” बहुत भरोसा था ना तुम्हें उस पर ..लो अब देख लिया …. चला गया वो और साथ में हमारी बेटी को भी ले गया …. सारी बिल्डिंग में सबको पता था एक तुम ही थी जो आंखों पर पट्टी बांध कर बैठी थी …. अरे मैं कहता हूँ क्या जरूरत थी तुम्हें उसे घर पर बुला कर खाना खिलाने की लाड़ दुलार करने की
सब लोग पढ़ने के लिए आते है रहते है और चले जाते है…. तुम्हें तो पता नहीं कौन सा कीड़ा काटा था जो उसे घर में बुला लेती थी …. ज़माना इतना खराब है …आए दिन कुछ ना कुछ होता है …अजनबी था वो आजकल तो कोई अपना पर भरोसा नहीं करता …अब क्या करूं मैं कहां जाऊं उसे ढूंढने…?”
सरिता चुप चाप बैठी थी उसकी निगाहें फोन पर थी आंखों में आंसू थे लेकिन उसने उन्हें गिरने नहीं दिया था रात से सुबह हो गई थी …. सारी बिल्डिंग में ये खबर फैल गई थी कि विपिन सक्सैना की बेटी प्राची इसी बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर रहने वाले लड़के राहुल के साथ कही चली गई है । दबी हुई जुबान से सब सरिता को ही दोषी बोल रहे थे …. लेकिन सरिता को भरोसा अब भी था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है …राहुल ऐसा कर ही नहीं सकता ।
करीबन दो साल पहले की बात है जब राहुल से सरिता की मुलाक़ात लिफ्ट में हुई थी सरिता बाजार से लौट रही थी और उसके पास बहुत सा सामान था जो वो अपने दोनों हाथों में पकड़े हुए थी तभी अचानक लाइट चली गई और लिफ्ट रुक गई …राहुल ने अपना फोन ऑन किया और लिफ्ट की बेल दबा दी …उसने सरिता की तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोला ” मै इसी बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर रहता हूँ राहुल नाम है मेरा आपकी यही “एन एम आई एस”कॉलेज में पढ़ता हूं “
“अच्छा “सरिता ने कहा
तब तक लिफ्ट स्टार्ट हो गई
“मै छोड़ देता हूं आपको अगर आपको सही लगे “कह कर राहुल ने सरिता के हाथ से सामान लेने के लिए अपना हाथ बढ़ाया …पता नहीं सरिता को क्या हुआ उसने राहुल को सामान दे दिया …बस यहीं से बात चीत का सिलसिला शुरू हो गया …विपिन की सरकारी नौकरी थी तो उसका ट्रांसवर होता रहता था उस वक्त वो वहां नहीं था
धीरे धीरे राहुल का सरिता के पास आना जाना शुरू हो गया …वो कभी उसे खाने के लिए रोक लेती तो कभी उसके घर पहुंचा देती ….राहुल से उसे एक अपना पन सा लगता था
कुछ दिनों के लिए जब विपिन घर आया तो सरिता ने राहुल को विपिन से मिलवाया .. तब भी विपिन ने कहा था कि इतना भरोसा करना ठीक नहीं है किसी पर भी …..लेकिन सरिता ने उस से कहा कि “सब लोग एक जैसे नहीं होते और राहुल तो बहुत अच्छा है हमारी प्राची को बहुत हेल्प भी कर देता है । विपिन ने लाख समझाया लेकिन सरिता को राहुल पर भरोसा था ।
“मै जा रहा हूं पुलिस में रिपोर्ट करने वरना कहीं देर न हो जाए और कहीं हम हमेशा के लिए अपनी बेटी को ना खो दें “। विपिन ने कहा और घर के बाहर जाने के लिए कदम बढ़ाया ही था कि डोरबेल बजी
विपिन ने दरवाज़ा खोला तो सामने प्राची खड़ी थी और राहुल भी उनके पीछे बिल्डिंग के कुछ लोग और वॉचमेन भी था….विपिन का गुस्सा दरवाज़े पर ही फूट पड़ा उसने एक हाथ से प्राची को घर के अंदर लिया और एक हाथ से राहुल को पीछे की तरफ धक्का दिया और ज़ोर से बोलते हुए कहा ” खबरदार जो मेरे घर में कदम भी रखा चले जाओ यहां से “
आवाज़ सुनकर सरिता बाहर आई उसने प्राची को देखा तो दौड़ कर उसके पास गई…प्राची ने सरिता को देख तो वो उस से लिपट कर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी …सरिता उसके सिर को सहला लगी और उसने नजर उठा कर राहुल की तरफ देखा
राहुल ने प्राची की तरफ देखा और फिर सरिता की तरफ देख कर बोला “दीदी प्लीज एक बार मेरी बात सुन लीजिए ” प्लीज़ कह कर राहुल ने अपने हाथ जोड़ लिए ….
