पितृ ऋण – प्रीति आनंद अस्थाना

  ******** “डैड, मेरी कम्पनी का जो नया ब्राँच खुला है न इंडिया में, मुझे उसका चार्ज दिया गया है, तो मुझे अगले हफ़्ते इंडिया जाना होगा।” “पर उत्कर्ष, अभी कुछ समय पहले ही तो एक महीना वहाँ बिता कर आए हो?” “तब मैं वहाँ कम्पनी का नया ऑफ़िस स्थापित करने गया था।” “और अब?” … Read more

आशियाना – कमलेश राणा

आज फिर मकानमालिक से राधा की बच्चों को लेकर तू- तू, मै- मै हो गई,, उसका बेटा रोहन साइकल चला रहा था कि अचानक से जोर जोर से उसके रोने की आवाज़ सुनकर वह बाहर आई,,  अरे, क्या हुआ मेरे बच्चे को,, मम्मा, नील ने मुझे धक्का दे दिया,, अरे,, ये तो खून निकल रहा … Read more

“किरदार बदल गए” –  तृप्ति उप्रेती

“मासी मां, मां उठ गई” ऑफिस से आते ही कार्तिक ने माया से पूछा। “हां बबुआ, बस अभी ही उठी। मैंने पानी पिला दिया है। तुम हाथ मुंह धो लो,तब तक चाय बनाती हूं।” कार्तिक फटाफट कपड़े बदलकर मां के कमरे में पहुंचा। मां चुपचाप अपने साफ-सुथरे पलंग पर लेटी थीं। कार्तिक ने पास जाकर … Read more

बहू भी बेटी ही होती है – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

अपने इकलौते बेटे मनीष की शादी की तैयारीयों में सरोज जी इतना व्यस्त थी कि उन्हे अपनी भी सुध नही थी। बेटे की शादी में कोई कमी न रह जाए इसलिए बड़ी तन्मयता से हर चीज पर ध्यान दे रही थी। हंसते गाते सब काम निपटा रही थी। होने वाली बहू माही के लिए तो … Read more

बच्चे  कच्ची मिट्टी होते हैं – मीनाक्षी सिंह

रिया – मॉम ,आई एम गोइंग टू स्कूल !! बाय ! माँ – बाय, बेटा!! रिया 9वीं कक्षा में पढ़ती थी ! उसके माँ बाप दोनो नौकरी पेशा थे ! रिया का रीजल्ट बहुत खराब आया ! माँ बाप दोनो ही स्कूल की अभिवावक मीटिंग में आये ! टीचर ने कहा – मिस्टर एंड मिसेज … Read more

*मीठा आग़ाज़* – *नम्रता सरन “सोना”

“राज, एक बात कहूँ” रश्मि ने कहा। “हाँ बोलो, क्या बात है” राज ने लेपटॉप पर नज़रें गढाए हुए कहा। “पापा के गुज़र जाने के बाद मम्मा बिल्कुल अकेली रह गई हैं, हर समय उनकी फिक्र लगी रहती है कि कहीं रात बिरात उन्हें कोई तकलीफ परेशानी हो गई तो वो कैसे मैनेज करेंगी, तो..मैं … Read more

अनकहे शब्द – प्रेम बजाज : Moral stories in hindi

आज मैं कुछ नही कहना चाहती , कुछ भी नहीं। क्यों कहूँ …??? हाँ जिस प्यार को , जिस अपनेपन को तरसती रही उम्र भर आज वो बिन माँगे मिल रहा है। बजाज साहब (पतिदेव ) अपनी गोद मे सर लेके बैठै है , बच्चे भी (बेटा-बहु ) सब के सब अपना काम-काज छोड़ कर … Read more

चाइल्ड अब्यूज – प्रेम बजाज

  करोना की वजह से स्कू्ल बंद थे, और सभी क्लासेज आनलाइन ही चल रही है। रिया 8वीं की छात्रा माता-पिता दोनों नौकरी की वजह से रिया की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। रिया शुरू से ही मैथ में ठीक-ठाक थी, पहले तो आफिस के बाद जब पापा घर आते तो थोड़ी देर उसे … Read more

रिश्ते – अंजू निगम

दीवार घड़ी ने नौ बजाये| श्वेता की घबराहट बढ़ रही थी|”जब वो जानती थी कि पापाजी की याददाश्त कमजोर पड़ रही हैं तो यूँ उन्हें अकेले चले जाने की बात वो टाल क्यों न पाई? लाख वो जिद पर अड़े रहते,पर जब सुदेश भी दो दिनो के लिए शहर से बाहर हैं तो उसे पापाजी … Read more

सज़ा – डा. नरेंद्र शुक्ल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “तुम्हारा नाम क्या है?” कटघरे में खड़े खूँखार से दिखने वाले मुज़रिम से सफाई वकील ने पूछा। “विक्की उस्ताद,” मुज़रिम ने होंठ चबाते हुये कहा। “तो तुमने कलक्टर साहिबा पर गोली चलाई?” “हाँ, चलाई गोली…,” विक्की उस्ताद ने सीना तानकर कहा। “मगर क्यों?” सफाई वकील ने पूछा। विक्की जज साहिबा … Read more

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