रूही ने बी फार्मा किया जब बी फार्मा किया तो उसके लिए बहुत अच्छे-अच्छे रिश्ते आने लगे मम्मी ने कहा कि अब तुम एम फार्मा नहीं कर पाओगी रिश्ते बहुत अच्छे आ रहे हैं रूही ने भी मन बना लिया कि अच्छे रिश्ते आ रहे हैं और मुझे मां-बाप पढ़ाई करने नहीं देंगे और घर पर ही रहने लगी पर उसका बहुत मन था की पोस्ट ग्रेजुएट करें लेकिन परिस्थिति कुछ ओर ही थी
एक बहुत अच्छा रिश्ता है और बात भी पक्की हो गई लगभग शादी तय थी ।
लेकिन किसी कारणवश उसे लड़के को इंडिया से बाहर जाना पड़ गया तब रूही के पिताजी ने उसे रिश्ते के लिए मना कर दिया।
रूही को वह इंडिया के बाहर नहीं भेजना चाहते थे यह बात रूही के दिल और दिमाग पर घर कर गई।
और उसका किसी काम में भी मन नहीं लगता था वह सोचती रहती थी।
कि मैंने पढ़ाई शादी के लिए छोड़ दी है अब मेरे साथ की सभी सहेलियों मेरे से आगे बढ़ गई हैं।
यह सोचकर वह बहुत दुबली होती जा रही थी और अब रिश्ते भी कम हो गए थे ।
अचानक ही क्या हो गया कि रिश्ते आना भी बंद हो गए।
एक दिन जब रूही कमरे में अकेले बैठी हुई थी तभी उसकी घंटी बजने की आवाज सुनाई दी और पारुल उसकी बेस्ट फ्रेंड घर पर आई।
और रुही से कहने लगी चल कॉलेज चलते हैं अभी एमबीए का फॉर्म भी भरना है।
तब रूही ने कहा कि नहीं मेरे मम्मी पापा तैयार नहीं होंगे ।
रूही ने बहुत मना किया लेकिन पारुल ने कहा तेरी मम्मी से मैं बात करती हूं।
और पारुल ने जाकर रूही की मम्मी से बात की की आंटी अभी तो शादी की कोई उम्र नहीं है।
यदि आप शादी करना भी चाहते हैं तो रूही साथ में पढ़ाई भी करती जाएगी ।
उसने बहुत अच्छे से बातें बनाकर रूही के आगे पढ़ाई करने की बात कर ली ।
और उसकी मम्मी ने कहा कि ठीक है अभी फॉर्म भर लो यदि आगे कुछ होगा तो देखेंगे।
रूही दिखने में बहुत सुंदर गोरा रंग लंबी एकहरा बदन शांत स्वभाव की थी।
आज रूही का बहुत खुशी का दिन था पर उनके साथ जाकर उसने बा का फॉर्म भर दिया उसे एम फार्मा करना था लेकिन उसकी बेस्ट फ्रेंड बा कर रही थी तो उसने भी बा का फॉर्म भर दिया और उसे पता था कि उसे नौकरी करने नहीं मिलेगी।
लेकिन फिर भी उसने MBA का फॉर्म भर दिया और कुछ दिनों के बाद लिस्ट में दोनों का नाम आ गया।
दोनों एक साथ मिलकर कॉलेज जाने लगे रूही और पारुल साथ में पढ़ाई करते एक दूसरे के घर आते जाते।
मस्त 6 महीने निकल गए और पहले सेमेस्टर भी खत्म हो गया।
रूही को पता भी नहीं था उसकी क्लास में पढ़ने वाला अविनाश रूही को बहुत लाइक करता था ।
लेकिन वह कभी बात नहीं कर पा रहा था एक दिन पारुल की तबीयत खराब हुई और वह कॉलेज नहीं आई ।
रूही अकेला महसूस कर रही थी तभी अविनाश रूही के बगल में आकर बैठ गया ।
और कहने लगा कि तुमने हर विषय में टॉप किया है कैसे पढ़ाई करती हो।