विपिन ने चिल्लाते हुए कहा” निकलो यहां से नहीं तो पुलिस को बुलाऊंगा मै “
विपिन के बगल के फ्लैट में रहने वाले आनंद शर्मा और उनकी पत्नी आशा भी बाहर आ गए .. आशा ने सरिता के पास खड़ी हुई प्राची को देख तो वो उसके पास गई आशा ने सरिता और प्राची को ले जा कर सोफे पर बैठा दिया
आनंद ने राहुल को देख जो हाथ जोड़ हुए खड़ा था और उसके थोड़ा पीछे बिल्डिंग के लोग …
आनंद ने विपिन के कंधे पर हाथ रखा और बिल्डिंग वाले से कहा -” आप सब जाइए “
“राहुल अन्दर आओ चलो ” कह कर आनंद ने विपिन को घर के अंदर चलने को बोला राहुल अन्दर आ गया तो आनंद ने दरवाज़ा बंद कर लिया
आनंद शर्मा विपिन के बगल वाले में फ्लैट में रहते थे और दोनों ने लगभग एक साथ ही फ्लैट लिया था दोनों पड़ोसी होने के साथ अच्छे दोस्त थे हालांकि आनंद शर्मा उम्र में विपिन से बड़े थे फिर भी दोनों में अच्छी दोस्ती का रिश्ता था और विपिन उन्होंने मानता भी बहुत था।
विपिन गुस्से में था …आनंद ने उसके दोनों हाथों को पकड़ा और आंखों से शांत होने के लिए कहा
विपिन ने कहा ” क्यों सुनु मै इसकी ?….लफंगा है ये मेरी बेटी को भगा कर ले गया और ….
“बस पापा .”….तभी प्राची जो अब थोड़ी थी उठ कर खड़ी हुई और बोली ” पापा ऐसा कुछ भी नहीं है “
“चुप बिल्कुल चुप .”..विपिन ने फिर चिल्लाते हुए कहा “सारी रात एक लड़के के साथ बाहर रही हो और देखो इनको कैसे तन के खड़ी हुई है न शर्म है न लिहाज़ “
“आप मेरी बात तो सुनिए” राहुल ने कहा
“विपिन शांत हों जो पहले सुन तो लो “
आनंद ने कहा विपिन गुस्से को पीते हुए वहीं सोफे पर बैठ गया
“ये देखिए राहुल ने अपने फोन में एक वीडियो चला कर विपिन को दे दिया
विपिन ने देखा उसके रिश्तेदारों में से एक दूर के भाई का बेटा प्राची को गाड़ी में बैठा रहा है …
“तो इसमें ऐसा क्या है ? ये समीर है मेरे रिश्ते के भाई का बेटा प्राची जानती है आना जाना है हमारा “
राहुल ने फोन हाथ से लिया और कुछ फोटो दिखाई जिसमें समीर कुछ लड़कों के साथ खड़ा था और प्राची को मिलवा रहा था …..फिर एक और वीडियो जिसमें प्राची एक गाड़ी में बैठ रही थी और एक लड़के ने उसके कमर पर हाथ रखा हुआ था
ये देख कर विपिन के माथे पर सिलवाते पड़ गई
राहुल ने कहा ” सरिता दीदी को मैने दीदी कहा है और दिल से रिश्ते को माना है प्राची मेरी बहन जैसी है ..
आपके रिश्तेदार का बेटा जो प्राची का भाई ही हुआ प्राची से कॉलेज में मिला और उस से किसी ना किसी बहाने से रोज मिलता रहा … धीरे धीरे वो अपने एक दो दोस्तों के साथ प्राची से मिलने आने लगा ….कल उसने ये कह कर कि उसका एक्सीडेंट हुआ है प्राची को अपने एक दोस्त के साथ लेने को भेजा और प्राची के साथ गलत करने की कोशिश की ….
