तिनके का सहारा: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ए लल्ला … तू जे फोर्म भर दे मेरा… पैसे निकालने हैं खाते से… एक मैली कुचैली सी साड़ी पहने उलझे हुए बाल एक गरीब औरत बैंक में पास में खड़े सूट बूट पहने एक लड़के से बोली…

किसी और से भरवा लो… मेरे पास टाइम नहीं हैं…

वो लड़का उस औरत को मना कर बाहर आ गया… वो औरत आँखों में आंसू लिए उस कागज को हाथ में पकड़े इधर उधर कोई आदमी य़ा औरत खोजने लगी जो उसका फॉर्म भर दें….

वो लड़का जैसे ही बाहर आया… अपनी चार पहिया गाड़ी का दरवाजा खोल बैठने ही वाला था कि तभी उसकी निगाह बैंक के बाहर बैठे एक गरीब आदमी पर गयी जो दीवार का सहारा लिए एक यहीं कोई पांच साल के बच्चे को लिए बैठा था…. पास में एक डंडा रखा था…. उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे… पानी की बोतल से उस बच्चे के मुंह में वो पानी डाल रहा था….

वो लड़का पता नहीं क्या सोचकर उस आदमी के पास आया और बोला…. आप रो क्यूँ रहे हैं और बैंक के बाहर क्यूँ बैठे हैं…

बेटा… मेरी पत्नी अन्दर गयी हैं पैसे निकालने… बहुत बखत हो गया पर अभी तक नहीं आयी… रोते हुए वो आदमी आंसू पोंछने लगा…

ये बच्चा कौन है ?? आपका हैं??

हां बेटा… इसे दिल की बिमारी हैं… बहुत ईलाज करा रहे हैं .. सब बिक गया हमारा पर मेरा बेटा सही नहीं हो रहा…रात से तबियत ज्यादा ही खराब हैं नीला पड़ रहा हैं… क्या करूँ मैं अपने बच्चे को मरता हुआ नहीं देख सकता…. भगवान मुझे ले ले… मेरे फूल से मासूम को बचा ले…. बहुत हिम्मती हैं मेरा बेटा तभी तो देखो चेहरे पर कैसी मुस्कान हैं इसके….

वो लड़का इतना सुन तुरंत अंदर गया… ये उसी बच्चे की माँ थी जो उस लड़के से फॉर्म भरने को कह रही थी … वो औरत अभी भी हाथ में फॉर्म लिए खड़ी थी… उसने उसके हाथ से फॉर्म लिया… पासबुक मांगी… जल्दी से फॉर्म फिल किया… उस औरत से कहा पैसे निकलवा लो आप… उस लड़के ने उस औरत के पासबुक की फोटो खिंची … बाहर आया…. चुपके से उस बच्चे और आदमी की भी एक फोटो ली… अपनी गाड़ी के अन्दर बैठ उसी समय ट्विटर , फेसबुक पर शेयर कर दी यह लिखकर ही ज़ितना हो सके आप लोग मदद कीजिये ये इस औरत का बैंक एकाऊंट नंबर हैं… इस पर भेज दिजिये… ये बच्चा आप लोगो की मदद से बच सकता हैं…

आज वो बच्चा बिल्कुल ठीक हो गया हैं.. वो औरत ये भी नहीं जानती कि उसके खाते में इतने पैसे आयें कहां से… उस लड़के ने उस औरत को तिनके का सहारा दिया पर उस सहारे ने उसके लाल को बचा लिया….

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

तिनके का सहारा

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