कसक –    मुकुन्द लाल

अंधेरी रात में मूसलाधार बारिश हो रही थी। रह-रहकर बिजली चमक रही थी। बादल गरज रहा था।। हवा तूफ़ान की तरह तेज गति से बह रही थी। नालियों में वर्षा का पानी ‘घर्र-घर्र’ की आवाज के साथ बह रहा था। पेड़ों की डालियाँ बेतरतीब ढंग से हिल रही थी, मानो टूट कर गिर जाएगी। ऐसा … Read more

खुशियों की बरसात। – ममता गुप्ता

ठंडी ठण्डी हवाए…औऱ रिमझिम बूंदों  की हल्की फुल्की बारिश का आनंद लेते हुए सरला जी अपने फोन की गैलरी में सहज कर रखी हुई यादो का आनन्द ले रही थी,परिवार के साथ इतनी प्यारी यादो को फ़ोटो के रूप में देखकर मन ही खुश थी,तो उन्ही आंखों में थोड़ी नमी भी थी। “जब बेटा बहूऔऱ … Read more

अनोखी विदाई – गुरविंदर टूटेजा

     निम्मी की शादी की तैयारी बड़े जोरो-शोरों से चल रही थी…हर कोई अपना काम बड़ी समझदारी से संभाल रहा था…होना ही था सबकी लाडली व पाँच भाइयों की इकलौती बहन थी..!!   तैयारियों के साथ आज जब होटल जाना था वो दिन भी आ गया था..निम्मी के पापा नहीं थे तो उसने घर से विदा … Read more

उसका जाना-शालिनी दीक्षित 

रुचिका की आँख आज सुबह जल्दी खुल गई, खिड़की के पर्दे हटा कर देखा तो मन खुश हो गया; मौसम सुहाना था, समुद्र भी उफान पर दिख रहा था। उसने तुरंत घड़ी पर नजर दौड़ाई सुबह के छः ही बजे थे और उसकी मीटिंग ग्यारह बजे है । चलो रुचिका जी अभी सैर कर के … Read more

नायाब तोहफा – कंचन श्रीवास्तव  

*********** वर्षों हुए पीहर गए सोचती हूं हो आऊं,जब से तुम्हारे बाबू जी नही रहे गई नहीं।कहते हुए ए टी एम कार्ड पकड़ाया और कहा लो राम पांच हजार रूपए निकाल लाओ।जिसे पास बैठा कुक्कू भी सुन रहा था । हां ये सुन राम के  हाथ पैर जरूर  फूलने लगे। और कल का पूरा दृश्य … Read more

जिंदगी के सफ़र में – अमित भिमटे

“रीना जल्दी आओ अपनी पसंद का गाना आ रहा है….. टीवी पर” राजीव ने किचन में काम कर रही उसकी पत्नी रीना से कहा। टीवी पर ” जिंदगी के सफ़र में गुजर जाते हैं जो मुक़ाम वो फिर नही आते ….!” गाना आ रहा था,  रीना किचन से ही बोली” तुम सुनो राजीव, थोड़ा साउंड … Read more

“दिव्याश्रम- जया यादव

 दिव्याश्रम में दो दिन से तनाव पूर्ण वातावरण बना हुआ है। दीदी माँ श्वेताम्बरीजी अपने क्रोध पर अँकुश नहीं कर पा रही थीं । आज तक दिव्याश्रम में ऐसा नहीं हुआ कि कोई साध्वी आश्रम का परित्याग करके वापस साँसारिक होने की बात करे।  कितना समझा रही हैं वे श्रद्धेश्वरी को, पर उसने तो जिद … Read more

अधूरे ख्वाब – इंदु कोठारी

अनुराधा  बहुत खुश थी , पर नींद आंखों से कोसों दूर ,मन में उथल-पुथल । उसने थोड़ी देर के लिए आंखें बंद करनी चाहीं ।कि तभी दूसरे कमरे से एक फिल्मी गाने की धुन…सुनाई पड़ी। रोहन अक्सर इसी गाने को गुनगुनाया करता था । ओह ! कितने सालों बाद आज बरबस ही यह धुन…उसको अपनी … Read more

सर्वोच्च बलिदान…- साधना मिश्रा समिश्रा   

अरुण सिर्फ़ एक साल बड़ा था वरुण से। छः साल का वरूण और सात साल का अरुण। दोनों भाई आधे घंटे से अपने टैम्पो का इंतजार कर रहे थे जो उन दोनों को रोज प्राथमिक विद्यालय लाती और ले जाती थी लेकिन आज अभी तक आई ही नहीं थी। घर पांच किलोमीटर की दूरी था। … Read more

कुछ दिल ने कहा !!! – के. कामेश्वरी

लीला स्कूल से आकर उदास बैठी थी । वासंती ने बहुत कोशिश की कि वह कुछ बोले पर लीला चुप थी । वासंती को मालूम है कि लीला ज़्यादा देर तक चुप नहीं रह सकती । हाथ पैर धोकर खाना खाते हुए लीला वासंती से कहने लगी… देखो न माँ पिछली बार जब रक्षा पेंसिल … Read more

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