हिन्दी मे सुविचार

जिसे जीना आता है वह बिना किसी सुविधा के भी ख़ुश मिलेगा| जिसे जीना नहीं आता वह सभी सुविधाओं के होते हुए भी दुखी मिलेगा| जिंदगी म्यूजिक प्लेयर नहीं है जिसमें आप अपनी पसंद के गीत सुन सके| जिंदगी एक रेडियो है| उसमें जो भी आ रहा है उसी से मनोरंजन करे|  एक कौवा ये … Read more

हिन्दी मे सुविचार

घमंड हमेशा हार दिलाता हैएक मूर्तिकार थाजिसकी शोहरत देशविदेश में थी।वह ऐसी सजीव मूर्तियां बनाता था जो बिल्कुल असली लगती थीं।उसे इस बात का घमंड था।जब मूर्तिकार को लगा कि उसकी मौत नजदीक है तो मैं बताता कि मूर्तियां तो सुंदर हैं,लेकिन इनमें कुछ गलतियां हैं।यह सुनते ही मूर्तिकार का घमंड जाग गया।वह उठकर बोला, … Read more

हिन्दी मे सुविचार

बहोत गुरुर न कर अपने आप पे ऐ दोस्तमिट्टी का खिलौना हैटूटकर बिखरता है ख़ौफ़ नहीं मुझको दरिया की गहराई से जिसमें डूबने का हुनर हो वो उभरता है| हालात से लड़ता रहूँगा तब तक ‘तनहा’, जबतक बिगड़ा मुक़द्दर नहीं सँवरता है| तलाश करीये मेरी कमी को अपने दिल मे दर्द हो तो समझ लेना, के रिश्ता … Read more

हिन्दी मे सुविचार

जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,उंगली उठे तो बेइज्जती, और अंगूठा उठे तो तारीफ मतलबी नहीं मैं बस दूर हो गयी हूँ..उन लोगों से जिन्हे मेरी कदर नहीं. ‘रिश्ते’ और रास्ते’ के बीच,एक अजीब रिश्ता होता हैकभी ‘रिश्तों‘ से ‘रास्ते’ मिल जाते है और कभी ‘रास्तों’में ‘रिश्ते’ बन जाते हैं! इसीलिएचलते रहिये और … Read more

हिन्दी मे सुविचार

जीतने का सबसे ज्यादा मजा तब आता है जब सारे आपके हारने का इन्तजार कर रहे हो। दुनिया में सबसे वजनदार खाली जेब होती है, चलनामुशिकल हो जाता है. जिनके दिल अच्छे होते हैं उनकी किस्मत खराब होती है रात भारी चाँद फ़ीका सितारे खट्टे जुगनूं नुकीले सारी रंगीनियां बेरंग है मेरे हमदम तेरे बगौर … Read more

राजा साहब (भाग 1 ) – रश्मि प्रकाश

“अरे बाबू आपको क्या ज़रूरत पड़ी थी इस गाँव में आकर अपना बुढ़ापा काटने की…. पैदल चलते चलते हम सब थक गए हैं पर आप में अभी भी जोश है जाने कितने कोस की दूरी और तय कर लेंगे ।” हरिया ने राजा साहब से कहा शहर से साथ आए परिवार के सदस्य भी थक … Read more

राजा साहब (भाग 2 ) – रश्मि प्रकाश

दूसरे दिन तड़के हरिया उस गाँव की ओर निकल गया। दो गाँव पार कर के उसके गाँव पहुँच गया। क्या कह कर घर के अंदर जाए इसी असमंजस में था कि उसपर एक आदमी की नज़र पड़ गई ,“ क्यों भाई किसको खोज रहे हो… तुम्हें पहले तो कभी नहीं देखा है… चौधरी साहब के … Read more

राजा साहब (भाग 3 ) – रश्मि प्रकाश

दस दिन किसी तरह बीत गए बच्चों को भी गाँव में मन लगने लगा था…हर दिन खेतों पर जाना.. ताजी ताजी सब्ज़ियाँ तोड़ कर लाना… नए नए अनुभव लेकर अब उनके जाने का दिन आ गया था। राजा साहब चाहकर भी बच्चों को रोक नहीं सकते थे क्योंकि सोहम और सोहा के स्कूल जो खुलने … Read more

राजा साहब (भाग 4 ) – रश्मि प्रकाश

सोना ने बहुत अच्छी तरह से रज्जु की देखभाल की ज़िम्मेदारी उठा ली थी। सोहम और सोहा शाहर जाने के इंतज़ार में बस अब दिन गिन रहें थे क्योंकि उनकी पढ़ाई का नुक़सान हो रहा था.. संग लाई किताबें पढ़ तो रहे थे पर स्कूल के दोस्तों को याद करते रहते थे गाँव में जो … Read more

राजा साहब (भाग 5) – रश्मि प्रकाश

सोना ने बहुत अच्छी तरह से रज्जु की देखभाल की ज़िम्मेदारी उठा ली थी। सोहम और सोहा शाहर जाने के इंतज़ार में बस अब दिन गिन रहें थे क्योंकि उनकी पढ़ाई का नुक़सान हो रहा था.. संग लाई किताबें पढ़ तो रहे थे पर स्कूल के दोस्तों को याद करते रहते थे गाँव में जो … Read more

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