मैं समय हूं
मैं कभी रुकता नहीं
मैं कभी थकता नहीं
दिवस, वर्ष, सदियां और युग पार करता जाता हूं
बस आगे बढ़ता जाता हूं
मैं समय हूं
कोई कहता अच्छा हूं मैं
कोई कहता बुरा
मैं निर्विघ्नं, निर्विचार आगे बढ़ता जाता हूं
मैं कभी थमता नहीं
मैं समय हूं
जो कहता आज नहीं,
मैं कल करूंगा
उसका कल कभी आता नहीं
आगे वह बढ़ पाता नहीं
मैं समय हूं
जो मेरी कद्र करता नहीं
सफलता वह पाता नहीं
मैं कभी लौट कर वापस आता नहीं
आगे बढ़ता जाता हूं
मैं समय हूं
उन्नति करना चाहते हो तो
उठो आगे बढ़ो
डट कर चलो
मेरी तरह बन जाओगे
बस आगे बढ़ते जाओगे
रुकना मेरा काम नहीं
बढ़ना मेरी शान है
मैं समय हूं
जीवन एक गीत है
उसे गुनगुनाते चलो
जीवन एक मीत है
साथ उसका निभाते चलो
उठो आगे बढ़ो
साथ मेरे चलो, चलते रहो
मैं समय हूं।।
स्वरचित
गीता वाधवानी दिल्ली