साजिश से घर नहीं बसते – अर्चना खण्डेलवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी, ये देखिए मेरी छोटी बहन रिद्धिमा और योगेश भैया की जोड़ी बहुत जमेगी, फिर एक ही घर में दोनों बहनें आयेगी तो दोनों भाईयों में भी प्यार बना रहेगा।

अभी उसने पढ़ाई पूरी कर ली है और उसकी मुंबई में  नौकरी लग गई है, इस घर में आयेगी तो हम सबके भाग्य खुल जायेंगे, रिया की बात सुनकर जानकी जी चुप रही, क्योंकि वो रिया को भी अच्छी तरह से जानती थी और उसकी छोटी बहन रिद्धिमा से भी अच्छे से परिचित थी, वो नहीं चाहती थी कि रिद्धिमा इस घर में बहू बनकर आयें।

रिद्धिमा की बड़ी बहन रिया ने वैसे ही सबकी नाक में दम कर रखा था, वो ना तो समय पर उठती है ना ही घर गृहस्थी चलाने का कोई हुनर है। अपनी मर्जी से रहती थी, सास-ससुर और देवर योगेश की जरा भी परवाह नहीं करती थी।

घर में पांच सदस्य हैं, जिसमें काम वाली बाई आती है, केवल खाना बनाने का काम है वो भी उससे नहीं होता था, मजबूरन खाना बनाने वाली रखनी पड़ी। रिया की छोटी बहन रिद्धिमा भी नकचढ़ी है, और कितने लड़कों को मना कर चुकी है, अब उसकी उम्र निकली जा रही है तो वो योगेश से शादी करना चाहती है।

योगेश एक अच्छा पढ़ा-लिखा संस्कारी लड़का है, और अपने पिता और बड़े भाई के साथ घर का कारोबार संभालता है, बस थोड़े सांवले रंग का है और इसी सांवले रंग से रिद्धिमा को पहले नफरत थी, वो योगेश से बात तक नहीं करती थी और आज शादी के लिए तैयार है, यही बात जानकी जी को समझ नहीं आ रही थी।

रात को जब सब फेक्ट्री से आकर भोजन कर रहे थे तो रिया ने फिर से बात छेड़ी, पापाजी अब योगेश भैया की शादी कर देते हैं, मेरी छोटी बहन तैयार है, वो सुंदर और पढ़ी-लिखी भी है, दोनों की जोड़ी अच्छी रहेगी, हरीश बाबू ये सुनकर भौंचक्के रह गये कि बहू अपनी छोटी बहन के साथ अपने देवर की शादी कराना चाहती है।

वो कुछ बोलते इससे पहले ही रिया फिर बोली, पापाजी ज्यादा सोचिए मत, एक घर में दो बहनें आयेगी तो घर का धन घर में रहेगा, हम बहनें आपस में मिलकर रहेगी, कभी घर का बंटवारा भी नहीं होगा, हम सब हंसी-खुशी साथ में भी रह लेंगे, वैसे भी रिद्धिमा योगेश भैया से ज्यादा पढ़ी-लिखी और समझदार है, हम अगले महीने ही शादी कर देते हैं।

हरीश बाबू ने अपने बड़े बेटे दिनेश की ओर देखा जो भोजन करने में तल्लीन था, ऐसा लग रहा था कि उसे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था, और उधर योगेश भी चुपचाप खाना खा रहा था। जानकी जी अगले महीने ही शादी की बात सुनकर एकदम से चौंक जाती है।

हरीश बाबू ने कहा, रिया मुझे कोई परेशानी नहीं है, तेरी सास और देवर से पूछ लें, इन दोनों की भी तो रजामंदी होनी चाहिए।

पापा, मुझे थोड़ा समय दीजिए, मैं सोचकर बताता हूं,और योगेश अपने कमरे में चला गया।

रात को कमरे में जानकी जी चिंतित थी, मैं रिद्धिमा को इस घर की बहू नहीं बनाना चाहती हूं, क्यों कि मुझे उस लड़की के लक्षण सही नहीं लगते हैं।

तुम चिंता मत करो, योगेश सब पता लगा लेगा, उसकी जिंदगी का सवाल है, हरीश बाबू बोले।

पूरा एक सप्ताह निकल गया, रात के खाने पर फिर रिया ने बात छेड़ी तो योगेश ने मना कर दिया, भाभी मैं आपकी बहन से शादी नहीं करना चाहता, मुझे वो पसंद नहीं है।

