार है!…। ” कहते हुए विकास ने अपने हाथ में ली व्हिस्की की बोतल को उस दीवार पर दे … Read more

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