लौह कन्या – गोमती सिंह

सरोजनी एक सार्वजनिक उद्यम में कार्यरत थी ।वह प्रातः 8 भजे जल्दी जल्दी तैयार होने के बाद निकल पड़ी अपनें कार्य पर ।उसकी बाइक सड़क पर दौड़ने लगी। 35 वर्षीय सरोजनी को स्कूटी  चलाने का काफी तजुर्बा था ।वह सड़क पर यातायात के नियमों का पालन करते हुए ही जा रही थी ।लेकिन ट्रेफिक की … Read more

” गोरा- चिट्टा दूल्हा ” – सीमा वर्मा

‘ अरी ओ राजरानी, अब ये साज-श्रृगांर , पाउडर-लाली सब तेरह दिन तक बंद ‘ ‘ नहीं करना है तुम्हें यह सब… नहीं करना चाहिए तुम्हें ‘ चाची की भारी आवाज सुन कर स्नेहा की आंखों में मोटे-मोटे आँसू भर गये थे। लेकिन चाची ‘अचला’ का दिल नहीं पसीजा। इसके साथ ही शुरु हो गई … Read more

केवट – कमलेश राणा

 प्रेम शब्द सुनते ही मन में सकारात्मक अनुभूति का एहसास होता है,,,सृष्टि में जीवन नर्तन के लिए प्रेम का होना परम आवश्यक है,,इसके अभाव में संसार रसहीन हो जाएगा,,सारी खुशियाँ और रौनकें इसी से हैं,, यह कभी ममता के रूप में,कभी विरह में,कभी आत्मीयजनों की परवाह में,कभी दयाभाव में और कभी प्रियतम के प्यार में … Read more

बेटी का सौदा मुझे मंजूर नहीं – सोनिया सैनी

सविता और मंजू पक्की सहेलियां थी। बचपन से लेकर स्कूल कॉलेज में साथ ही रहीं। धीरे धीरे बचपन का साथ जीवन भर की दोस्ती में बदल गया। सविता और मंजू दोनों की शादी उदयपुर में हुई और इस तरह उनकी दोस्ती नदी की अविरल जलधारा की तरह ताउम्र बहती रही। लेकिन बचपन में गुड्डे गुड़िया … Read more

अंतिमदर्शन.. – विनोद सिन्हा “सुदामा”

चारों ओर विषैली गंध फैली थी..भीड़ मुँह ढके सारा मंजर चुप चाप देख और सुन रही थी..परंतु कह कोई कुछ नहीं रहा था..बस एक दूसरे को शांत नज़रों से देखे जा रहा था… नगर पालिका की मुर्दा गाड़ी वर्मा जी के दरवाजे पे आकर लगी थी.. किसी ने वर्मा जी की पत्नी के मरने की … Read more

हिजड़ा कही का – बालेश्वर गुप्ता

#एक_टुकड़ा                         ओ सरस्वती जरा पिंकी को तो दे, उसे दूध पिला दूँ.   लाई – लाई, लो संभालो अपनी बेटी को, मुझे तो ये छोड़ती ही नही.     एक बात तो बता सरस्वती, तू मेरा इतना ध्यान रखती है, मेरी बच्ची को तो एक तरह से तू ही पाल रही है, मेरा तेरा क्या रिश्ता है, भला? … Read more

नहले पे दहला – कमलेश राणा

आज जिस कहानी से आपको रुबरु कराने जा रही हूँ,वह कहानी मैंने बचपन में कहीं सुनी थी,,, बहुत मस्त है,,,आप  भी सुनिये।   ठाकुर ब्रजराज सिंह के यहाँ किसी चीज की कोई कमी नही थी,,,,अपार धन सम्पदा के मालिक थे वो,,,बस कमी थी तो एक सन्तान की,,,,दोनों पति पत्नी ने पूजा पाठ से लेकर डॉक्टर … Read more

 कायापलट -प्रीती सक्सेना

#एक_टुकड़ा बेटी को  प्ले स्कूल से,, लिया, सब्जी खरीदकर,,, जैसे ही दरवाजे की घंटी बजाई,,, शलभ ने दरवाज़ा नहीं खोला,,, मुझे लगा,,, सो गए होंगे,,, दोबारा घंटी बजाई पर,,, कोई आहट ही नहीं,, दरवाज़ा अंदर से बंद,,, दिल घबराने लगा,, क्या हुआ,, शलभ दरवाज़ा क्यों नहीं खोल रहें,,आंसू,, बहने लगे,,, मुझे रोता देखकर,, मेरी दो  … Read more

नयी उड़ान – नीलम सौरभ

“शुभम क्या बोल रहा था फोन पर वैष्णवी!… इस बार तो आ रहे न वो लोग दीवाली पर??” लॉन में लैम्पपोस्ट के ऊपर बने चिड़िया के घोंसले को बरामदे में ईज़ी चेयर पर बैठे-बैठे देर से देख रहे थे समर प्रताप। पत्नी गरम चाय बना कर ले आयी थीं और आतुरता से पूछ रहे थे … Read more

तू भी बेटी बन जा-नीरजा कृष्णा

“अरी श्यामा, तेरी बहु को क्या हुआ है? सुना है महारानी जी की तबियत नासाज़ है और वो दिन रात आराम फ़रमा रही हैं।” श्यामा जी अपनी पड़ोसन के व्यंग वाणों को अनदेखा करती हुई बोली,”अरे कोई विशेष बात तो नहीं है पर कल नलिनी नाश्ते के लिए मँगोड़े बना रही थी,एक मँगोडा़ एकाएक फट … Read more

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