साक्षात दुर्गा – डॉ.पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रिया सोलह साल की बातूनी,अल्हड़ और स्वभाव से हिम्मती लड़की थी।उसकी चचेरी बहन के पति का ट्रांसफर उनके ही शहर में हो गया था।चचेरीबहन और उसके पति ने उनके घर से थोड़ी दूरी पर ही घर लिया था।अब तो रिया को जब भी समय मिलता वो अपनी दीदी के यहां चली जाती।

धीरे-धीरे रिया ने अनुभव किया कि बातों के बीच में उसके जीजाजी कई बार उसको गलत तरीके से छूने की कोशिश करते हैं और तो और कई बार द्विअर्थी बातें भी बोलते हैं। वैसे भी भगवान ने है स्त्री को एक छठी इंद्री भी दी है जिससे उसको इस तरह की बातों का अनुभव पहले से हो जाता है।

रिया जीजाजी की इन हरकतों के विषय में किसी से कह भी नहीं सकती थी क्योंकि एक तो वो पूरे परिवार के सबसे बड़े दामाद थे,दूसरा इससे दीदी की गृहस्थी बिखरने का भी खतरा था। वैसे भी सबकी नज़रों में जीजाजी बहुत ही सौम्य और सभ्य व्यक्तित्व वाले थे।

रिया खुद में ही हिम्मती थी। इस तरह का अनुभव होने पर उसने दीदी का घर जाना कम कर दिया था। अगर कभी जाना भी होता तो वो अपने मोबाइल का ऑडियो और वीडियो ओपन करके रखती जिससे जीजाजी की इस तरह की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सके।

एक दिन रिया की मम्मी ने कुछ सामान देने के लिए उसे दीदी के घर भेजा पर दीदी घर पर नहीं थी। आज जीजाजी ने अपना दोगला चेहरा स्पष्ट दिखा दिया था। जैसे ही वो अपने गलत इरादों के साथ रिया की तरफ बढ़े तभी रिया ने उनको तेज़ आवाज़ में डपटते हुए

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कहा कि तुम्हारी सारी हरकतें मेरे मोबाइल में पहले से ही रिकॉर्ड हैं। उसकी इस बात को सुनकर उसके जीजाजी बोले कि तुम्हारी बात पर ना घर पर और ना ही बाहर कोई भी भरोसा नहीं करेगा क्योंकि ऐसी रिकॉर्डिंग को डिलीट करना उनके लिए नई बात नहीं है।

तब रिया ने जवाब में कहा कि पहले डिलीट की होंगी पर अब नहीं कर पाओगे क्योंकि अब तक की सारी रिकॉर्डिंग और अभी की बातचीत भी वो अपने दोस्तों के साथ बनाए गए दुर्गा सेना व्हाट्सएप समूह पर भेज चुकी है जहां पर उसकी तरह के ही बदनीयत इंसान का इलाज़ किया जाता है।वो लोग सब रिकॉर्डिंग देख चुकी हैं और थोड़ी देर में वो यहां पर भी पहुंच जाएंगी।

वैसे भी आप तो सरकारी नौकरी में हैं बस एक बार आपके खिलाफ स्त्री उत्पीड़न के सबूत अगर आपके विभाग में पहुंच गए तो आप हमेशा के लिए नौकरी से तो हाथ धो ही बैठोगे और समाज में मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे।तभी दुर्गा सेना समूह की सभी लड़कियां भी वहां पहुंच गई।

अब जीजाजी को समझ आ गया कि अब तक उनकी हरकतें दुनिया के सामने नहीं आती थी पर इस बार उनका पाला वास्तव में दुर्गा सेना से पड़ा है।अब अगर उन्होंने अपनी बदनीयती नहीं छोड़ी तो समाज में जूते पड़ने की नौबत आ जायेगी। उन्होंने लिखित में माफ़ीनामा लिखा।इस तरह रिया ने अपने अंदर साक्षात दुर्गा के रूप को आत्मसात्  करके जीजाजी को आइना दिखा दिया था।

डॉ.पारुल अग्रवाल,

नोएडा

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