निर्णय – डा.मधु आंधीवाल
सब आ चुके थे रजत की तबियत अधिक बिगड़ती जा रही थी । उर्बि को कुछ समझ नहीं आ रहा था । वह अपने को बहुत संभाले हुई थी । बच्चे बाहर थे दोनो बेटियाँ और बेटा सब शाम तक आजायेगे । रजत की लापरवाही से बीमारी बढ़ती गयी । अभी बच्चों की पूरी जिम्मेदारी … Read more