उचित निर्णय – डॉ शिखा कौशिक ‘नूतन’
” ….आज पूरे पांच वर्ष हो गए अन्नपूर्णा से न मिले लेकिन ह्रदय आज जितना व्याकुल हो रहा है उतना पिछले पांच वर्षों में कभी नहीं हुआ | अन्नपूर्णा तो और लोग कहते थे …मेरे लिए तो केवल ‘ अन्नू ‘ थी वह ——-मेरी प्रियेसी , मेरी दोस्त —-मेरा सर्वस्व | आज भी याद है … Read more