साहसी कदम – डा. मधु आंधीवाल

आज अवनी आई बहुत खुश लग रही थी । आकर मेरे से लिपट गयी । मैने कहा कैसी हो बेटा वह हंस कर बोली आपके सामने खड़ी हूँ ना । मै बीते दिनो में पहुंच गयी एक प्यारी सी मनमोहक छवि की मालकिन अवनी मेरी सबसे अधिक  करीबी थी । मेरे ही पड़ोस में  मि. … Read more

“बैसाखी ” – रंजना बरियार

बैसाखी तब पन्द्रह वर्ष की ही थी जब राम सिंह, मुखिया जी के बेटे ने प्रेम का झाँसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया करता था..गर्भ से होने पर उसने शादी का दबाव बनाया तब भी बहाने बनाकर वो शोषण करता रहा..टालता रहा,पाँच माह का गर्भ होने पर वो पढ़ाई के बहाने गाँव छोड़ कर कहीं … Read more

एक छोटी सी बात – प्रतीक खंडेलवाल

शीतल सुनो यार जल्दी टिफिन बना दो ऑफिस को लेट हो रहा हूं और वो मेरी घड़ी कहां है और ये पर्स में से पैसे लिए थे क्या…   रवि ने कहा इंसान हूं कोई मशीन नहीं मैंने कोई पैसे नहीं लिए और तुम्हारे सारे कामों का ठेका मेरा नहीं है खुद भी चीजों को … Read more

मेरा क्या कसूर  – रीता खरे

 यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही अनु भी सुन्दर सुन्दर सपने सजाने लगीं थी, वह भी किसी सुन्दर राजकुमार के आने की प्रतीक्षा करती, पर वह जानती थी कि मध्यम परिवार एवं साधारण रूप के आगे असाधारण गुण विफल हो जाते हैं ।       ग्रेजुएट होते होते उसकी कई सहेलियां प्रणय बंधन में बंधने लगी  … Read more

दहलीज – गौतम जैन 

कई वर्षों पश्चात घर की ” दहलीज ” पर कदम रखते ही राजू सर से पांव तक कांप गया…. आंसुओ का समंदर जो अब तक ठहरा हुआ था… हिलोरें मारने लगा… तट बांध तोड़ने को आतूर हो गया।जैसे ही अंदर निगाहें गई… बांध टूट ही गया । सामने ही रिश्तेदारों से घिरी “मां” । व … Read more

लायक – गौतम जैन

सायरन की आवाज के साथ ही एम्बूलैंस तेजी से अस्पताल में आकर रुकी । पेशेन्ट को तुरंत स्ट्रेचर में आपरेशन थियेटर में  लाया गया  और आपरेशन शुरू हो गया ।       सुरेश ने अस्पताल की सारी औपचारिकताएं पूरी की और तीन लाख रुपए जमा करवा दिए । और पापा की सलामती की प्रार्थना करने लगे।        करीब … Read more

डैजी –  गरिमा जैन

शाम ढलते ही पास के कॉफी शॉप जाना रोहन को बहुत पसंद था।वह उसकी पसंदीदा जगह थी ,उसके अकेलेपन को  दूर करने का एकमात्र जरिया। कॉफी शॉप में ही खेलने के लिए बाउलिंग का गेम था जिसे खेल के रोहन बहुत रिलैक्स महसूस करता था। रोहन ने इतने सालों में थोड़े बहुत पैसे इकट्ठा कर … Read more

प्रेम के रंग – सीमा वर्मा

स्थानीय इंजिनियरिंग कॉलेज में दूसरे बर्ष के छात्र रीतेश और ज़ारा में कुछ तो गुपचुप अवश्य चल रहा है। जा़रा जितनी प्यारी है ,उतनी ही मीठी उसकी आवाज। रीतेश स्वभाव से जितना खुशदिल उतना ही अच्छा गजल भी लिख लेता है।   उसकी लिखी गज़ल और जा़रा की मीठी आवाज वाली गाएकी में कौन किसे शोभाएमान … Read more

अहिल्या  – मिन्नी मिश्रा

माँ, कहानी सुनाओ ना |” “अरे…सो जा , बहुत रात हो गई | सबेरे तुझे स्कूल भी जाना है |” “स्कूल ? ओह ! कल रविवार है ! माँ, तुमको कुछ भी याद नहीं रहता ! ना मुझे कल पढाई की चिंता है और ना ही होमवर्क की ! तुम्हारे पास कहानी का खजाना है … Read more

उम्मीद – प्रीति आनंद अस्थाना

आज रामनाथ जी बहुत खुश हैं। बेटे की पढ़ाई पूरी हो गई, अपने ही शहर में अच्छी-सी नौकरी लग गई और आज उसे पहली तनख्वाह मिलने वाली थी। न जाने कितने बरसों से इस दिन का सपना संजो रखा था उन्होंने। बड़ी उत्सुकता थी कि अविनाश अपनी पहली तनख्वाह का क्या करेगा? सुना है उन्होंने … Read more

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