लाड़ो – कमलेश राणा
जानकी को प्रसव पीड़ा हो रही थी,, मानव ,,मानव ,,जल्दी कार निकालो,,जानकी को दर्द हो रहे हैं,,अभी हॉस्पीटल ले जाना पड़ेगा,, अभी निकालता हूँ,,माँ,, राधिका बेचैन हो रही थी,,बहू का दर्द उससे देखा नहीं जा रहा था,,साथ ही उसकी आँखो में डर भी था बेटी पैदा होने का,, उसे रह- रह कर अपने दिन याद … Read more