विश्वासघात – खुशी :  Moral Stories in Hindi

नंदन एक कॉलेज में पढ़ने वाला नवयुवक था जो बहुत मिलनसार और भविष्य में ऊंचाई छूने का जिसका सपना था वो अपने साथ पढ़ने वाली रीना से बहुत प्रेम करता था और हमेशा उससे कहता मैं अपने जीवन में इतनी तरक्की करूंगा कि तुम्हे हर सुख दे सकूं बस तुम मेरा इंतजार करना।

नंदन ने बहुत मेहनत की और स्कॉलर शिप पर अमेरिका चला गया ।जाने से पहले वो अपने माता पिता को भी कह कर गया था कि मैं रीना को पसंद करता हूं और उसी से ही शादी करूंगा।वो भी मेरा इंतजार करेगी। नंदन के पिता एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क थे ।

घर में मां शांति देवी और 3 बहने थी।नंदन ने अभावों में जीवन जिया था मां पिताजी को एक एक वस्तु के लिए तरसते देखा था।बहनों को  उसकी पढ़ाई के लिए मन मारते देखा था।इसलिए नंदन कुछ बन कर अपने माता पिता को सम्मान पूर्ण जीवन देना चाहता था

अपनी बहनों को अच्छे घर में ब्याह कर रीना के साथ जिंदगी बिताना यही उसका सपना था। रीना और नंदन के ग्रुप में एक और लड़का था केशव जिसके पिता MLA थे वो भी रीना को पसंद करता था पर नंदन की वजह से वो ये बात खुल कर नहीं कह पाया।

रीना के पिताजी एक बैंक में थे घर में रीना उसका बड़ा भाई गौरव जो एक MNC में काम करता था और मां थी।नंदन को रीना के घर वाले भी पसंद करते थे उसके पिताजी रामनाथ चाहते थे कि रीना और नंदन का रिश्ता हो जाए पर गौरव और रीना की मां अलका ये नहीं चाहते थे।

रीना अभी तक नंदन के सपनों में खोई थी उसे कुछ दिन अच्छा नहीं लगा वो कॉलेज भी नहीं जाती थी। फिर एक दिन केशव उसके घर आया और बोला नंदन तो पढ़ने गया है तुम क्या अनपढ़ रहोगी और उसने उसे कॉलेज आने के लिए मना लिया।केशव रोज उसे कुछ ना कुछ खिलाता गिफ्ट देता।

पहले रीना सिर्फ नंदन के साथ ही जाती या लाइब्रेरी में दोनो होते अब तो रीना घूमने फिरने लगी उसे केशव का संग भाता।सब केशव का सम्मान करते वो अनजाने में ही नंदन और केशव में कंपेरिजन करने लगी।उसे सभी चीजों में केशव का पलड़ा भारी नजर आता।

एक लौता लड़का पापा रसूख वाले आदमी घर का बिजनेस सब कुछ सेटल।नंदन अभी पढ़ कर आएगा फिर बहनों को ब्याहेगा मां बाप के लिए घर खरीदेगा फिर तेरा नंबर आएगा सारी जिंदगी जिम्मेदारी में बीत जाएगी ये रीना की सहेली निशा का कहना था

तू अपना भविष्य बना।नहीं मै नंदन को धोखा नहीं दे सकती तो फिर फटेहाल जिंदगी जीना।केशव  ने रीना को अपने जन्म दिन पर बुलाया और उससे अपनी मोहब्बत का इजहार कर दिया।केशव बोला तुम मेरी पहली मोहब्बत हो मै सिर्फ तुम्हारे नंदन के प्रति झुकाव को देख कर चुप रहा।

रीना घर आ गई आज नंदन का फोन आया उसने सिर दर्द का बहाना बनाया और उससे बात नहीं की।फिर रीना नंदन को इग्नोर करने लगी।उससे बात नहीं करती फिर वो ज्यादा जोर देता तो कहती तुम पढ़ाई पर ध्यान दो।

केशव के घर वालों ने रीना का हाथ मांगा और रीना ने हा कर दी।रीना के पिता रामनाथ ने रीना से कहा रीना सोच लो नंदन जैसा लड़का नहीं मिलेगा सच्चे प्यार को तरस जाओगी।तभी वहां अलका आई और बोली नहीं बेटा तेरा फैसला सही है

