तन सुंदर या मन सुंदर – मुकेश पटेल
नंदिनी अपने कमरे में तैयार हो रही थी लड़के वाले जो देखने आने वाले थे। नंदिनी को समझ में ही नहीं आ रहा था कि वह आखिर सजे सँवरे तो कैसे क्योंकि देखने में साँवली थी या साफ शब्दो मे कहे तो काली थी। तभी किचन से उसकी सौतेली मां रमा की आवाज आई अरे … Read more