रिश्तों में फ़र्क क्यों?’ – विभा गुप्ता

   अरुणा की बहू पाँच महीने से गर्भवती थी।दो वर्ष पूर्व ही उसने अपने बेटे का बड़े ही धूमधाम से विवाह किया था।मुँह-दिखाई के समय महिलाओं ने उसकी बहू को जी भर के ‘दूधो नहाओ, पूतों फलों’ का आशीर्वाद दिया था।अपने आसपास के घरों और रिश्तेदारों के यहाँ किलकारियों की आवाज़ सुनती तो उसका भी मन … Read more

सदमा – सुनीता मिश्रा

आज दिन बहुत  बढ़िया बीता,बिट्टू को उसके स्कूल मे ड्राईंग प्रतियोगिता मे प्रथम पुरस्कार मिला,रूनझुन स्कूल मे डान्स प्रतियोगिता मे सैकेण्ड रही।यूँ तो नीता के दोनो बच्चे होशियार है।खुशी इस बात की थी की एक ही दिन दोनो को अपने अपने स्कूल मे सम्मानित भी किया गया।इसी बात पर  प्रकाश ने परिवार को ग्रैंड होटल … Read more

एक टुकड़ा धूप.. –  संगीता त्रिपाठी

 #एक टुकड़ा       जुहू बीच पर बैठी सुनंदा आती -जाती लहरों को सूनी आँखों से देख रही थी।नन्ही पीहू लगातार रोये जा रही,पत्थर बनी सुनंदा को किसी ने हिलाया। “बेटी तुम्हारी बच्ची कितनी देर से रो रही तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा “। सुनंदा ने सूनी आँखों से हिलाने वाले को देखा। बड़ी सी बिंदी और … Read more

नयी राह – नीलिमा सिंघल

सागर के किनारे बैठी हुई सुगंधा व्याकुल थी क्यूँ,,,,शायद खुद भी नहीं जानती थी,  श्याम से उसका रिश्ता पति पत्नी जैसा ही था दोस्ती तो बिल्कुल नहीं नहीं,,जब भी अपने दिल की बात कहने की कोशिश करती थी श्याम या तो बात बदल देता था या उसको डांट कर चुप करवा देता था,  ऑफिस मे … Read more

क्या तूने सास को गोद लिया है? – संगीता अग्रवाल

“बेटा कहां रह गई तू तो आज आने वाली थी ना यहां ?” शारदा जी अपनी विवाहित बेटी शालिनी को फोन करके बोली। ” हां मां वो मांजी की तबियत अचानक खराब हो गई तो अस्पताल लाएं है उन्हे बस !” शालिनी बोली। ” अरे बहाने होंगे सब होती है कुछ सासें बहु के मायके … Read more

मासी माँ – रश्मि प्रकाश

# एक टुकड़ा “राजी चल बेटा स्कूल का समय हो गया…. पता है ना दो दिन बाद से तेरी परीक्षा है… ख़ूब मन लगाकर पढ़ाई करना है …अपने मम्मी पापा का नाम रौशन करना है ।” लक्ष्मी ने आठ साल की राजी से कहा “ मासी माँ मुझे मम्मी पापा से ज़्यादा आपका नाम रौशन … Read more

एक अनोखा रिश्ता- संगीता अग्रवाल 

#एक_टुकड़ा ” तुमने ऐसा क्यों किया अभिनव आखिर क्यों हमारी हंसती खेलती जिंदगी को एक पल में वीरान कर तुम तो चले गए पर मेरा क्या मैं तो तुम्हारी तरह कायर भी नही जो अपनी जिम्मेदारी से भाग आत्महत्या का रास्ता अपना लूं!” कनिका बस में बैठी सोच रही थी उसकी आंख में आंसू आ … Read more

सासु मां के ताने – मंजू तिवारी

बहू-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।   सास-ठंड है तो इसमें क्या कर सकते हैं हाथों को क्या देखना। बेटी-मम्मी आज तो बड़ी ठंड है देखो मेरे हाथ कितने ठंडे हो गए।                  मां-तेरे हाथ तो बहुत ठंडे है अच्छे से कपड़े पहन लो नहीं तो बीमार पड़ जाओगी बहुत … Read more

जींस  – कमलेश राणा

 मेरे बच्चों और पतिदेव को जानवरों से बड़ा प्यार है,,,पर मुझे उन्हें छूने में बड़ा डर लगता है इसलिए मैं दूर ही रहना पसंद करती हूँ,,,  एक बार बेटे के मित्र के पिताजी का ट्रांसफर जबलपुर हो गया,,,उनके पास डाबरमैन प्रजाति का कुत्ता था,,देखने में ही बड़ा खूंख्वार लगता था  ,,,वैसे भी यह भेड़िया प्रजाति … Read more

नालायक बेटा – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

” बाबूजी “बाबूजी, आप हमें छोड़ कर चले गये ।दुनिया से ।चले तो उस दिन ही गये थे जब हम दोनों भाई छोटे थे।कुल चार और पांच साल के।आज आप की बरसी है ।अम्मा बताती थी कि सौतेली माँ के खराब व्यवहार के चलते आपने अपना घर, स्त्री,और बेटे को छोड़ कर चले गए थे … Read more

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