राशि ने शादी के 1 महीने बाद ही जब अपने गर्भवती होने की सूचना परिवार को दी तो परिवार में एक खुशी तो थी पर एक आश्चर्य सा भी था, जहां आजकल की लड़कियां शादी के दो-तीन साल तक बच्चा नहीं चाहती वही राशि ने तो अगले महीने ही यह समाचार दे दिया! राशि का पति अभय तो एक
तरह से सदमे में ही आ गया क्योंकि उसे तो अभी दो-तीन साल तक बच्चा नहीं चाहिए था उसके मुताबिक तो अभी यह उन दोनों के घूमने फिरने मौज मस्ती के दिन होने चाहिए थे किंतु वह इस बात पर दुख भी नहीं जता सकता था और पूरे परिवार ने भगवान की मर्जी समझ कर खुशी-खुशी इस बात
को स्वीकार कर लिया! अभय के माता-पिता तो अपने दादा-दादी बनने का समाचार सुनकर ही खुशी से पागल हो गए थे! राशि की सास निर्मला ने अपनी समधन याने की राशि की मां को यह समाचार सुनाया तो उधर वह भी बहुत प्रसन्न हुए! 5 महीने बाद ही राशि ने अपने मायके जाने की जिद शुरू
कर दी और कहां कि मुझे अपनी मम्मी के पास ही जाना है ताकि मैं अपने बच्चे को अच्छे से जन्म दे सकूं और उसकी देखभाल कर सकूं! तब राशि की सास ने कहा.. लेकिन बेटा अभी तो डिलीवरी में बहुत समय है अभी से जाकर क्या करोगी आठवें महीने में चली जाना किंतु राशि ने तो जिद पकड़ ली
! निर्मला देवी ने राशि का बचपना समझ कर उसे मायके जाने की इजाजत देदी किंतु यह क्या…. अगले महीने ही राशि के बेटा होने का समाचार उसके ससुराल पहुंच गया! अब राशि के सास ससुर पती सभी आश्चर्य करने लगे… अभी तो डिलीवरी में बहुत समय था इतनी जल्दी बच्चा कैसे ..? और
जब राशि की मां से पूछा तो उन्होंने कहा… हां बच्चा सातवें महीने में ही पैदा हो गया और डॉक्टर ने बहुत ध्यान रखने के लिए कहा है, आप बिल्कुल चिंता ना करें राशि और बच्चा दोनों बिल्कुल स्वस्थ हैं, यह सुनकर राशि के ससुराल वालों को चैन आ गया! एक बार बीच में सभी जने राशि और बच्चे से
मिल भी आए! चार-पांच महीने अपने मायके रहने के बाद राशि अपने बच्चे को लेकर वापस ससुराल आ गई, सास ससुर और पति तीनों राशि और बच्चे को देखकर खुश हो गए! दादा दादी तो सारा दिन अपने पोते की देखभाल और उसे खिलाने में ही व्यस्त रहने लगे !एक दिन राशि के बेटे को सर्दी लग
गई और उसे निमोनिया हो गया निर्मला देवी और उनके पति ने सोचा शायद बच्चा समय से पूर्व पैदा हुआ था और कमजोर था इसीलिए यह जल्दी-जल्दी बीमार पड़ता है और उन्होंने किसी भी प्रकार की लापरवाही ना करते हुए बच्चे को तुरंत अच्छे से बच्चों के अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया! तब डॉक्टर
ने कहा बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है बस हल्का सा निमोनिया है आप यह दवाई दे दीजिए बच्चा ठीक हो जाएगा, तब निर्मला देवी बोली… डॉक्टर साहब बच्चा समय से बहुत जल्दी पैदा हो गया इसलिए जल्दी-जल्दी बीमार पड़ता है! तो डॉक्टर बोले…. किसने कहा बच्चा समय से पहले पैदा हो गया बच्चा
पूरा 9 महीने के बाद ही पैदा हुआ है और बिल्कुल स्वस्थ है, हां सर्दी का मौसम है थोड़ी बहुत बीमारियां तो लगी ही रहती हैं! अब राशि के सास ससुर का माथा ठनका, किंतु उस समय तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और चुपचाप घर आकर अभय को यह सब बताया तो अभय को भी किसी साजिश की
