बिखरते अरमान – विनोद सांखला “कलमदार”

दुपहिया एवं कार डेकोर व्यवसायी नरेश जी अक्सर अपनी दुकान पर आए दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट खरीदने हेतु  प्रेरित किया करते, कभी-कभी तो लागत मूल्य में भी ग्राहकों को हेलमेट बेच दिया करते, पिताजी की यह आदत 20 वर्षीय राघव को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती, वह अक्सर कहा करता..!! ~ क्या पापा आप … Read more

मेरे पापा  – बेला पुनीवाला

            मुझे आज भी याद है, जब मैं छोटा था, तबसे मैं  थोड़ा ज़िद्दी था, मुझे जो भी चाहिए वो मैं लेकर ही रेहता था, अगर मुझे मेरी चीज़ ना मिले तो मैं पूरा घर सिर पे उठा लेता था, माँ भी कितना समझाती थी मगर मैं  किसीकी नहीं सुनता। मेरे दोस्त के पास जो … Read more

जीवन की आशा –   अभिलाषा “आभा”

मै कुछ दिनों के लिए सूरत आई हूंँ,अपने दूसरे बेटे पंकज के पास रहने के लिए। बड़ा बेटा पटना में रहता है। उसकी बहू पूनम से मेरी बनती ही नहीं। बड़ी मुश्किल से 3 महीने रह पाई उसके पास। अब ये छोटी रागिनी तो उससे भी तेज़ है। पंकज के साथ ही बैंक में नौकरी … Read more

अनजाने शहर मे जब कोई अपना सा लगे – मनीषा भरतीया 

मीनू जब 10 साल की थी, उसके माता-पिता की एक   एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। देख भाल करने वाला कोई था नहीं तो मामा मामी अपने साथ ले आए  बस तभी से मामी की जली कटी बातें सुनकर मीनू बड़ी हो रही थी। मीनू घर का सारा काम करती, झाड़ू पोछा करना, बर्तन … Read more

 एक शिक्षक का भी आत्म सम्मान होता है, – सुषमा यादव

मैं जैसे ही स्कूल आई तो देखा, बड़ा ही गमगीन माहौल है, सबके चेहरे उतरे हैं,, मैंने एक नज़र सबको देखा और पूछा, क्या हो गया है? , ऐसे सब कैसे मुंह लटकाकर बैठे हैं,,सभी स्टाफ वाले एक साथ बोल पड़े, मैडम, ट्रान्सफर लिस्ट आ गई है,, इसमें कुछ के नाम छोड़ कर सबका नाम … Read more

 भाई के होने से ही मायका होता है – प्रियंका सक्सेना 

भार्गव जी और भारती  जी की छोटी पुत्री अर्चना  अपने नाम के अनुरूप पवित्र ह्रदय और मन की निश्छल युवती है। बड़ी बेटी शमिता की शादी हो चुकी है।  शमिता का ससुराल इसी शहर में है। वह पंद्रह बीस दिनों में मिलने घर आ जाती है। भार्गव जी और भारती  जी ने  शमिता को पोस्ट … Read more

जीने की राह – अर्चना कोहली “अर्चि”

हर किसी की ज़िंदगी में कुछ पल अवश्य ऐसे आते हैं जब वह आत्मविश्वास की राह पर चलकर एक विशेष मुकाम हासिल कर लेते हैं। यह कहानी भी है- श्यामा नाम की एक ऐसी लड़की की, जिसने अपने हौसले और आत्मविश्वास के बल पर इच्छित मुकाम हासिल कर लिया। श्यामा को आज जब समाजसेवा के … Read more

*भगोड़ा* – सरला मेहता

चन्दन सेठजी व माधुरी की सर्वगुण सम्पन्न बेटी सुष्मिता की अपने घर में खूब चलती है। चले भी क्यूँ ना, छोटा भाई श्रवण ठहरा सीधा सा व शांत प्रकृति वाला। कोई भी उसे बुद्धू बना सकता है।  लोगों ने दबी ज़ुबान में उसे गोबर गणेश ही नाम दे दिया। सेठ जी अक्सर सेठानी को ताना … Read more

ईशानी” – दीपा साहू “प्रकृति”

वाह री किस्मत प्यार भी हुआ तो कोसो दूर बैठे उस लड़के से जिसे “ईशा” रत्ती भर नहीं जानती।कोरोना महामारी में जब सब काम काज़ ऑनलाइन हो चुका था,इस कंपनी से उस कंपनी मीटिंग मेलजोल आदि  ऑनलाइन माध्यम से हो रहे थे “ईशा” “शिवांशु” की मुलाकात भी हुई ऑनलाइन मीटिंग्स में।एक राज्य से दूसरे राज्य … Read more

जन्माष्टमी – विजय शर्मा “विजयेश”

गोपाल मिल का सायरन ऊँची आवाज में बजते ही गेट लोगो का सैलाब बाहर आता नजर आ रहा था। बाहर निकलने वालों में होड़ लगी हुई थी कौन जल्द से जल्द पहले निकले। यह इस शहर की सबसे बड़ी कपड़ा मिल है। यहाँ हजारों कामगार सुबह शाम और रात तीनों पालियों में काम करते हैं। … Read more

error: Content is protected !!