*विश्वास का हाथ* –  नम्रता सरन “सोना”

“आशी, बेटा ,ज़रा पापाजी को चाय बना दे बेटा, मेरे पैर मे बहुत दर्द है” राजेश्वरी जी ने बहू को पुकारा। “रहने दे बेटा, मुझे नहीं पीनी चाय” असीत जी जल्दी से बोले। “आप नही सुधरेंगे, आपको मेरे हाथ की चाय ही पीना है, है न” राजेश्वरी जी ने तिरछी नज़रों से पूछा। “जब मालूम … Read more

बादलों में दामिनी – ज्योति अप्रतिम

**************** रातभर पानी गिरा था। झोपड़ी और उसके बाहर दूर -दूर तक पानी ही पानी नज़र आ रहा था। झोपडी में भी कमर तक पानी भर गया था।दूर तक घर के टीन और एल्युमिनियम के बर्तन बहते नज़र आ रहे थे।मंगलू और उसकी पत्नी रात भर से पानी मे दो साल की गुड्डी को लेकर … Read more

*महा बेइमान** – मधुसूदन शर्मा

“चाय जरा जल्दी मंगाओ यार ! मुझे जाना है।” मनीष ने घड़ी देखते हुए कहा। “अभी तो शाम के छह ही बजे हैं, इतनी जल्दी घर जाएगा।” विनय ने आंखें गोल-गोल घुमाते हुए कहा। “अरे नहीं यार! तुम लोगों को तो पता ही है, अपना बचपन का यार गिरधर, इस जिले में बड़ा अफसर बनकर … Read more

ट्रेन की यात्रा – सीमा नेहरू दुबे

गनीमत है ज़िंदगी पूरी ना सही पर थोड़ी तौं लाइन पर आ रही है और ट्रेन का सफर उसी नोर्मल ज़िंदगी के सफर का हिस्सा है। मुझको भी बड़े दिनों बाद ट्रेन का सफर नसीब हुआ, वाह! क्या कहने!  मुझे तौ सच मे ये सफर बहुत सुहाना लगता है आप बैठे है और बाहर देखो … Read more

वो खौफनाक रात – कमलेश राणा

25 दिसंबर की वो खौफनाक रात जब भी याद आती है,,रोंगटे खड़े हो जाते हैं,,   उस दिन बड़े बेटे की बर्थडे थी,,सभी लोग बड़े खुश,,तय हुआ कि डिनर ग्वालियर में होटल में करके,,45 किलोमीटर दूर अपने गृहनगर लौट जायेंगे,,   डिनर 11बजे समाप्त हुआ ,,,पूरा परिवार साथ था,,दोनों बेटे,बहू,उसके दो बच्चे,हम पति-पत्नी और एक … Read more

 ‘ बरसात की वो रात..’ – विभा गुप्ता

 साक्षी ने रिपोर्टिंग का सारा सामान अपने हैंडबैग में रखा और कोर्ट जाने के लिए जैसे ही वह ऑटो में बैठी कि झमाझम पानी बरसने लगा। “ओफ्फ़ो,इस बारिश को भी अभी ही आनी थी, आज ‘ कमली केस ‘का फ़ैसला होना है, देर हुई तो पूरी रिपोर्ट देवकी तैयार कर लेगी और मेरा प्रमोशन फिर … Read more

सावन की पहली बारिश – डॉ पारुल अग्रवाल

बाहर बादल बहुत तेज़ गरज रहे थे, मूसलाधार बारिश हो रही थी। सर्दी की बारिश वैसे भी सबको घर के अंदर रहने को मजबूर कर देती है। दामिनी जी बड़ी सी हवेली में आग के सामने  आरामकुर्सी पर  बैठ अपने बीते दिनों को याद कर रही थी। एक समय कैसे ये हवेली हंसी और ठहाको … Read more

प्रचलन – गीतांजलि गुप्ता

गृह प्रवेश के बाद माँ ने बिंद्रा को आराम करने बैठक में बैठा दिया। दादा दादी की इच्छा थी कि वो अपने पोते की शादी गांव में करें और पिता जी ने उनकी बात मान भी ली। अमन अपनी शादी धूम धाम से बड़े होटल में करना चाहता था। बिंद्रा के पिता भी ये ही … Read more

बरसात की वो रात – संगीता अग्रवाल

” निखिल अब हम घर चलते है आप देवर जी का ध्यान रखियेगा सुबह ऑपरेशन से पहले मैं आ जाउंगी !” नीलम उठते हुए पति से बोली। ” नीलम इतनी रात को तुम दोनों वापिस कैसे जाओगी बारिश के कारण कुछ ज्यादा ही सन्नाटा है और दुबारा कभी भी बारिश आ सकती है !” निखिल … Read more

वो खौफनाक रात  ( डरावनी कहानी) – पूजा मनोज अग्रवाल

पिछले हफ्ते के दार्जिलिंग ट्रिप की वजह से मिताली को ऑफिस में ओवरटाइम करना था । काम की अधिकता से आज फिर वह ऑफिस से घर निकलने के लिए लेट हो गई थी । उसने जल्दी से अपना काम निपटा कर अपना बैग उठाया और छाता लेकर बाहर की तरफ आ गई । मौसम विभाग … Read more

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