बू आने लगी और एक दिन उसने राशि को जोरदार डांटते हुए सबके सामने पूछा… राशि यह सब क्या है तुम तो कह रही हो बच्चा समय से पूर्व हो गया जबकि डॉक्टर तो कह रहे हैं बच्चा पूरे 9 महीने लेकर पैदा हुआ है, क्या है यह सब… जो हम समझ रहे हैं वही तो नहीं? तुमने और तुम्हारे परिवार
वालों ने हमारे खिलाफ साजिश रची थी मतलब तुम शादी से पहले ही गर्भवती थी और इस बात को छुपाने के लिए जल्दबाजी में उन्होंने यह शादी का षड्यंत्र रचा? बताओ..! ससुराल वालों के ज्यादा दबाव के आगे राशि का झूठ नहीं टिक पाया और वह बोली….. हां, क्योंकि यह बच्चा अभय का नहीं है
शादी से पहले मैं किसी और से प्रेम करती थी किंतु जब उसे मेरे गर्भवती होने का पता चला वह मुझे छोड़कर भाग गया और मम्मी पापा ने समाज और बदनामी के डर से आनन फानन में मेरी शादी अभय से कर दी, मम्मी पापा ने कहा था किसी भी सूरत में यह बात बाहर नहीं आनी चाहिए! आप
मेरा यकीन मानिए मैं तन मन से जब से इस घर में आई हूं मैंने आपको स्वीकार किया है! तभी निर्मला देवी बोली… अच्छा… इस साजिश में तुम्हारा पूरा परिवार शामिल था तभी मैं कहूं सगाई के 15 दिन बाद ही उन्होंने शादी करने की इतनी जल्दी क्यों मचा दी, हमसे तो कहा था तुम्हारी दादी का अंत
समय निकट है और वह तुम्हारी शादी अपनी आंखों से देखना चाहती हैं इसलिए शादी की जल्दी कर रहे हैं और हम नासमझ उस बात को सच मान बैठे! राशि तुम्हें और तुम्हारे परिवार वालों को हमारे प्रति ऐसी साजिश करते हुए जरा भी डर या संकोच या शर्म नहीं आई? अब तुम अपने इस बच्चे को
लेकर इसी समय यहां से चली जाओ..! तब राशि उनके आगे रोने और गिडगिडाने लगी… कि मैं कहां जाऊंगी अब मुझे कौन अपनाएगा? मेरी छोटी तीन बहने हैं अगर यह बात फैल गई तो उनसे शादी कौन करेगा, मुझे माफ कर दीजिए मैं तो खुद उस लड़के की साजिश का शिकार हुई थी जिसने
मुझसे इतने झूठे वादे किए थे अगर आप लोग मुझे ठुकरा देंगे तो मैं कहां जाऊंगी मुझ पर रहम कीजिए! राशि को इस तरह रोते और अपनी गलती का पश्चाताप करते देखकर देखकर अभय का दिल पिघल गया और उसने अपनी मम्मी पापा से कहा… देखो जो हो गया सो हो गया राशि अपनी
गलती पर शर्मिंदा है और मम्मी आपको और मुझको राशि और उसके बच्चे से कितना लगाव हो गया था, मम्मी क्या हम सब कुछ भूल कर राशि को एक मौका नहीं दे सकते! हां बेटा जब राशि अपनी गलती पर पछता रही है तो हमें भी एक मौका इसे देना चाहिए हालांकि इसकी गलती माफी लायक
नहीं है किंतु राशि की मासूमियत और इस बच्चे को देखकर हम इसे उसकी गलती को भूलाने के लिए तैयार है किंतु राशि… हमें इसके लिए अब वक्त लगेगा! मम्मी पापा आप लोगों ने मुझे मेरे बच्चे के साथ वापस अपना लिया मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है मैं आपको कभी भी कोई शिकायत का मौका नहीं
दूंगी आप जितना वक्त लेना चाहे ले सकते हो मेरी गलती की यह बहुत छोटी सजा है और 6 महीने के अंदर अंदर राशि को उसके व्यवहार से पूरे परिवार ने मन से अपना लिया! इस तरह राशि और उसके बच्चे की जिंदगी भी संवर गई और परिवार में खोई हुई खुशियां फिर से वापस आ गई!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
कहानी प्रतियोगिता (साजिश) .
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