विपिन ने प्राची की तरफ देखा जिसकी आंखों से आंसू बह रहे थे
राहुल ने फिर कहा ” प्राची ने ये बात मुझे बहुत दिन पहले ही बताई थी ….वो आपको बताने से डर रही थी कि पता नहीं आप उसकी बात पर विश्वास करेंगे या नहीं क्योंकि समीर तो आपके घर का है… और उसके पापा आपके भाई
इसलिए प्राची ने मुझे बताया और इसके फोन पर इमरजेंसी में मेरा ही नंबर है ..प्राची समीर की इन सब हरकतों से तंग आ चुकी थी लेकिन कुछ कर भी नहीं पा रही थी कल जब समीर ने अपने एक दोस्त को भेजा तो प्राची को कुछ गड़बड़ लगी उसने वॉशरूम से आकर उस लड़के के साथ चलने के लिए बोला …और मुझे कॉल किया मैने प्राची की बात सुनकर पुलिस को कॉल किया और प्राची की लोकेशन बताई और ये भी बताया कि मैं भी पहुंच रहा हूं जब तक मैं ना पहुंचूं तब तक कुछ न करें क्योंकि सुबूत चाहिए इसलिए मैं ये सब वीडियो बना पाया ।
“अगर समीर अरेस्ट हुआ है तो भाईसाहब का कोई फोन क्यों नहीं आया मेरे पास और ये सब प्राची ने हमें क्यों नहीं
बताया ” ? विपिन ने कहा
“वो इसलिए कि उनको पता है उनके बेटे ने गलती की है “आनंद ने कहा
सब आनंद की तरफ देखने लगे ” सही कह रहा हूँ मैं आजकल पुलिस इन सब बातों को लेकर बहुत सख़्त हो गई है और फिर राहुल के पास सबूत है उसने दिखाया होगा और प्राची ने बताया होगा तो उनका फोन क्यों आएगा ? तुमको वैसे भी वो क्या कहेंगे और क्या अब तुम उनको अपना रिश्ते रखोगे
भी “?
विपिन ने राहुल की तरफ देखा तो राहुल ने कहा ” सर सब गलत नहीं होते तो सब अच्छे भी नहीं होते…. मैने प्राची से कहा था कि आपको बता दे या दीदी को बता दे ….लेकिन उसने मन कर दिया ये कह कर कि मेरी बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा और समीर के दोस्त के साथ जाने वाला रिस्क उसे लेना ही पड़ेगा तभी सबूत मिलेगा और हम कुछ कर पाएंगे ….. मुझे प्राची की बात सही लगी क्योंकि बिना सबूत तो कोई विश्वास करेगा ही नहीं ……
वो क्या है न सर हम भारतीय जो है बड़े ही बेवकूफ तरह के है अपने घर के लोगों की इतनी परवाह नहीं करते ना ही इतना सोचते है जितना हम और रिश्तों की परवाह करते है उसे बुरा नहीं लगना चाहिए ….ये सब बातें लोग कहीं बदनामी न हो जाए के डर से छुपा लेते है ….हमें दूसरों से ज़्यादा अपनों पर भरोसा होना चाहिए ….इसलिए प्राची को सुबूत की जरूरत पड़ी वरना वो इतना बड़ा रिस्क कभी नहीं लेती ।”
विपिन ने राहुल की बात सुनकर उसकी तरफ देखा और हां में गर्दन हिलते हुए प्राची के पास गया प्राची विपिन के गले लग कर रो पड़ी विपिन की आंखों से भी आंसू बह निकले कुछ देर बार दोनों शांत हुए तो विपिन के पास गया और उसके दानों हाथों को अपने हाथों में लेते हुए हल्के से दबा दिया राहुल हल्के से मुस्कुरा दिया और बोला ” प्राची रात भर मेरे साथ नहीं थी मेरी एक दोस्त है कॉलेज में वो फ्लैट में रहती है उसके साथ थी “।
विपिन के पास अब कुछ कहने के लिए नहीं था सरिता गर्व महसूस कर रही थी कि उसका विश्वास जीत गया …उसकी राहुल से रिश्ते की डोर बहुत मजबूत थी ।
आनंद ने मुस्कुरा कर विपिन और राहुल के कंधे पर हाथ रखा सरिता और आशा मुस्कुरा कर ये सब देख रही थी ।
धन्यवाद
स्वरचित
काल्पनिक कहानी
अनु माथुर©