मुझे भी बताओ तब रूही ने कहा कि हां मैं और पारुल मिलकर दोनों नोट्स बनाते हैं ।
और पढ़ाई करते हैं।
रूही को अविनाश से बात करते हुए थोड़ी झिझक महसूस हो रही थी।
अविनाश समझ गया था की रूही कंफर्टेबल महसूस नहीं कर रही है कुछ ही देर में हुआ है वहां से उठकर चला गया।
इस तरह से अविनाश डेली किसी न किसी बहाने से रूही से बात करने लगा।
रूही को भी अब कंफर्टेबल लगने लगा अविनाश से बात करते हुए ।
एक दिन रूही का ऑटो वाला नहीं आया और रूही को घर जाना था।
बारिश बहुत तेज हो रही थी तभी अविनाश ने देख लिया और उसने कहा कि मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूं।
क्या तब रूही ने कहा नहीं मेरा ऑटो वाला अभी आने वाला है।
लेकिन लगभग 1 घंटे हो गए और बारिश भी रुकने का नाम नहीं ले रहा थी।
तब तक अविनाश भी वहां पर खड़ा रहा तब रूही ने कहा कि ठीक है मुझे आप छोड़ दीजिए और अभी अविनाश उसे घर तक छोड़ दिया।
रूही की मम्मी गेट पर खड़े होकर रूही का इंतजार कर रही थी बारिश लगभग थम चुकी थी ।
और जैसे ही रूही की मम्मी ने अविनाश के साथ रूही को देखा और उन्हें का गुस्सा बहुत तेज हो गया ।
और उन्होंने कहा कि आज तुमने हमारे साथ विश्वास घात किया है।
मैंने तुम्हारे ऊपर इतना ट्रस्ट किया आज तुमने छोटी सी बात पर हम लोगों की ऊपर से विश्वास खो दिया है।
तुम याद रखना तुम्हें लग रहा होगा यह छोटी सी बात है लेकिन विश्वास को खोते देर नहीं लगती है।
यह बात तुम्हारे पापा को पता चल जाएगी तो वह क्या हंगामा करेंगे हमें नहीं पता है तुम जीवन में याद रखना कि कभी किसी के साथ विश्वास घात नहीं करना।
जीवन में छोटी-छोटी बातें ही एक बड़ी बात का रूप ले लेती है तुम्हें नहीं पता कि कॉलोनी में क्या चर्चा होगी कि तुम किसी लड़के के साथ घूम रही हो।
तुम शादी होकर ससुराल जाओगी और छोटी-छोटी बातों को नहीं समझोगे और तुम यह बात समझ लो की विश्वास को खोते देर नहीं लगती ।
इसलिए अब तुम बड़ी हो गई हो तुम्हें समझना चाहिए इन बातों को।
लोग क्या कहेंगे क्या बातें बनाएंगे तुमने इतना सब भी नहीं सोचा हम लोगों ने तुम पर विश्वास किया ।
लेकिन तुमने हमारे साथ विश्वास घात किया मम्मी का गुस्सा सातवें आसमान पर था लेकिन रूही ने बात संभालने की बहुत कोशिश की।
पर………………. रूही हार गई।
आंसू की सिवा कुछ नहीं बोल पा रही थी
इसलिए तुम वक्त रहते संभल जाओ और मम्मी ने कहा कि कल से तुम कॉलेज नहीं जाओगी।
रूही का घर से निकलना ही बंद हो गया क्योंकि उसकी मम्मी पापा चाहते थे।
कि उसकी शादी जल्दी से हो जाए और वह अपने परिवार पर ज्यादा ध्यान दें नौकरी तो उन्हें करनी ही नहीं थी।
पारुल की तबीयत ठीक हो गई और सबसे पहले वह रूही से मिलने गई।
