मां जी!! लड़के की शादी लड़के से होगी क्या? – सरगम भट्ट 

एक तो ऑपरेशन से बच्चा जनी , वह भी बेटी ! पता नहीं क्या होगा मेरे बेटे के वंश का ।। शारदा जी का यह अलाप “!!!! लगभग महीने भर से चालू था । शारदा जी अपने इकलौते बेटे ” कार्तिक ” की शादी धूमधाम से , अपनी पसंद की लड़की अंशिका से की थी … Read more

अल्हड़ इश्क़ – अभिलाषा आभा

जाने क्यों आज मुझे घड़ी की टिक टिक की आवाज बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी। मन कर रहा था की घड़ी को उतार कर फेंक दूं। अचानक घड़ी की तरफ देखते देखते मैं 3 साल पीछे चली गई और आंँखों के सामने वह सारा मंजर घूम गया,जिसने मेरी दुनिया ही बदल दी। मैं … Read more

 रईस खानदान की बहू  – Moral Story In Hindi

विपिन एक बहुत बड़े कारोबारी का बेटा था और मैं एक प्राइवेट शिक्षक की बेटी। पापा के नहीं रहने के बाद मांँ ने पापा की जगह ले ली। छोटी मोटी नौकरी करके उन्होंने हम चारों भाई बहनों को अच्छी शिक्षा दी। मैं नौकरी करना चाहती थी क्योंकि मैं अब अपनी थकी हुई मांँ को आराम … Read more

और फूल खिल गए! – ज्योति व्यास

अरे लल्ला ! यहाँ अकेले काहे बैठे हो ? वो भी इतने उदास ! क्या हो  गया? कुछ नहीं भाभी माँ !बस यूं ही। हमसे न छुपाओ। हमारे सामने नेकर पहनना भी नहीं आती थी। कल तुम्हारा ब्याह हुआ है ,आज यहाँ उदास बैठे हो और कहते  हो कुछ नहीं हुआ ! भाभी एक ही … Read more

जो जस करहिं तस फल चाखा – प्रीति आनंद

*********************** “श्रद्धा! कहाँ व्यस्त हो? कब से बोला हुआ है आँगन की धुलाई कर दो, मुझे पूजा करनी है?” “जी माँजी, प्रतीक का टिफ़िन पैक कर रही थी, उन्हें आज जल्दी निकलना है।” “तो जल्दी उठना था न? मेरे काम में ही तेरी सारी कामचोरी निकलती है!” प्रतीक दरवाज़े पर खड़ा टिफ़िन का इंतज़ार कर … Read more

हाऊस वाइफ – रचना कंडवाल 

अरे भई रीमा नाश्ता तैयार हो गया क्या? मुझे ऑफिस के लिए देर हो रही है।अमर ने बेडरूम से आवाज दी।रीमा बाबू जी को दलिया उनके रुम में दे कर बाहर आई। तो अमर ने उसे गुस्से से घूरा जल्दी से हाथ नहीं चला सकती हो। रीमा ने उसी शांत भाव से कहा अभी लाती … Read more

जीवन की शाम – नीरजा कृष्णा

मीता सुबह चाय लेकर आई…जगत बाबू आँखों पर बाँह फैलाऐ चुपचाप लेटे थे…आँखें नम थीं…वो चिंतित होकर पुकार बैठी,”पापा चाय…क्या बात है…अभी तक लेटे हैं…आप तो बहुत जल्दी उठ जाते हैं।” वो चौंक कर उठ बैठे और नज़रें चुराते हुए चाय का कप थाम लिया… वो वहीं कुर्सी खींच कर बैठ गई,” पापा, जब से … Read more

वापिसी.. -रीटा मक्कड़

आज अनिता का मन सुबह से बहुत ज्यादा ही उदास था। बार बार आंखें छलक रही थी। सुबह से रात होने को आई थी लेकिन उसकी ज़िन्दगी का सूनापन और अकेलापन तो हर उगते सूरज और हर ढलती शाम के साथ बढ़ता ही जा रहा था। आज उसके पतिदेव मनोहर लाल  का जन्मदिन था। कहाँ … Read more

सच्चा उपहार – अनुपमा

  कितना भी रोक ले , पानी से मुंह धो ले बार बार पर जब तक पापा आते , दोनो की दोनो सो चुकी होती ,इंतजार करते करते निढाल सी हो जाती बेचारी दोनो की दोनो । गोपाल जैसे ही घर पहुंचा उसने अपनी दोनों बेटियों को आवाज लगाई … जल्दी आओ रानू गोलू देखो … Read more

आखिर वह कौन थी – कविता भड़ाना

रिमझिम हो रही तेज बारिश देख कर आज मन में हलचल मची हुई थी मन ही मन बहुत खुश होकर अपना पसंदीदा गाना गुनगुना रही थी बारिश का मौसम वैसे भी मेरा फेवरेट मौसम है बहुत दिनों के बाद आज घर में अकेले रहने का मौका मिला था एक संयुक्त परिवार में रहने वाली मैं … Read more

error: Content is protected !!