वो काली रात – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

क्यों इतनी उदास बैठी हो बेटा थोड़ा मुस्कुराओ आज तुम्हारी शादी है। चेहरे पर इतनी उदासी ठीक नहीं है ।पर पर मम्मा मेरा अतीत, भूल जा बेटा उस  उस काली   रात को ,कब तक कब तक उसे याद करके  आंख में आंसू लाती रहेगी ।कितना अच्छा जीवनसाथी तुझे रोहन के रूप में  मिला है ।

आज तेरे जीवन की नई शुरुआत होने जा रही है। क्यों अपना अतीत याद करके दुखी हो रही है। पर मै क्या करूं  मम्मा मैं भूल ही नहीं पाती हूं ।कहीं रोहन भी तो मुझे उस काली रात का ताना तो नहीं देगा। नहीं बेटा रोहन बहुत अच्छा लड़का है और तुमने उससे खुलकर बात कर ली है न सबकुछ

साफ़ साफ़ बता दिया है न । हां मम्मा तो फिर क्यों परेशान हो रही हो मेरी जान। फिर भी मम्मा और मेघना मां के गले से लग गई।देखो अब ये रोना धोना बंद करो मेकअप खराब हो रहा है । चेहरे पर एक स्माइल लाओ और तैयार हो जाओ बारात दरवाजे पर आने वाली है।

                  मेघना प्रतिभा और मंगेश की इकलौती औलाद थी। बड़े लाड प्यार से पाला था प्रतिमा ने। मेघना देखने में काफी खुबसूरत थी।जो एक बार देखता देखता ही रह जाता। बहुत से लड़के उसपर फ़िदा रहते थे। मोहल्ले पड़ोस के तो जाने कितने ही लड़के उसपर जान छिड़कते थे।जब वो

स्कूल जाती थी तो सड़क के मोड़ पर खड़े रहते थे लड़के एक नजर मेघना को देखने के लिए। लेकिन मेघना को काफी अच्छे संस्कार दिए थे प्रतिभा ने । मेघना बस अपनी पढ़ाई और काम से ही मतलब

रखती थी ‌।मेघना इंजिनियर बनना चाहती थी ।वो पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और खूब मन लगाकर पढ़ाई भी कर रही थी। इंटर के बाद इंजिनियरिंग में एडमिशन के लिए भी खूब मेहनत की ।और उसका सपना पूरा हुआ एक अच्छे कालेज में उसका एडमिशन हो गया।

                 बहुत से लड़के लड़कियां थे कालेज में।शहर से दूर था कालेज तो मेघना हास्टल में रहती थी वीकेंड पर घर आ जाती थी।बेटी बहुत समझदार थी इसलिए प्रतिभा और मंगेश जी को ज्यादा चिंता नहीं थी। पता था बेटी पढ़ाई में मन लगाती थी इधर उधर ज्यादा घूमना फिरना या यहां वहां जाना

उसे पसंद नहीं था। वहां कुछ लड़के मेघना से दोस्ती करने को लालायित रहते थे लेकिन मेघना किसी से ज्यादा बात चीत नहीं करती थी। मेघना की तीन दोस्त  थी सौम्या, काव्या और नेहा ।बस उन्हीं के

साथ रहती मेघना।काव्या मेघना की रूम पार्टनर थी।करण जो मेघना का क्लासमेट था वो मेघना को बहुत पसंद करता था। मेघना थी ही इतनी खूबसूरत।और मेघना से दोस्ती करना चाहता था। लेकिन मेघना किसी को घास न डालती । बहुत प्रयास किया करते ने लेकिन मेघना तैयार न हुई ।

               फिर एक दिन कॉलेज में सालाना फंक्शन होने वाला था और एक और एक प्ले में मेघना  को राजकुमारी का रोल अदा करना था।और उसके  सामने राजकुमार के  रोल में  करण था।  एक सीन था जब राजकुमार को राजकुमारी के हाथ में चुंबन लेना था । रिहर्सल के दौरान कई बार ऐसा

