तुम सा नहीं देखा भाग – 4 अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक अपने पढ़ा…

शौर्य को रघुवीर जी समझते है और इधर यशिका अभिमन्यु से मिलने आती है

अब आगे ….

अभिमन्यु ने एच .आर. से बात करके वेटर को बुलाया बिल पे करके रेस्टुरेंट के बाहर निकला और अपनी गाड़ी में बैठा ही था कि उसका फोन बजा उसने देखा शौर्य का फोन था

“हैलो ..”

“कहाँ हो तुम ?”

“आ रहा हूँ एक रेस्टुरेंट में था “

“वाह !! यहां सारे बोर्ड मेंबर्स के फोन आ रहे है और ये जनाब  रेस्टुरेंट में बैठे है “

“अरे आ रहा हूँ “

“नहीं तुम आराम से बैठो एंजॉय करो कहो तो मै बोल देता हूँ कि वो तुम्हे लंच डिनर सब करा कर ही भेजे “

“अरे बाबा आ गया मैं बस पार्क कर रहा हूँ गाड़ी तुम फोन रखो”

अभिमन्यु ने गाड़ी पार्क की और लिफ्ट से होता हुआ वो ऑफिस में  पहुँचा उसने जाकर शौर्य का दरवाज़ा नॉक किया …

“कम इन ” कह कर शौर्य ने ऊपर देखा तो अभिमन्यु था

“कहां थे तुम “

” सब बताता हूँ रुको जरा ” अभिमन्यु ने चेयर पर बैठते हुए कहा

” मैने सिराज को बोला था पता लगाने के लिए शाह ग्रुप में कौन ऐसा है जिसने ये प्रोजेक्ट उनको दिलवा दिया मैं उसी से मिलने गया था “

“क्या ???”

” हाँ… और तुम यकीन नहीं करोगे वो एक लड़की है यही कोई चौबीस पच्चीस साल की “

“पागल हो गए हो तुम इन कामों को एक्सपीरियंस लगता है और तुम कह रहे हो कि एक चौबीस पच्चीस साल की लड़की ने हमसे इतना बड़ा प्रोजेक्ट ले लिया “

“मै सच कह कह रहा हूँ”

” अच्छा वो सब छोड़ो तुम इस बारे में बाद में  बात करेंगे अभी ये बताओ कि बोर्ड मेंबर्स मीटिंग रखने के लिए बोल रहे है “

” हाँ….मैने तो पहले ही कहा था …तुमने क्या सोचा “?

“अमित शाह तो इंतजार में ही बैठे होगा कि मैं कब उस से बात करूँ”

“शौर्य वो किसी न किसी के साथ तो  कोलैबोरेशन करेंगें ही तो क्यों ना हमारे साथ करे “

शौर्य उठ कर खिड़की के पास खड़ा होगा

अभिमन्यु ने फिर कहा ” मुझे पता है तुम नाम को लेकर सोच रहे हो तो हम क्यों न एक अलग नाम से इस प्रोजेक्ट की बात करे ना ही रंधावा न ही शाह “

उसकी इस बात पर शौर्य ने उसे पलट कर देखा

“ये ही ठीक रहेगा ,क्योंकि सारा मसला नाम का ही तो है और क्यों न हम इस प्रोजेक्ट के लिए पूरी टीम ही अलग कर दें अपने ऑफिस में नहीं पूरा एक अलग ऑफिस ही खोल दे कुछ उनके मेंबर्स और कुछ हमारे क्या कहते हो तुम?” अभिमन्यु ने एक्साइटेड होते हुए कहा

“ये आइडिया तुम्हारे दिमाग में आए कैसे ?” शौर्य ने अपनी चेयर पर बैठते हुए कहा

“बस अभी आया तुमसे बात करते वक्त पसंद आया तुम्हें “?

