विश्वास को खोते देर नहीं लगती – Moral Stories in Hindi

विश्वास को खोते देर नहीं लगती, इसकी चाहत में क्या अच्छा क्या बुरा उसे कुछ समझ नहीं आता

मेरी शादी अमित से हुई थी 2 3 साल हमारे बीच सब अच्छा था, लेकिन तभी एक दिन ऐसा होता है जिसने सब बदल कर रख दिया

शादी के 3 साल बाद मेरी कजिन सिस्टर मेरे घर आने वाली थी, क्यों उसकी नौकरी मुंबई में लगी थी,

और वो सिर्फ कुछ दिन के लिए मेरे घर आई थी

इस दौरान मैने और अमित ने पूरी कोशिश की कि उसे किसी भी तरह से असहज महसूस ना हो

धीरे धीरे अमित और कजिन के बीच में मजाक का स्तर बढ़ने लगा

मुझे ये बात सही नहीं लग रही थी, मैने अमित से बोला कि उससे थोड़ा डिस्टेंस मेंटेन करें l, जिसपे अमित बोलता ” अरे तुम्हारी सोच छोटी है चलो मेरे ऊपर नहीं कम से कम अपनी बहन पे भरोसा रखो “

लेकिन समय के साथ उनके बीच नजदीकिया बढ़ती गई, कुछ समय बाद कजिन की जॉब अमित ने अपने ऑफिस में लगवा दी

एक बार मैं अचानक वहां गई तो देखा कि ये दिनों साथ रहते टी ब्रेक में भी साथ नीचे जाते और चाय पीते

मुझे ये सब सही नहीं लग रहा था और अमित अब साली आधी घर वाली ऐसे कर के बोलते

मैने अमित से साफ साफ बोल दिया कि अब इसे यहां रहने नहीं दे सकती तो अमित ने हर बार की तरह इस बार भी मुझे रोकने की कोशिश की

लेकिन मैं नहीं मानी और उसे जाके सीधा बोला दिया कि देखो मेरी पर्सनल लाइफ है और इतने छोटे फ्लैट में रह कर साथ समय बिताना आसान नहीं है

उसने बोला अरे दीदी मैं कहां डिस्टर्ब करती हूं चलिए ठीक है मैं अपना कुछ जुगाड करती हूँ

उसकी जाने की बात पर अमित मुझे बोले तुम्हे शक।करने की बीमारी है

और मेरी बहन का तुरंत ऐसे मानना मुझे ये फील करा रहा था कहीं मैं सच में शक तो नहीं कर रही

3 दिन बाद वो अपने घर शिफ्ट हुई

अब मैं अमित के करीब आने की कोशिश करता तो उसका उखड़ा व्यवहार मुझे अंदर तक चोट पहुंचता

एक दिन मैने बिना कुछ सोचे अपनी बहन के फ्लैट पर जाने का सोचा सोचा उसे फोन कर के बता दूं लेकिन फिर सोचा जाने दो सप्राइज दूंगी

ऑफिस 6 बजे खत्म होता था तो मैने 7 बजे निकलने के बारे में सोच

मै अचानक से उसके घर चली गई बेल बजाया तो वो गेट खोली मुझे देख के उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ी हुई थी

उसने नाइटी पहनी थी अंदर ब्रा भी नहीं पहना था और उसके निप्पल इरेक्ट थे जैसे जल्दी जल्दी में कपड़े पहन ली हो

तभी मेरी नजर अमित के बैग पर गई,

वो कुछ बोलती समझती उससे पहले मै उसके घर के अन्दर घुस गई उसके बेड रूम में गई तो देखा अमित वहां। नंगा लेता था

मुझे देख के उसने तुरंत बोला अरे जैसा तुम समझ रही हो वैसा कुछ नहीं है

मैने बिना कुछ बोले वहां से वापस घर आई और मेरे पीछे पीछे अमित और मेरी बहन आई

अमित ने मुझे समझाया कि गलती हो गई माफ कर दो

पर मैने बोला अब गलती हो ही गई है तो साथ रहो इसके

पर उसे पता था और मेरी सिस्टर को भी पता था कि शादी नहीं हो सकती है पर दोनों आपस में ये सब कर रहे थे

उस दिन से पहले मै अपने घर गई मैने किसी को इस बारे में नहीं बताया कुछ दिन घर पर रहने पर मा ने पूछा तो मैने बस इतना बोला कि अमित से मेरी बनेगी नहीं

लेकिन 2 3 महीना घर पर रहने के बाद बेटी के प्रति मां बाप और भाई का रवैया बदल जाता है

मैने धीरे से वह से भी बोरिया बिस्तर बांध और दिल्ली आगई कुछ समय कॉल सेंटर पे नौकरी की , और अपना खर्चा खुद निकलना सीख गए

आज पांच साल हो गया है मेरी ही बहन द्वारा मेरे घर को बर्बाद कर दिया

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