करना पड़ा। फिर धीरे-धीरे मेघना और करण की दोस्ती होने लगी। आखिर कबतक दूर दूर रह सकते थे । आखिर उम्र ही ऐसी होती है न चाहते हुए भी करण और मेघना की दोस्ती परवान चढ़ने लगी।अब जहां भी देखो दोनों साथ-साथ ही दिखाई देते। दूसरे लड़कों को करण से जलन होने लगी थी कि करण ने मेघना को पटा लिया और हम मुंह ताकते ही रह गए।

               घर में जब मम्मी प्रतिभा को करण और मेघना के दोस्ती के बारे में पता चला तो प्रतिभा मेघना को समझाने लगी कि देखो बेटा आज का समय बहुत खराब है किसी पर आंख मूंद कर  भरोसा मत करना। नहीं मां कारण बहुत अच्छा लड़का है लेकिन ,लेकिन क्या मम्मा मेरी करण से

सिर्फ दोस्ती है और कुछ नहीं।आप परेशान ना हों आपकी बेटी बहुत समझदार है। हां बेटा मैं समझती हूं कि मेरी बेटी बहुत समझदार है पर ध्यान रखना अपना पूरी तरह से‌ किसी पर विश्वास मत कर लेना। नहीं मां आप निश्चित रहे ऐसा कुछ नहीं होगा।

             आज करण का जन्मदिन था उसने एक होटल में पार्टी दी थी। उसने  मेघना के साथ कुछ दोस्तों को बुलाया था ।और  मेघना आज ब्लू साड़ी पहनकर करण की पार्टी में गई थी ।सबकी निगाहें मेघना पर ही टिकी हुई थी वो आज गजब की सुंदर लग रही थी। मेघना का एक और क्लासमेट शुभम

जो मेघना को काफी पसंद करता था पास जाकर बोला मेघना आज तो बिजली गिरा रही हो ब्लू साड़ी में तुम बहुत सुंदर लग रही हो।वह मेघना से दोस्ती करना चाहता था लेकिन मेघना ने स्वीकार नहीं किया तो थोड़ा जलन रखता था।

              केक काटकर करण ने केक का टुकड़ा मेघना के मुंह में खिलाया और एक लाल गुलाब देकर मेघना से बोला आईं लव यू मेघना, मेघना शर्मा गई। अभी तक तो कल तक मेघना अपनी मां से कह रही थी कि हमारी और करण की सिर्फ दोस्ती है और कुछ नहीं।पर ये दोस्ती कब प्यार में बदल गया मेघना को भी न पता चला।केक काटने के बाद हल्की म्यूजिक में सब डांस करने लगे। कोल्ड

ड्रिंक का दौर चल रहा था। तभी शुभम कुछ ग़लत नीयत से मेघना के कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिला दिया।जिसका मेघना को कोई अंदाजा नहीं था।वो हल्के हल्के सीप लेकर कोल्डड्रिंक पी रही थी। थोड़ी देर बाद ऐसा लगा कि मेघना का सिर घूम रहा है और वो गिर पड़ेगी। तभी करण ने उसे संभाल लिया। क्या हुआ मेघना, पता नहीं क्यों सिर घूम रहा है ‌। अच्छा चलो कमरे में थोड़ी देर लेट जाओ।

और करण मेघना को लेकर कमरे तक गया। कमरे में करण मेघना को लिटा रहा था मेघना पूरी तरह से करण के कंधे से लिपटी हुई थी।करण मेघना का इतने पास से स्पर्श पाकर मदहोश सा हो गया ।और फिर पता ही न चला कब मेघना करण की बाहों में समा चुकी थी । दोनों एक दूसरे में खो चुके थे।

             मेघना को जब होश आया तो अपने आप को अस्त-व्यस्त सा पाकर परेशान हो गई वो बदहवास सी अपने कपड़े को ठीक करने लगीं फिर बाहर आईं और करण को ढूंढने लगी ।पर वहां करण नहीं था। पार्टी लगभग खत्म सी हो चुकी थी। मेघना बाहर निकल कर कैब बुलाई और घर को