शौर्य ने कुछ सोचते हुए हाँ में अपनी गर्दन हिलायी

” तो रख लेते है बोर्ड मीटिंग और ये ही प्रोपोजल भी तुम अमित शाह से बात करो “

एक बार बाउजी से और पापा से बात कर ले फिर ये कह कर शौर्य ने  रघुवीर जी को फोन लगाया और उन्हें सब बताया रघुवीर जी और श्याम जी  को ये बात ठीक लगी उन्होंने कहा दो दिन बार बोर्ड मीटिंग रख लो ।

रघुवीर जी से बात करके शौर्य अपने हाथ में मोबाइल ले कर उसे देखने लगा उसने सांस भरी और फोन अमित शाह को लगा दिया

अमित शाह अपने सभी स्टाफ के साथ मीटिंग में बैठा हुआ था उसने जब शौर्य की कॉल देखी तो उसके होंठों पर लंबी सी स्माइल आ गयी उसने सबको जाने के लिए बोला और फोन उठाया

“हैलो शौर्य “

“कांग्रेचुलेशंस आपको प्रोजेक्ट मिल गया “

“थैंक्स “

“क्या हम मिल सकते है शाम को “?

“बिल्कुल कहाँ?”

” द रॉयल रेस्टुरेंट में मिलते है शाम सात बजे और आज डिनर आप हमारे साथ करें “

“ओके” कह कर अमित ने फोन रख दिया

अमित शाह के चेहरे पर मुस्कुराहट देख कर दिनेश ने पूछा “शौर्य रंधावा का फोन था “?

” हाँ और उसने द रॉयल में बुलाया है आज ….”कह कर अमित फिर मुस्कुराने लगा

“तो सर मुझे लगता है वो कोलैबोरेशन की बात करेंगे “

“हाँ.. इसलिए तो बुलाया है “

“तो सर आप साथ में काम करेंगे उनके ?”

“पहले उनका ऑफर देखे फिर देखेंगे …दिनेश तुम देखो क्या – क्या तैयारी करनी है और यशिका लंच के लिए बोला था तुमने क्या हुआ “?

“सर वो पहुँच जाएंगी उन्होंने बोला “

“ठीक है “

द विलेज रेस्टुरेंट

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अमित शाह रेस्टुरेंट के केबिन में बैठे हुए यशिका का इंतजार कर रहा था …कुछ देर में यशिका एक वेटर के साथ आयी….अमित शाह ने उसे आते हुए देखा तो खड़ा हो गया उसने मुस्कुराते हुए यशिका को देखा ….यशिका ने भी मुस्कुरा कर उसको देखा

“हैलो सर “

“हैलो हाउ आर यू “?

“आई एम गुड “

अमित ने उसे बैठने इशारा किया

“थैंक्स यशिका अपने इतना बड़ा प्रोजेक्ट अपने शाह ग्रुप को दिलवाया “

“सर आपने मुझ पर भरोसा किया इसके लिए थैंक यू मुझे आपको बोलना चाहिए “

अमित मुस्कुरा दिया ” आपको दिनेश ने ज्वाइनिंग लेटर मेल कर दिया होगा अब से आप परमानेंट हमारी कंपनी की एम्प्लॉय हो गयी है वेलकम तो शाह ग्रुप “

“थैंक यू सर “

“यू डिजर्व दिस “

कुछ देर  बातचीत के बाद अमित शाह ने लंच ऑर्डर किया और यशिका लंच कर के वापस अपने घर आ गयी।

शाम को द रॉयल रेस्टुरेंट के एक  बड़े से कमरे में जहाँ राउंड टेबल थी शौर्य और अभिमन्यु अमित शाह का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे

कुछ देर में अमित शाह अपने सेक्रेट्री दिनेश के साथ उस कमरे में आया

शौर्य और अभिमन्यु खड़े हो गए उम्र में अमित शाह शौर्य से बड़े थे भले ही बिज़नस उसका छोटा था …. अमित शाह ने शौर्य और अभिमन्यु से हाथ मिलाया और वही एक चेयर पर बैठ गए

