सुरभि को ससुराल आए दो साल हो गए है ससुराल मैं पति ,सास,ससुर और एक ननद है परिवार मै सभी के बीच बहुत प्यार है सुरभि को कभी ऐसा नहीं लगा कि वो दूसरे घर मैं है मायके मैं माता पिता और एक छोटी बहन है ।बस एक ही शिकायत है कि सुरभि के पति मनोज को सुरभि का मायके जाना पसंद नहीं
उसका मानना था सुरभि का अब यही घर है और ससुराल के लोग ही अपने है अब उनसे कम ही वास्ता रखे । मनोज सुरभि से प्यार भी बहुत करता था इसलिए सुरभि ने कभी इस बात को तूल नहीं दिया क्योंकि मनोज के बगैर उसका भी मन नहीं लगता था खास मौके पर वो मिल ही आती थी ।
घर में उसकी ननद की शादी पक्की हो गई और 6 महीने बाद मुहूर्त निकला सुरभि तैयारी में व्यस्त हो गई सास नीरजा जी बोली बहू तुम अपना भी ध्यान रखो अभी बहुत समय है ।इसी बीच सुरभि की मां अचानक गिर गई उनके घुटने मैं फ्रैक्चर हो गया जिसका ऑपरेशन होना था ।सुरभि जल्दी से मायके गई
ऑपरेशन के बाद भी तीन महीने पलंग पर ही रहना था। छोटी बहन की परीक्षा चल रही थी तब तक सुरभि ने सोचा मै रुक जाती हूं उसने मनोज को फोन किया कि मैं एक महीने के लिए रुक जाती हूं तब तक शानू की परीक्षा खत्म हो जाएंगी मनोज बोला नहीं तुम छुट्टी मिलते ही घर आ जाओ
वो लोग एक सहायिका रख लेंगे तुम्हे रुकने की जरूरत नहीं है यहां भी सब परेशान हो जाएंगे ।सुरभि कुछ कहती तब तक उसकी सास की आवाज आई जो मनोज की बातें सुन रही थी बोली बहू तुम आराम से आना इस समय तुम्हारी वहां ज्यादा जरूरत है वो अभी भी तुम्हारी मां पहले है हम यहां सब सम्हाल लेंगे ।सुरभि सुनकर बहुत खुश हुई अपनी सास के प्रति इज्जत और बढ़ गई बोली मै खुशनसीब हूं मेरी दो- दो मां है ।
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नीरजा मनोज से बोली ये क्या तरीका है वो उसका घर आज भी है और सुख मै भले ही कम जाओ पर दुख मैं तो अपने ही साथ देते है बल्कि अभी तो तुझे भी साथ होना चाहिए था कल को तेरी बहन का पति उसे आने से रोकेगा तो उसको कैसा लगेगा मनोज चुप था । मां बोलो तुझे अहसास नहीं होगा क्योंकि तुम को घर छोड़ कर नहीं जाना पड़ा ।
सुरभि की मां घर आ गई थी कुछ दिन बाद बोली सुरभि तू अपने घर जा तेरी सास कहीं नाराज़ नहीं हो जाए ।सुरभि ने पूरी बात बताई जो उसकी सास ने कहा था ।सुनकर मां बोलो तू किस्मतवाली है सुरभि काश ऐसे समझने वाली सास हर घर मैं हो।
दो दिन बाद मनोज और बाकी सब भी मिलने आए मनोज बोला कुछ भी परेशानी हो तो बताना मै भी आपका बेटा ही हूं ।सुरभि उसके बदले व्यवहार से बहुत खुश थी उसने अपनी सास को दिल से शुक्रिया किया ।
दोस्तों एक लड़की ससुराल को भी अपना घर मानकर ही आती है जब उसे वहां अपनापन और समझने वाले मिल जाते है तो उसका सबके प्रति सम्मान और बढ़ जाता है और ससुराल उसका पहला बन जाता है ।। आप लोग सहमत है मेरे विचार से
स्वरचित अंजना ठाकुर
काश ऐसे समझने वाली सास हर घर मैं हो ।