हसीन यादें – भगवती सक्सेना गौड़
मेधा बहुत खुश थी, आज उंसकी परदादी जो उसके घर आ रही थी। बहुत से मेहमान आ चुके थे, मैरिज हॉल में चारो ओर रिश्तेदारों से चहल पहल थी। हो भी क्यों न, परिवार की होनहार बेटी मेधा, नाम के अनुरूप, बहुत बुद्धिमान थी। आज उंसकी शादी थी, और कल ही उसके जीवन के राजकुमार … Read more