“कांग्रेचुलेशंस आपको इतना बड़ा प्रोजेक्ट मिला “

अमित शाह ने मुस्कुरा कर थैंक्स कहा

“हम चाहते है आप .”… शौर्य कहने में झिझक रहा था क्योंकि अभी तक कभी भी शौर्य ने किसी से भी कोलैबोरेशन की बात नहीं की थी ये पहली बार था कि शौर्य ऐसा कर रहा था वरना तो लोग आते थे उसका साथ मांगने ” कि इतने बड़े प्रोजेक्ट को करने के लिए आपको साथ तो चाहिए होगा और कई कंपनी के साथ काम करने से अच्छा है कि आप रंधावा के साथ कोलेबोरेशन कर ले “अभिमन्यु ने शौर्य की बात को पूरा करते हुए कहा

अमित शाह मुस्कुराते और बोले ” ह्म्म… बात तो सही है लेकिन फिर आप कहोगे कि रंधावा का नाम होगा तो ये बात मुझे मंजूर नहीं “

अभिमन्यु ने कहा ” क्यों न ऐसा करे कि हम एक नई टीम बना दे और एक नया ऑफिस खोल दे कुछ मेंबर्स आपके और कुछ हमारे और ना ही रंधावा और ना ही शाह एक नया नाम रखे ?”

अमित शाह को इस प्रपोजल की उम्मीद बिलकुल भी नहीं थी कि शौर्य और अभिमन्यु ऐसा कुछ कहेंगे

उसने दिनेश की तरफ देखा दिनेश ने पलक झपका कर हाँ कहा

अमित शाह ने कहा ” ठीक है हमें एक दिन का वक्त चाहिए  मुझे सबसे बात करनी होगी ।

“ठीक है आप कर ले बात “

औपचारिक बातचीत के साथ डिनर के बाद अमित शाह और शौर्य अपने घर चले गए ।

यशिका और देविका शॉपिंग करने मॉल में  गए  दोनों ने शॉपिंग की और वही कैफे में बैठ गए

तभी यशिका का फोन बजा

“हाँ गुन्नू क्या हुआ “?

” यशी दी कल आप मुझे लेने आ रही हो  ना “?

हाँ आऊंगी

” वेलकम तो मुंबई गुन्नू “देविका ने कहा

“देविका दी आप भी हो “

“हाँ…”

“थैंक्स दी “

“पैकिंग हो गई तुम्हारी “

“हाँ दी हो गयी और माँ आपके लिए आपकी फेवरेट बेसन वाली मठरी बना रही है “

“अच्छा “

“चलो दी कल मिलते है बाय”

“ह्म्म बाय…”

“तुम और कुछ लोगी ” यशिका ने देविका से पूछा

“नहीं चलो बाहर चौको बार खाएंगे “

“ठीक है “यशिका ने कहा और दोनों कैफे से  बाहर निकल आयी कुछ देर में सब सामन लेकर और डिनर करके दोनों घर आ गयी

रात को बेड पर लेते हुए देविका ने यशिका से पूछा “

“अभिमन्यु से मीटिंग कैसी रही क्या कहा उसे क्यों बुलाया था तुम्हे “?

“वो कह रहा था कि रंधावा को ज्वाइन कर लो “

“तो तुमने क्या कहा “?

“मैने बता दिया उनको की मैने रिज्यूम भेजा था और आपकी कंपनी ने रिजेक्ट कर दिया था “

“अमित शाह से मिलने भी गयी थी वहाँ क्या हुआ ?”

“कुछ नहीं उन्होंने मुझे परमानेंट कर दिया “

“यशी तुम्हारा सपना तो रंधावा के साथ काम करने का था “

“सपने सपने ही होते है और हकीकत हकीकत “

“ह्म्म “

“चलो सो जाओ कल तो मैडम आ जाएंगी फिर सोने नहीं मिलेगा और मेरे इस शांत जीवन में तूफान आ जाएगा “

देविका ने यशिका की तरफ करवट की और उसको पकड़ कर सो गयी ।

क्रमशः

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