अरे! मेरी बहन में तो कोई कमी नहीं है, आपके रंग-रूप से तो लाख गुणा बेहतर है और आप मेरी बहन को ठुकरा रहे हो, इतनी रूपवती आपको कहीं नहीं मिलेगी।

भाभी, मुझे रंग-रूप से कोई लेना-देना नहीं है, मुझे तो गुणवती पत्नी चाहिए, और मैंने आपकी बहन के बारे में सब पता किया है, मैं ऐसी लड़की से शादी नहीं करना चाहता, जो अपनों के विरुद्ध साजिश रचती हो,

और उनसे पैसा ऐंठना चाहती हो।

अरे!! आप ये क्या कह रहे हो? मेरी बहन ऐसी नहीं है, रिया आंखें चुराती हुई बोली।

मम्मी -पापा, मैंने अपने दोस्तो के साथ मिलकर सारी जानकारी निकाली है, रिद्धिमा को मुम्बई जाकर अभिनेत्री बनना था, वो कुछ महीनों के लिए मुम्बई गई थी, तब भाभी ने कहा था कि वो नौकरी करने गई है, वो अंकल जी से हर महीने पैसे मंगवाती थी,  इधर परिवार वालों का भी पैसा खत्म हो गया और वहां उसे काम भी नहीं मिला, तो वहां गलत हाथों में पड़ गई थी, घर गिरवी रखकर पैसा देकर रिद्धिमा को छुड़ाकर लाना पड़ा । भाभी ने हमसे ये सब छुपाया है।

इतने में भी वो नहीं सुधरी तो इन दोनों बहनों ने मिलकर हमारे खिलाफ साजिश रची, रिद्धिमा मुझसे शादी करती, फिर किसी बहाने से तलाक लेकर मोटी रकम ऐंठने की कोशिश में थी, और हर महीने हर्जाना 

मांगती।

मैंने परसों ही भाभी और रिद्धिमा की बातें सुनी थी, भाभी को लगा कि मैं फेक्ट्री गया, लेकिन मैं कुछ जरूरी कागज लेने वापस घर आया था, तब ये अपनी बहन से बतिया रही थी, तुझे कौनसा उम्र भर उस काले कलूटे के साथ रहना है, तू शादी करना, उससे किसी बहाने से दूर रहना, कुछ इल्जाम मेरे सास-ससुर और पति पर लगाना, उन्हें जेल में पहुंचा देना, कुछ दिनों बाद तलाक दे देना, फिर अच्छा खासा पैसा मिल जायेगा, और मुम्बई जाकर आराम से रहना, मैं भी तेरे साथ चलूंगी, यहां तो मेरे ससुराल वाले दिनभर किटकिट करते रहते हैं, ये सब जेल में सड़ेंगे, और हम दोनों इनके पैसों पर ऐश करेंगे। ये सुनते ही रिया का चेहरा उतर गया, क्योंकि योगेश ने ये सब मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था।

रिया की साजिश का पर्दाफाश हो चुका था, अब वो कुछ कहने की स्थिति में नहीं थी।

रिया,  तूने अपनी बहन का साथ देकर अपने ही देवर के विरुद्ध साजिश रची, तू अपने पति अपने ही ससुराल वालों को जेल भेजना चाहती थी, अब तेरे  लिए इस घर में कोई जगह नहीं है, तू शादी करवाकर धोखे से इस घर का पैसा ऐंठना चाहती थी, अब मेरे दिल से भी तू उतर गई है, अब मैं तुझे तलाक दूंगा, तू भी अपनी बहन के साथ में रहना, साजिश से घर नहीं बसते हैं।

अपने पति दिनेश के मुंह से ये सब सुनकर रिया के होश उड़ गए, उसने माफी मांगी, पर दिनेश नहीं माना।

रिया को दिनेश ने तलाक दे दिया, वो मायके में बैठी आंसू बहा रही थी कि उसका घर उजड़ गया और रिद्धिमा का भी घर बस नहीं पाया।

धन्यवाद 

लेखिका 

अर्चना खण्डेलवाल  

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