बारिश वाली वो रात” – सीमा वर्मा
फैरेडे हॉस्टल का कमरा नं. छब्बीस मेहुल और हमीदा दोनों बेखबर सोई हैं।रात के करीब पौने बारह बज रहे हैं। अचानक एक धमाका-बिजली की कड़क से मेहुल हड़बड़ा कर उठ बैठी। बाहर जोर से बिजली चमक रही है। बादल गरज रहे हैं। साथ ही उसका दिल भी बुरी तरह धड़क रहा है। मेहुल ने माथे … Read more