ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – सीमा सिंघी :  Moral Stories in Hindi

राज राखी पर तुम और जूही भाभी मेरे घर आ रहे हो ना। मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है,क्योंकि जब राखी पर आती हूं तो पापा से भी मिलना हो जाता है, मगर इस बार साहिल को ऑफिस की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारियां मिल गई है। तुम तो जानते हो भाई । साहिल जो भी काम करते हैं, बहुत ईमानदारी के साथ करते हैं। बस इसी वजह से ये ईमानदारी इनसे कुछ ज्यादा ही अपना काम करवा जाती है कहकर मोनी हंसने लगी। मोनी की बात सुनकर फोन पर ही राज कहने लगा ।

अरे दीदी यह तो बहुत खुशी की बात है । जो जीजा जी इतनी ईमानदारी रखते हैं,वरना आजकल के जमाने में किसके पास ईमानदारी होती है।और सुन मैं तो आ रहा हूं मगर न जाने तुम्हारी भाभी को क्या हो गया है । जो शायद तुमसे किसी बात पर नाराज है। 

क्या तुम दोनों में ऐसी कोई बात हुई थी क्या?? देख मोनी तू मुझे बता सकती है, क्योंकि मैं तेरा भाई हूं । हमारा ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का ही नहीं है बल्कि जिंदगी भर का नाता है। मुझे तो लगता है। किसी भी बात पर हुई अनबन को ज्यादा दिन तक नहीं रखना चाहिए और उसे सुलझा लेना चाहिए। क्योंकि यूं छोटी-छोटी बातों पर अगर रिश्ते चटकने लगे तो फिर हम गम और खुशी किसके साथ बाटेंगे।

  राज की बात सुनते ही मोनी निराश होकर कहने लगी। भाई ऐसे तो भाभी से मेरी कोई बात नहीं हुई, मगर हां तुम तो जानते हो भाई । मेरी हंसी मजाक करने की आदत है। हो सकता है हंसी मजाक में मैंने अनजाने में भाभी को यूं ही छेड़ दिया हो,और भाभी को बुरा लग गया हो। मोनी की बात सुनते ही राज फोन पर ही कहने लगा । तब तो फिक्र मत कर मेरी बहना । मैं तुम्हारी भाभी को समझाऊंगा भी और राखी पर लेकर भी आऊंगा।

 मगर हां उससे पहले तुम अपनी भाभी को  एक फोन जरूर करना क्योंकि अगर एक बार फोन करने से रिश्ते संभले रहते हैं, तो बेहतर है उस रिश्ते को सुधार लेना और हां जबकि हमारे रिश्ते में तो ऐसी कोई बात ही नहीं है मेरी बहना।

 भाई राज की बात सुनते ही मोनी खुशी से उछल पड़ी और कहने लगी। अरे भाई वह मेरी भाभी है । उसे एक क्यों मैं दस फोन करूंगी क्योंकि जो थोड़ी देर पहले तुमने कहा। वह अब मैं  भी कह रही हूं । हमारा ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का ही नहीं है बिल्कुल सौ प्रतिशत वाला खरा सोने का है भाई। इसे हम यूं ही तो कमजोर होने नहीं दे सकते । क्यों भाई मैं ठीक कहा ना। हां हां बिल्कुल ठीक कहा मेरी बहन कहकर राज ने फोन रख दिया। 

 राज के फोन रखते ही मोनी मन ही मन सोचने लगी।ऐसे तो जूही भाभी बहुत अच्छी थी, मगर वह छोटी-छोटी बातें भी राज को बोल दिया करती थी। जबकि औरतों के अंदर यह गुण होना चाहिए कि घर की छोटी-छोटी बातों को वह घर के मर्दों को ना बताएं । अपने तक ही सीमित रखें। तभी घर गृहस्थी अच्छे तरीके से चल पाती है क्योंकि कई बार औरतों के बीच हंसी मजाक में कही हुई बातें भी जब मर्दों तक जाती है तो बात बड़ी हो जाती है ।

यह तो मेरा भाई राज बहुत समझदार है, इसीलिए बात संभल गई और उसने मुझ से कह दिया । जबकि मैंने तो हंसी मजाक में ही भाभी से कोई बात कही होगी। शायद इसीलिए अभी भी मुझे वो बात याद नहीं आ रही है। जिस बात से भाभी के दिल को ठेस लगी।

मगर अब ज्यादा देर नहीं करते हुए मोनी ने अपनी भाभी जूही  को फोन लगा लिया और फोन पर जूही की आवाज सुनते ही मोनी बोल उठी। मेरी प्यारी भाभी क्षमा चाहती हूं, अगर मेरी कोई बात बुरी लगी हो । तुम तो जानती हो, मुझे हंसी मजाक करने की आदत है । लगता है अनजाने में मैंने हंसी मजाक में ही तुमसे कुछ कह दिया होगा । 

मोनी की बात सुनते ही जूही बोल उठी।दीदी जो हुआ उसे जाने दीजिए ।मैं भी दिल की बुरी नहीं हूं और मैं यह भी जानती हूं ।आप भी दिल की बहुत अच्छी है इसीलिए अब छोड़िए इस बात को और हां दीदी इस राखी पर मैं और आपके भाई राज जरूर आ रहे है कहकर जूही ने फोन रख दिया।

आज मोनी के पैरों में न जाने कितने अनगिनत खुशी के घुंघरू बंध चुके थे । सच कहूं तो बहन भाई का रिश्ता ऐसा ही होता है ! जो कभी-कभी कुछ दिन या कुछ देर के लिए छोटी मोटी गलत फहमियों के चलते दूर तो हो सकते हैं मगर टूट नहीं सकते क्यों कि ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है,बल्कि ये तो खरे सोने का पूरा खजाना है।

 स्वरचित 

सीमा सिंघी  

गोलाघाट असम

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