” मधुविला ”  – उमा वर्मा

 मम्मी, यह आपके लिए सरप्राइज” आप के नाम का,मधुविला, आप का अपना घर ।उसके आखों में आंसू आ गए ।यही तो था उसका खवाब,उसका सपना ।वह अपने पुराने दिनों में खो गयी ।मोहित का घर दुलहन की तरह सजाया गया है ।आज उसकी और मधु की स्वागत समारोह है । कल ही तो मधु इस … Read more

*परदेसी और वो*’ –  अर्चना नाकरा

रुजुल ने पूरे महीने की छुट्टियां प्लान कर ली थी’  हमेशा वो पूरे साल जमकर काम करता.. छुट्टीयों का एक हफ्ता घर में बिताता और फिर कहीं घूमने फिरने निकल जाता कभी कभी पन्द्रह दिन… भी घर रहता.. ढेर सारी नई पुरानी फिल्में देखता पसंद का खाना बनाता.. मंगवाता और कभी कभार घर से कोई … Read more

“नई सोच ” – Moral Story In Hindi

प्रिया एक चुलबुली लड़की थी | कॉलेज में उसकी  पहचान एक हसीन और हंसमुख लड़की में होती थी | रिया ने जब बीएससी प्रथम वर्ष में नामांकन कराया तो सिद्धांत उसी कॉलेज में बीएससी थर्ड ईयर का छात्र था | सिद्धांत का सावला गेहुआ रंग, कद काठी लगभग 5 फुट 9 इंच की होगी बिल्कुल … Read more

बालिका – शालिनी दीक्षित

“सुन सो गई क्या?” रामू ने लाली को हिलाते हुए पूछा। प्रसव के बाद बस अभी आँख लगी थी लाली की, लेकिन तभी रामू ने उसे जगा दिया। “क्या हुआ?” लाली ने धीरे से पूछा। अरे पूछ क्या रही हो, जैसे तुम नही जानती क्या हुआ है। यह तीसरी लड़की तुम ने आज पैदा कर … Read more

देखा एक ख्वाब, जो हक़ीकत बन गई – सुषमा यादव

 #ख़्वाब  **** किसी ना किसी का कोई ना कोई ख्वाब जरूर होता है,, जरूरी नहीं कि वो पूरे ही हो जायें,, मैंने भी एक ख्वाब देखा,,बार बार,किराये का मकान बदलना,, कभी मकान मालिक का मकान खाली करने का अनुरोध तो कभी मकान में ही कुछ ना कुछ कमियां,,तंग आ गए थे,,, यहां से वहां भटकते … Read more

“कर्म और भाग्य” – राम मोहन गुप्त

#ख़्वाब  “देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए, दूर तक निग़ाहों में थे गुल खिले हुए” सुनने में बहुत अच्छे लगते हैं गीत के यह बोल पर हकीकत में स्वप्न का साकार होना, कल्पनाओं का आकार लेना तभी संभव है कि जब किस्मत और कर्म दोनों साथ दें और जब तक ऐसा ना हो तो … Read more

ख्वाब – नीलिमा सिंघल

कोई खुली आँखों से सपने देखता है तो कोई सोते हुए सपने देखता है…….और मैंने शायद दोनों तरह के सपने देखे,,बहुत सपने देखे,,एक के बाद दूसरा,,दूसरे के बाद तीसरा,,,,तीसरे के बाद….बहुत लम्बी लिस्ट है हमारी,,पर कोई भी सपना पूरा नहीं हुआ माँ पापा ने कभी किसी ख्वाब को पर ही नहीं लगने दिए,,,,और ना ही … Read more

कर्म प्रेरित सपना **** – बालेश्वर गुप्ता

   सुनो जी, अब यह सब देखा नही जाता . बच्चों को ठीक से खाना तक भी नही दे पा रहे. इससे अच्छा है कि सब मिल कर जहर खा ले. एक बार में सब दुख खत्म.      तुम क्या समझ रही हो, मै ये सब नही देख रहा. मेरी ही तो जिम्मेदारी हो तुम सब. क्या … Read more

*ऐतबार ज़िन्दगी पर* – सरला मेहता

यश औऱ सुबोध बचपन के दोस्त तो हैं ही, दोनों के परिवार भी अड़ोसी पड़ोसी हैं। लँगोटिया यार व दाँतकाटी रोटी जैसी कहावतें इन पर सौ टके लागू होती हैं। किंतु किस्मत का खेल भी निराला है। सुबोध, वो तो बन गया साला… साहब लंदन का। और यश रह गया बिलासपुर में प्रोफेसर बनकर। वैसे … Read more

आखिरी ख्वाहिश! –  नवल किशोर सोनी

संजू दो भाइयों में अपने घर की सबसे लाडली बहिन थी। पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाइयों ने मिलकर शानदार तरीके से उसको घर से विदा किया था। अब मां की देखभाल की सारी जिम्मेदारी दोनों भाइयों और बहुओं पर आ गई थी। मां ने एक दिन दोनों बेटों को बुलाकर अपनी दिल की … Read more

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