ग्रहों की शांति – डॉ पारुल अग्रवाल

ग्रहों की शांति अरे आज फिर ऑफिस के लिए देर हो गई।फिर से बॉस से सुनना पड़ेगा, कितनी बार बोला है मां को कि घर से निकलते समय पीछे से ना टोका करें,पर इनको समझ में कहां आता है। अमर अपने आप से ही बड़बड़ाए जा रहा था। ये अब आपको देर नहीं हो रही … Read more

स्नेहिल बन्धन – पूजा मनोज अग्रवाल

जय एक मल्टीनेशनल कंपनी में जूनियर मैनेजर के पद पर काम करता था, और उसकी पत्नी सुमन भी एक बैंक में मैनेजर थी । दोनों के विवाह को 4 साल हो गए थे , उनका एक 2 साल का बेटा था ध्रुव  । सुमन और जय जब ऑफिस के लिए निकलते तो अपने  बेटे ध्रुव … Read more

 “संगम” – गोमती सिंह

अप्रैल का महीना था यानि भीषण गर्मी उस पर दोपहर का समय था । खाना खाने के बाद वह आराम कर रही थी ।कमरा पूरा एयरटाइट था ।क्योंकि अंदर ए सी चल रहा था ।और वह उस भीषण गर्मी से अंजान बङे ही मजे से व्हाट्सप में मैसेज का आदान प्रदान कर रही थी।               तभी  … Read more

 अनोखा रिश्ता – गीता वाधवानी

पूनम सड़क पर बेतहाशा भागती हुई आ रही थी। पीछे पीछे उसकी 5 वर्षीय बेला बेटी भाग रही थी। बेला, मम्मी रुको, मम्मी रुको चिल्लाती जा रही थी। पूनम को इतना भी होश नहीं था कि वह सड़क पर भाग रही है और उसके पीछे उसकी बेटी भाग रही है ऐसा ना हो कि उसकी … Read more

दृष्टि – बालेश्वर गुप्ता

        ओ सरस्वती जरा पिंकी को तो दे, उसे दूध पिला दूँ.   लाई – लाई, लो संभालो अपनी बेटी को, मुझे तो ये छोड़ती ही नही.     एक बात तो बता सरस्वती, तू मेरा इतना ध्यान रखती है, मेरी बच्ची को तो एक तरह से तू ही पाल रही है, मेरा तेरा क्या रिश्ता है, भला?      पिछले … Read more

लड्डू – मीनाक्षी चौहान

बीमार बाऊजी को देखने वो बस आने ही वाला था। सारे घरवाले उसका बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। करते भी क्यूँ नहीं आखिर उन्नीस-बीस साल बाद जो अपने ननिहाल आ रहा था। याद है मुझे छोटा सा वो जिज्जी के साथ गर्मियों की छुट्टियों में यहाँ आया करता था। नाम उसका कमल है … Read more

नई पहल-वंदना चौहान

आज अनु को देखने लड़के वाले आ रहे थे। सुबह से ही घर में तैयारियाँ चल रही थीं कि लड़के वालों के सामने कोई कमी न रह जाए । अनु की माँ ने भी उसे अच्छे से कई बार समझा दिया था कि उन लोगों के सामने बहुत ही सलीके से पेश आना है व  … Read more

चाँद – गरिमा  जैन 

भाभी — कुछ तो खा लो। अब तो चांद निकल आया क्या तुमने कसम खा ली है कि भाई के हाथ से ही कुछ खाओगी? अरे कुछ नहीं तो पानी ही पी लो , तुम तो जानती हो भैया कितने लापरवाह हैं, उन्हें तो शायद याद भी नहीं होगा कि तुम पूरे दिन उनके लिए … Read more

अम्मा जी का पान – मधु मिश्रा

” अरे वाह सुधीर, तुम मज़े में हो भई! घर के खाने की तो बात ही कुछ और होती है..!” ऑफ़िस में सुधीर के टिफिन को देखकर बॉस ने कहा.. -” क्या हुआ सर, मैडम कहीं गईं हैं क्या..? ” सुधीर ने टिफिन खोलते हुए बॉस से कहा.. ” हाँ भई मैडम हमारी मायके गयी … Read more

जिस्म…। – स्मिता सिंह चौहान

मुझे सिखाएगी कि कैसे रहना है?साली …।”कहते हुए एक शरीफ से दिखने वाला आदमी जोर से चिल्लाकर  ,  एक  औरत के मुंह पर एक तमाचा कस देता है ।पास की दुकान मे खड़ी रूही उस नुक्कड की तरफ भागते हुए गई, जहा पर भीड तमाशबीन थी,और वो आदमी  जोर जोर से चिल्लाकर अपनी आवाज से … Read more

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