बालक की पुकार – डॉ संजय सक्सेना

कोई मेरे बेटे को बचा लो…… डॉक्टर मेरी ऑक्सीजन निकाल कर मेरे बेटे को लगा दो….. यह मासूम है ज्यादा समय संघर्ष न कर सकेगा…. डॉ प्लीज…. मेरी बात सुनो अर्पिता ने आईसीयू में भर्ती होते अपने बेटे को बचाने के लिए गुहार लगाई। दरअसल एक दिन पहले ही अर्पिता को कोविड-19 के कारण सरकारी … Read more

सिसक (कुसूर किसका) – रीमा ठाकुर

ये ऐसी दो युवतियो की कहानी है ।जो  मिलन के साथ “शुरु और बिछोह के साथ “अन्त तक की प्रेम कहानी है, मूझे नही पता इस में  अच्छाई या बुराई क्या है !अपितु मेरा मानना ये आज की पीढी की ज्वलन्त समस्या हैं , मैने बस आपलोगो की  कसौटी पर खरी उतर जाए ,इस बात  … Read more

सलौनी  – पुष्पा जोशी

धनीराम और दीनदयाल दो पड़ोसी थे। धनीराम कपड़ों का व्यापारी था और दीन दयाल शासकीय विद्यालय में लाइब्रेरियन था।उसे पुस्तकें पढ़ने का और उससे तरह -तरह की जानकारी प्राप्त करने का बहुत शौक था, राजनीति, विश्व की भौगोलिक स्थिति, इतिहास सब के बारे में वह अच्छी-खासी जानकारी रखता था।सीधा-सरल व्यक्तित्व था उसका।शायद उसका यही गुण … Read more

 उसका खत – शालिनी दीक्षित

“तनु ओ तनु ! क्या आज दिन भर मोबाइल में ही लगी रहोगी चलो अब तैयार हो जाओ।” प्रिया थोड़ा गुस्से में बोली। आज तनु का जन्मदिन है तो दोनों खाना खाने रेस्टोरेंट जा रहे हैं। “हाँ मौसी ! अभी तैयार होती हूँ।” बोलकर तनु प्रिया के पास गई और उसके गले में बाहें डालकर … Read more

*कल,आज और कल* – *नम्रता सरन”सोना”*

“अरे यार, ये बाबूजी फिर लैट्रीन में गिर गए हैं, जाओ ,उठाओ उनको” चित्रा ने खिसियाते हुए कहा। “अरे यार, मुझसे नहीं होगा, वो लथपथ हो जाते हैं, मेरा जी घबराता है,मितली आने लगती है, भिकन को फोन लगाता हूं, अभी मोहल्ले की झाड़ू लगा रहा होगा ” विवेक ने नाक भौं सिकोड़ते हुए कहा। … Read more

किराए की कोख – अनुपमा

इमली नई नई शहर आई है , राजू अपने पति और दो बेटों के साथ , गांव मैं कुछ नही बचा था ,खुद की कोई जमीन थी नही , दूसरों के यहां मजूरी करने के बाद अंत मैं 2 रुपए भी नही बचते थे , बच्चे बड़े हो रहे थे तो काम की तलाश मैं … Read more

उड़न परी – अनुपमा

( सच्ची घटना पर आधारित )  पापा पापा मुझे भी उड़ना है आप कब ले जाओगे मुझे अपने साथ … अशोक को उसकी बेटी काशू ने नींद से उठा दिया , अशोक अपनी बेटी को गोद मैं लेकर बाहर बालकनी में आ गया और उसे आसमान मैं उड़ते पक्षी दिखाने लगा , कोई हवाई जहाज … Read more

स्वाभिमान तो बेटी ही बढा़येगी!!  – मनीषा भरतीया

बाबूजी बाबूजी मुझे भी भाई की तरह एक साइकिल दिला दो ना क्योंकि हमारे गांव में तो कक्षा 10 तक  ही स्कूल है…मुझे आगे पढ़ने के लिए हमारे गांव से 5 किलोमीटर दूर पढ़ने जाना पड़ेगा…. हां हां लाडो मुझे याद है मैं कल ही तेरी साइकिल की व्यवस्था करता हूं….. तभी रानों की दादी … Read more

 बेटी : माँ की ढाल – गुरविंदर टूटेजा

   मेहर बेटा तुम बताओ कौनसे होटल चलना है…पापा ने पूछा..!!    मेहर ने आवाज लगाई…मम्मी जल्दी इधर आओ और आप बताओ कि कहाँ चलना है…??     दादी बोली कि मेहर तुम बताओ ना बेटा….नीलिमा क्या बतायेगी..?    दादी !मम्मी क्यूँ नहीं बता सकती..?   इतने में पापा ने कहा…मेहर तुम दादी से बहस क्यूँ कर रही हो तुम्हें नहीं … Read more

बेटे ने किया पराया बेटी ने अपनाया – सरगम भट्ट

कांति जी का हंसता खेलता पांच बच्चों का परिवार था , चार बेटियां और एक बेटा । बेटा सबसे छोटा था जो दो बेटियों के ब्याह के बाद हुआ था । सबसे छोटा और एकलौता होने के कारण कांति जी और राधेश्याम जी उसे खूब लाड़ प्यार करते थे , उसे अकेले कहीं जाने नहीं … Read more

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