कब तक उसका इंतेज़ार करेगी जो अभी तक बेरोजगार है तेरा भविष्य केशव के साथ ही है। कुछ महीनों में केशव और रीना की शादी धूमधाम से हुई।शादी के 6 महीने तो सिनेमा के सीन जैसी जिंदगी थी।रीना दिन को रात कहे तो रात है घूमना फिरना सब कुछ था पर अब जिंदगी यथार्थ पर लौट आई।

केशव ने पापा का बिजनेस संभाल लिया और रीना घर किटी रहीस लाइफ स्टाइल में बिजी हो गई।उधर नंदन एक बड़ी कंपनी में नौकरी पर लग चुका था और वो भारत आ रहा था अपना सपना पूरा करने क्योंकि उसे नौकरी करते दो साल हो गए थे।उसने माता पिता को घर ले कर दे दिया था।

बहनों के विवाह की जिम्मेदारी से  फ़।रीक होकर वो अपनी दुनिया बसाना चाहता था।उसने रीना को कई फोन लगाए पर उसका फोन बंद था।वो घर आया माता पिता से मिला घर में सब सुविधाएं थी जो वो अपने पिता माता के लिए।चाहता था

बहनों के लिए लड़के देखे बड़ी मीता ने अपने साथ पढ़ाने वाले प्रोफेसर अविनाश से शादी की इच्छा जताई।बाकी छोटी मीरा और नीता की शादी।भी पक्की हो गई और तीनों का विवाह 2 महीने में हो गया अब वो रीना के घर उसका हाथ मांगने जाना चाहता था

तो वो अपने माता पिता के साथ रीना के घर पहुंचा।रीना के पिता ने दरवाजा खोला नंदन इतना स्मार्ट हो गया था कि वो पहचान नहीं पाए।नंदन ने मिठाई, तोहफे अंदर रखवाए और रीना के बारे में पूछा।रामनाथ जी बोले रीना की शादी हो गई।नंदन बोला क्या वो मुझसे किया वादा कैसे भूल गई

उसने मेरे साथ विश्वासघात किया है।अलका बोली कैसा विश्वासघात तुम्हारे जैसे फटीचर के लिए बैठी रहती।आज वो करोड़ों में खेल रही है केशव जैसा पति पा कर।केशव नंदन बोला वही केशव को रीना को जितने की शर्त लगाता था।मुझे एक बार रीना से मिलना है फिर मैं हमेशा के लिए चला जाऊंगा।

बहुत जिद पर रामनाथ ने रीना को नंदन से मिलने बुलाया।नंदन को देख रीना सकपका गई बोली तुम नंदन बोला जिस पैसे के लिए तुमने मेरे साथ विश्वासघात किया आज वो मेरे पैरों की धूल है तुम मेरे लिए 6 साल ना रुक सकी मै तो तुम्हारे लिए ही ठहरा रहा।ये सब किसके लिए किया सिर्फ तुम्हारे लिए

छी शर्म आ रही है मुझे मैने एक लालची लड़की से प्यार किया और तुम्हारी। ज़िंदगी कैसी कट रही है तुम केशव की जिद थी जो उसने जीत ली तुम्हे पैसा मिलेगा पर सच्चा प्यार नहीं उसके लिए तुम तरसोगी और नंदन अपनी आंखों में आंसू ले चला गया।

रीना सोच रही थीं सच कहा नंदन ने उसके पास प्यार कहा है है तो सिर्फ तन्हाई शादी के बाद 6 महीने में ही खुमार उतर गया था केशव का और दोस्तो के बीच नशे में उसे जीतने की खुशी और शर्त की कहानी वो सुन चुकी थी।

आज बड़ा घर था रहीसी थी पर नहीं था तो प्यार जो सिर्फ उसे नंदन दे सकता था अपने विश्वासघात पर वो रोई विश्वास तोड़ने की सजा उसे मिल रही थी कि उसकी किस्मत में प्यार ही नहीं था।नंदन अगले हफ्ते अपने माता पिता के साथ अमेरिका चला गया और वो खुद भी ये धोखा नहीं भुला पाया।

आज उसका 55 वा जन्मदिन है मां पिताजी स्वर्गसिध।र गए।बहनों के फोन आए फिर वही बात भाई घर बसा लो और नंदन का टालना।फिर एक अनजाने व्यक्ति का फेसबुक पर बर्थडे विश करना।

नंदन जनता था ये कौन है जो 20 सालों से उसे बर्थडे विश कर रहा है पर वो उसे कभी माफ भी तो नहीं कर पाया।दोनो अपनी अपनी जगह आग में जल रहे हैं कोई धोखे की  और कोई झूठ और लालच की।

स्वरचित कहानी 

आपकी सखी 

खुशी

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