निकल गई।घर जाकर कमरा बंद कर फूट-फूट कर रो पड़ी। दूसरे दिन सुबह जब बारह बजे तक मेघना कमरे से बाहर नहीं निकली तो प्रतिभा जी ने आवाज दी ।कई बार बुलाने पर मेघना ने दरवाजा खोला और मां से लिपट कर रो पड़ी और सारी आपबीती सुना दी।देखो बेटा मैं पहले से ही तुम्हें सचेत

कर रही थी। इतना ज्यादा विश्वास न करों किसी पर तुमने मेरी बात न मानी। लेकिन चलो जो हुआ सो हुआ भूल जाओ उस काली रात को और उस करण को भी अब नहीं मिलना किसी  से।

                भूलने वाली बात तो नहीं थी लेकिन अब क्या हो सकता था ढिंढोरा पीटने से भी कुछ हासिल नहीं होना था। मेघना कई दिन से कालेज नहीं जा रही थी ।करण ने मेघना को कई बार फोन किया लेकिन मेघना ने कोई बात नहीं की । आखिरी सेमिस्टर का इम्तिहान अभी बाकी था उसे देना था। हास्टल छोड़कर मेघना घर पर रहने लगी थी ।उस मनहूस काली रात को भूल जाना चाहती थी पर भूल नहीं पाती थी।

              आखिरी सेमिस्टर का इम्तिहान देने जब कालेज गई मेघना तो करण ने बहुत कोशिश की मेघना से बात करने की लेकिन मेघना ने उसकी तरफ देखा भी नहीं।नहीं कुछ बात की ।

                इम्तिहान के बाद मेघना के पिता ने अपने दोस्त के बेटे का रिश्ता बताया मेघना के लिए तो मेघना घबरा गई और बोली मां कोई मुझसे इस हादसे के बाद शादी क्यों करेगा। लेकिन बेटा कुछ बातों को भुलाया जा सकता है उन्हें बताने की क्या जरूरत है । नहीं मां मैं सबकुछ बिना बताए शादी नहीं करूंगी ।बताने के बाद यदि कोई मुझसे शादी करना चाहता है तो मैं कर लूंगी।

          आज रोहन और उसके मम्मी पापा मेघना से मिलने आए।ना करने का कोई सवाल ही नहीं उठता था मेघना थी ही इतनी खूबसूरत। लेकिन मेघना ने अकेले में रोहन से कुछ बात करनी चाही।रोहन तैयार हो गया । मेघना ने बिना लाग-लपेट के अपने साथ हुए उस रात की सारी बातें बता दी ।

और बोली अब बताओ रोहन क्या अब भी तुम मुझसे शादी करना चाहते हो ।रोहन बोला देखो मेघना हम  नये ज़माने के बच्चे हैं । नौकरी करने को और बहुत से कामों के लिए हमें अकेले इधर उधर जाना आना पड़ता है । इसमें तुम लड़कियों के संग बहुत खतरा रहता है । ऐसे हादसों में खुद

लड़कियों की कोई मर्जी नहीं होती है।ये तो एक अप्रत्याशित घटनाएं हो जाती है। इसके लिए किसी लड़की को सारी उम सज़ा दी जाए ये तो ठीक नहीं है। यही तुम्हारे साथ भी हुआ । उस घटना को भूल कर आगे बढ़ने में ही भलाई है। इसलिए तुम भी भूल जाओ।मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूं । मेघना की आंखों में एक खुशी की चमक फैल गई रोहन के इतने अच्छे विचार से।

          और शादी तय हो गई। लेकिन आज शादी के दिन मेघना को फिर वही काली रात याद आ गई थी जिससे उसकी आंखें भर आईं थीं।और मां प्रतिभा जी उनको समझा बुझाकर खुशी खुशी नये जीवन में प्रवेश करने को कह रही थी । शादी हो गई और मेघना रोहन के साथ खुश रहने लगीं और उन पुरानी बातों को भी भूलने लगी ।

मंजू ओमर 

झांसी उत्तर प्रदेश 

26 अगस्त 

Leave a Comment

error: Content is protected !!