एक ननद  ऐसी भी – नीलिमा सिंघल

अमन और रश्मि के विवाह को 3 साल बीत गए थे,, पर अमन की माँ ने कभी दिल से नहीं अपनाया था रश्मि को ,,उनको यही डर लगा रहता कि कहीं बेटा मुहँ ना मोड़ ले,,,अमन ने बहुत बार माँ को समझाना चाहा पर सीमा जी जैसे कुछ सुनना ही नहीं चाहती थी,,, रश्मि को … Read more

फ़ैसला – प्रीति आनंद अस्थाना

“मैं नहीं रह सकता अब एक भी दिन इस जाहिल औरत के साथ! इसके शक्ल से चिढ़ हो गई है मुझे!” अविनाश की तेज आवाज़ सुन शोभना जी ड्रॉइंग रूम में पहुँची तो वहाँ का नज़ारा कतई ख़ूबसूरत नहीं था। काँच के टुकड़े ज़मीन पर बिखरे हुए थे। कार्पेट गीला हो रहा था। अविनाश का … Read more

दादा -दादी की कहानी – बेला पुनेवाला

  मैं hostel में दादा दादी को याद कर अपनी सहेली प्रिया को उनके बारे में बता रही थी, की ” मेरे दादा और दादी दुनिया में सबसे प्यारे और सबसे अनोखे दादाजी और दादी है, उनकी love story बड़ी दिलचस्प है, और वो दोनों भी।             मेरे दादाजी और दादी एक दूसरे से जितना लड़ते है, … Read more

किस्मत – सुमन अग्रवाल “सागरिका”

डोर वेल की आवाज……शायद पूजा होगी शारदा ने जाकर दरवाजा खोला देखा तो सामने बहू (पूजा) ही थी। बहू– माँ जी मेरा सिर दुख रहा है मेरे लिए अच्छी सी अदरक वाली कड़क चाय बना देना साथ में गरमागरम करारे पकौड़े शारदा रसोई में गई पूजा के लिए चाय व पकौड़े ले आई फिर शाम … Read more

वो “अपनी” सी –  तृप्ति शर्मा

लिफ्ट की तरफ जाते हुए ,उससे लगभग टकराने से बची थी मैं, बचाने के लिए अपना हाथ दिया उसने, परिचित सा वो अहसास ,,जिसे सालों से जीने के लिए बहुत जतन किए थे मैंने। वही चेहरा,वैसी ही बड़ी बड़ी आंखें, जिंदगी जीने की चाहत लिए । आप ठीक तो है उसकी आवाज सुनी तो दबे … Read more

“घर का मर्द” – अंजु अनंत

गंगा जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाती हुई शांति कुंज की तरफ बढ़ रही थी, आज उसे फिर से देर हो गई थी काम पर जाने में। दोनों बच्चों को स्कूल भेजकर खुद काम के लिए निकलती है, उसका पति बुधराम शराबी है। काम-धाम करता नहीं है, इसी कारण गंगा को लोगों के घरों में काम करना पड़ता … Read more

नेहा – कंचन श्रीवास्तव

***””””””   चेहरे का नूर लोगों को कसकता है ,पर क्या ? करें ।उनके वश में नहीं कि छीन सके हालांकि की कोशिश बहुत रहती है ,पर ऐसा कर नहीं सकते ।इसलिए हाथ मल कर रह जाते हैं। ये बात काफी दिनों से नेहा आसपास रिश्तेदार दोस्त यार सभी में नोटिस कर रही पर कह … Read more

बहु बेटे भी इसी ग्रह के प्राणी हैं। – सुधा जैन

लॉकडाउन के समय मेरी बाई माताजी  का निधन हो गया ,तब हम तो नहीं जा सके। मेरी भाभी ने उन्हें सुहागन के रूप में तैयार करके विदा किया ,और सभी कार्यक्रम किए। हम लोग जब बाद में गए तब हमने देखा कि मेरे बाबूजी, जो कि वृद्ध हैं ,रात को उनका जी घबराता है ,तब … Read more

फूलवाली – गोविन्द गुप्ता

हरे हरे फूलों के पौधों के बीच एक छोटी सी झोपड़ी और उसमें सुई से माला बनाती राधिका छोटी सी बेटी को गोद मे लिये दुग्धपान करा रही थी माला बनाते बनाते ही वह ख्वाव में बेटी के भविष्य के बारे में सोंच रही थी कि यह पौधे इतने फूल देंगे कि हम बहुत सी … Read more

छलावा – रीटा मक्कड़

मीना को समझ नही आ रहा था कि आजकल राजीव के मन मे क्या चल रहा है। उसको ऐसा लग रहा था कि आजकल राजीव उस पर कुछ ज्यादा ही ध्यान देने लगे हैं। उसके साथ समय बिताने के बहाने ढूंढते रहते हैं।उसने खाना टाइम से खा लिया कि नही।उसको कुछ चाहिए तो नही। दिमाग … Read more

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