एक सैनिक का जीवन आसान नहीं होता!! – मनीषा भरतीया

छत्तीसगढ़ गांव में संदीप नाम का लड़का रहता था…,उसके माता-पिता बहुत ही गरीब थे…. किसी तरह से ही वह अपने बेटे को शिक्षा दीक्षा दिला रहे थे…. बहुत कष्ट उठाकर और मजदूरी करके किसी तरह उन्होंने अपने बेटे को 12वीं तक की तो पढ़ाई करवा दी लेकिन अब उनकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी…. लेकिन … Read more

श्रापित औरत – मनीषा भरतीया

चार दोस्त बाई कार  डुवर्स जा रहे थे….. चारों में से बदल बदल कर कभी कोई तो कभी कोई ड्राइव कर रहा था…. क्योंकि सफर 10 से 12 घंटे का था…. इसलिए उन्होंने पेट्रोल की टंकी फुल करवा ली थी और पानी की 2 लीटर की 4 बोतलें भी रख ली थी…. क्योंकि जब उन … Read more

 वो सुनसान रात – आरती झा”आद्या”

आरुषि और वैभव की नई नई शादी हुई थी। एक दूसरे के माता पिता की पसंद थे दोनों। शादी से पहले एक-दूसरे को ना ही तो दोनों ने देखा था और ना ही बात की थी कभी। बहुत धूमधाम से शादी की रस्में सम्पन्न हुई और गठजोड़ के साथ ही दोनों जन्म जन्मांतर के साथी … Read more

वो आंसू भरी मुस्कान… ऋतु गुप्ता

वंदना सुबह से ही जल्दी-जल्दी काम में लगी थी, आज दुर्गा नवमी है और उसे घर की साफ सफाई के साथ-साथ  कन्या पूजन और कन्याओं के प्रसाद व भोजन की  भी व्यवस्था जो करनी है। वो अपने पति अजय से कहती है कि सुनिए  आप भी जरा जल्दी तैयार हो जाइए,हमें चामुंडा मां के मंदिर … Read more

 लेखा – जोखा  – डा उर्मिला सिन्हा

      पूरी महिला मण्डली में कोहराम मचा हुआ था,”मेरा मायका बड़ा “!    ” तो मेरा मायका उससे भी बड़ा “!   “मेरे भ‌ईया ने राखी पर झुमके दिलवाए “। “तो मेरे छोटे भाई ने कंगन”!, कोई रंग-बिरंगी सिल्क, बनारसी,बंधेज,छापेदार साड़ियों का तह खोलकर प्रर्दशन कर रही थी ।  तो कोई मन ही मन कुढ़ रही थी,”इतना कमाता … Read more

आखिरी मुलाक़ात – ममता गुप्ता

 मैं (रोहित)अपने घर की बाल्कनी में गर्मागर्म चाय के साथ बैठा था , रिमझिम बारिश की बौछार में बच्चो को देख अपना बचपन सोच के मुस्कुरा रहा था ।  मेरे जीवन मे ये बारिश की बौछार का अपना ही महत्व था , बच्चो को बारिश में भीगता देख  बारिश की पहली मुलाकात याद आ गयी … Read more

“उस रात का राज़” – कविता भड़ाना

राधा काकी आज बहुत खुश हैं,और हो भी क्यों नहीं,अभी थोड़ी देर पहले पड़ोस के गांव से वहा के जमींदार “राजबहादुर”के एकलौते बेटे के विवाह में विशेष रूप से ढोलक बजाने और मंगलगीत गाने का न्यौता जो मिला है, राधा काकी बेचारी बेऔलाद है और अभी कुछ सालो पहले पति के गुजर जाने से अकेली … Read more

सच्चा रिश्ता देह का  – स्मिता सिंह चौहान

अच्छा मामी जी ,आप मांजी के साथ चाय पीयो मै अपनी एक्सरसाइज की क्लास हो आऊ।” नैना ने अपनी मामीजी से बोला। “अरे हम कौन सा रोज ,रोज आते है ।चार दिन बाद तो हम चले जाऐंगे।कौन सा मैराथन मे दौड़ना है जो दो चार दिन की परैक्टीस ना होएगी तो हार जायेगी।”मामी जी ने … Read more

जिन्दगी आपकी फैसला किसी और का – कुमुद मोहन 

पति के देहांत के बाद प्रीति जी अपने बेटे कमल के पास गुरुग्राम आ गई थी। बेटा अभी कुँवारा था तो बेटा जब ऑफिस चला जाता तो घर खाली रह जाता,  इसीलिए शाम को नियमित रूप से सोसायटी के पार्क मे टहलने जाती थीं।  एक दिन टहलकर पार्क  के बेंच पर बैठ आराम कर रही … Read more

“पक्की सहेली” – नीरजा नामदेव

गाथा ने 6वी जब नए स्कूल में प्रवेश लिया तो यहां उसे एक नई सहेली मिली जिसका नाम था कथा। दोनों एक दूसरे का नाम सुनकर मुस्कुराने लगी क्योंकि दोनों के नाम का अर्थ एक ही था। धीरे-धीरे दोनों पक्की सहेलियां बन गई। कथा ने एक दिन गाथा से कहा” कल तुम घर में पूछ … Read more

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