उसने पूछा है की रूही तुम मुझे सारे नोटस दे दो मेरा बहुत लंबा लॉस हो गया है ।
तब रूही ने कहा कि मैं भी कॉलेज नहीं जा रही हूं तुम्हें कई बार फोन लगाने की कोशिश की लेकिन अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
मेरी मम्मी ने कॉलेज जाना मेरा बंद कर दिया तब रूही ने अपनी सारी कहानी पारुल को बताएं ।
पारुल सुनकर बहुत हंसने लगी फिर शांत होकर कहने लगी कि विश्वास जाते देर नहीं लगती है ।
रूही ने कहा कि तुम सच कह रही हो मम्मी को अविनाश बिल्कुल पसंद नहीं आया।
पारुल ने रूही की मां की बात की।
और उसने जाकर रूही की मम्मी से कहा कि आंटी उसे कॉलेज जाने दीजिए ना तब रूही की मम्मी ने कहा कि नहीं मुझे कोई भी फालतू बातों में बिल्कुल इंटरेस्ट नहीं है।
एक दिन अचानक अविनाश का फोन रूही के पास आ गया तब वह कहने लगा कि सॉरी रूही मेरे कारण तुम्हें कॉलेज नहीं आने मिल रहा है इसलिए हम दोनों अब बात नहीं करेंगे।
रूही की बहुत जिद के कारण उसे कॉलेज आने मिलने लगा अविनाश ने उससे बात करना बंद कर दी और फाइनल एग्जाम हो गया
एमबीए कंप्लीट हो गया इस बार अविनाश ने टॉप किया और उसका सिलेक्शन एक अच्छी कंपनी में हो गया रूही और पारुल का भी कैंपस सिलेक्शन हो गया ।
लेकिन रूही को जॉब करने नहीं मिलने वाली थी।
यह सोचकर उसने अपनी मम्मी को यह बात नहीं बताई लेकिन पारुल ने रूही की मम्मी को कैंपस सिलेक्शन वाली बात बता दी।
कुछ दिनों के बाद अविनाश ने अपनी कंपनी ज्वाइन कर ली।
और जॉब करने के लिए चला गया यहां पर रूही के लिए एक बहुत अच्छा रिश्ता आया ।
लेकिन रूही का अब शादी करने का बिल्कुल मन नहीं किया ।
जब वह रात में बिस्तर में लेती तो उसे चारों तरफ अविनाशी दिख रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ यह क्या हो रहा है।
उसने हिम्मत करके सारी बातें अपनी मम्मी को बताएं।
मम्मी ने बिल्कुल मना कर दिया मुझे अविनाश बिल्कुल पसंद नहीं है तुमने मेरे साथ फिर से वही विश्वास खत्म कर दिया।
रूही की आंखों में आंसू आ गए और अपने कमरे में जाकर बैठ गई।
रूही का खाने में मन नहीं लग रहा था ना कुछ काम करने में मन लग रहा था।
एक दिन अचानक बुके लेकर अविनाश रूही के घर पर आया रूही उसे देखकर बहुत खुश हुई ।
और उसने अविनाश को अंदर बुलाया इस बीच में अविनाश और रूही की वार्तालाप बिल्कुल भी नहीं हुई।
अचानक की अविनाश रिश्ता लेकर रूही के घर आया बहुत सोचने के बाद मम्मी पापा ने रूही के लिए इस रिश्ते के लिए हां किया।
आज रूही और अविनाश एक सुखी जीवन जी रहे हैं।
ईश्वर ने रिश्ते ऊपर से बनाकर भेजे हैं रूही को पढ़ाई आगे नहीं करना थी और उसने अपनी लाइन चेंज की जब लाइन चेंज की तो उसे उसी की क्लास में एक हमसफर मिल गया कहते हैं जोड़ी ऊपर से ही बनकर आती है ।
विधि जैन