सास का मयका- आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

“अरे दीदी आ भी जाओ रज्जो आई हैं बार बार पुछ रही थी, बुआ कब आयेगी कितने दिन उनसे मिलना नही हुआ “माँ फोन पर बुआ से बात कर रही थी।

रज्जो गर्मियो की छुट्टियो मे आई थी बुआ की प्यारी हैं रज्जो एक उम्र के बाद रज्जो बुआ की सहेली बन गई थी बुआ अपने ससुराल की सारी बाते रज्जो से करती थी,रज्जो भी भतीजी का फर्ज बडे ही अच्छे से निभाती थी घर मे इन दोनो बेटियो को बराबर का प्यार मिलता था।

माँ बुआ ने क्या कहा आयेगी?

अरे तेरी बुआ को तो तू जानती हैं जिन्दगी भर अपनी सास की सुनती रही उनके बातो पर ही चलती रही कभी बेचारी मायके आती जैसे ही फोन आता दौड पडती, उनके जाने के बाद तेरे फूफा जी का राज चला अब तेरे भाई अपनी हुक्म चलता हैं,तेरी फुआ बोली बिट्टू  से पूछती हुँ

क्या मतलब माँ अब फुआ को भाई की इजाजत लेनी पड़ेगी मायके आने के लिए!

बुआ अगली सुबह आ गई थी बुआ ने आते ही कहा”दो दिन सिर्फ रह पाऊंगी घर मे मेरे बिना बहुत दिक्कत हो जायेगी “

अच्छा बुआ जाने की बात बाद मे करना पहले पानी तो पीयो फिर बुआ भतीजी की गपशप शुरु हो गई बुआ की बातो से लग रहा था पुरे घर की जिम्मेदारी बुआ पर हैं बुआ बार बार चिंता कर रही थी,बहू कैसे करेगी? मुझे सब बहुत मानते हैं मेरे बिना तो एक पता भी नही हिल्त ता बात बात पर बुआ के बातो से घर के प्रति समर्पण दिख रहा था।

रज्जो के जिद के कारन बुआ दो दिन बाद नही निकल पायी दोपहर होते ही फोन आ गया बिट्टू का”तुमको थोडा सा भी शर्म हैं सुबह का बोली थी अभी तक नही आई सीमा अकेले घर का सारा काम अकेले  कर रही हैं इस बुढापे मे भी मायके का मोह नही जा रहा,मैने तो दो दिन की बात की थी”

बुआ बिट्टू की बाते सुनकर दंग रह गई “तुम मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे मैने सपने में भी नही सोचा था,जब सीमा मायके गई थी तो तुम्हे घर के काम नही दिखे आज काम नजर आ रहे हैं एक दिन ज्यादा रुक क्या गई इतनी बाते यानी की तुमलोग मुझे इज्जत नही देते मैं जो दिन रात तुम सब के लिए करती हुँ इसलिय माँ माँ  करते हो,पहले तुम्हारी दादी हुक्म चलाई फिर तेरे बाबूजी,फिर अब तुम,मैं एक महिने अब नही आऊंगी जाओ यह मत सोचना की सिर्फ बहुओ का मायके होता हैं सास का भी मायके होता हैं “

मा मा तुम तो गुस्सा गई मा मा मेरे मुँह से ऐसी बाते निकल गई मा माफ कर दो बिट्टू कहते रह गया बुआ फोन कट दी।

बुआ रो रही थी रज्जो उन्हे सम्भालने लगी”बुआ कभी कभी अपने लिए बोलना पड़ता हैं ,आप इतने साल चुप रही इसी वजह से बिट्टू ने आपसे इतनी बद्तमीजी से बात की ,आज आपने जवाब देकर अच्छा किया दुबारा ऐसा करने से पहले सोचेगा”

बिट्टू का फोन बार बार आ रहा था रज्जो ने कहा “बुआ अभी बात नही करेगी बाद मे करो,माँ हैं ज्यादा देर गुस्से मे नही रह सकती लेकिन तुम भी माँ को माँ समझो काम की मशीन नही और बुआ का मयका तो मरते दम तक रहेगा।

धन्यवाद

स्वरचित

आराधना सेन

#तुम मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सोचा भी न था।

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