बहना चाहे भाई का प्यार-सुधा जैन  

अनुराधा के बेटे अनुराग की शादी है ।अनुराधा अपने पति आनंद के साथ शादी की तैयारी कर रही है, पर मन में बार-बार एक कसक सी उठती है …और कसक मायके को लेकर है। 10 वर्ष हो गए उसे मायके से संबंध तोड़े हुए …. तबसे ना मम्मी पापा को देखा, और ना भैया ,भाभी, … Read more

किराए का घर – तृप्ति शर्मा

सारा घर पोटली बने हूए सामान से घिरा हुआ था तभी राघव की आवाज़ आई, “जानवी ओ जानवी समेट लिया घर, बांध लिया सारा सामान तुमने?,” जानवी सोचती रह गई, “समेट लिया घर”  ये वाक्य उसके दिमाग में बार बार आता जाता रहा। अभी जैसे कल की ही बात हो वह अपने पति और दो … Read more

” यह कैसी बरसात…? ” –  रणजीत सिंह भाटिया 

 बरसात अपने पूर्ण वेग पर थी l  रजत छतरी लेकर भी पूरी तरह से भीग गया था l ऑफिस से घर थोड़ी ही दूरी पर था lतो पैदल ही आना जाना होता था l घर पहुंचकर रजत ने दरवाजा खटखटाया पत्नी सुधा ने दरवाजा खोला  ”  अरे आप तो पूरे भीग गए चलो कपड़े बदल … Read more

अनकहा प्यार – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

काले काले बादलो ने आसमान मे डेरा डाल दिया।मुक्ता तेजी से लान की तरफ दौड़ी, सूखे हुए कपड़ो को हटाने के लिए। बूंदो ने झमा झम बरसना शुरू कर दिया। कपड़े उतारते-उतारते मुक्ता काफी भीग चुकी थी।अन्दर आते ही उसने छींकना शुरू कर दिया। मा॑ बड़बड़ाते हुए बोली – “मुक्ता मैंने तुझसे कितनी बार कहा … Read more

भूत की उपस्थिति – भगवती सक्सेना गौड़

नोट…कमजोर दिलवाले न पढ़े अजय सोने की कोशिश में लगे थे, पर नई जगह उसे नींद भी नही आ रही थी। आज ही दिल्ली में नए किराए के फ्लैट में रहने आया था। आधी रात को झपकी आयी, तो एकाएक लगा कोई उसके बिस्तर पर लेटा है, कूदकर उठ बैठा। लाइट जलाई तो कोई दिखा … Read more

वो गुलाबी दुपट्टा – सरला मेहता

” वीरा ओ वीरा ! कहाँ है बहना, राखी नहीं बाँधनी तुझे। ” निहाल पूरे घर में चक्कर लगा चुका है। लेकिन वीरा छत पर खड़ी पड़ोस वाले घर को देख अतीत की यादों में खोई है,,, ” इसी घर में उसका सबसे अच्छा दोस्त रहता था। दो शरीर व एक जान थे वे। शेरा … Read more

चुभता सावन –   कविता भड़ाना

सावन की झड़ी लगी हुई है,रह-रहकर भयंकर गर्जना करते काले बादल और मूसलाधार हो रही बारिश से मौसम बहुत ही सुहाना हो रहा है। हरे भरे पेड़ भी झूम-झूम कर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं और मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू वातावरण को मादक बना रही है। 60 बसंत देख चुकी कुसुम जी … Read more

बैरी पिया….. – रश्मि प्रकाश

बहुत दिनों से घर में बंद बंद सौम्या का मन उचाट सा हो गया था.. पति अनुज सप्ताह के छह दिन ऑफिस और एक छुट्टी में घर में पाँव पसार कर सोया रहता…. ऐसे में सौम्या करें तो क्या और अकेले बाहर उसे जाना पसंद नहीं था… हर बार नई जगह जाकर दोस्त बनाना उसने … Read more

मेरा कन्यादान मेरी मॉं का हक क्यों नहीं ? – रश्मि प्रकाश

“राशि बेटा देख ये साड़ियां कैसी है? ”कहती हुई मॉं ने चार पाँच साड़ियाँ उसके सामने फैला दी “बेटा तुम्हारी शादी है और तुम ही मुंह फुलाकर बैठी हो? घर में सबकुछ मुझे ही देखना है ना बेटा तेरे भाई भी अभी छोटे हैं …..तुम मदद नहीं करोगी तो मैं अकेले कैसे संभालूं? तुम्हारे पापा … Read more

प्रीत का दामन छूटे ना – गुंजन आनंद गोगिया

उत्तराखंड की पहाड़ियों में होने वाली बरसात का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। ये बात उन दिनों की है जब मोबाइल फोन का चलन शुरुआती दौर में था। जिसके कारण हर इंसान ना तो महंगे मोबाइल खरीद सकता था और ना हर जगह उसके सिग्नल मौजूद थे। आम आदमी टेलीफोन पर ही निर्भर था।आज … Read more

error: Content is protected !!