सुरंजिता बहुत ही खूबसूरत लड़की अपने माता पिता की इकलौती संतान। पढ़ने में अव्वल ,हर प्रतियोगिता में वह भाग लेती। नृत्य करती तो लगता अप्सरा ही उतर आई गाने में सरस्वती सी । वादविवाद प्रतियोगिता में जब तर्क रखती तो निरुत्तर कर जाती। मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी मगर कला में भी पारंगत थी।
अनुज उसके साथ ही पढ़ता था। दोनों जल्द ही डॉक्टर बनने वाले थे। एक दूसरे के प्रति अपनी भावनाएं न प्रकट किए हुए भी प्रकट हो चुकी थी।
सुरंजिता की खास सखी नीलू ने पूछा, सुरंजीता करियर के साथ विवाह की प्लानिंग की है या नहीं। अनुज तुझसे इक्कीस ना सही पर तेरी बराबरी का तो है ही। उसके साथ ही आगे बढ़ना है या फिर….
नहीं नीलू, फिलहाल कुछ नहीं सोचा। डरती हूं हमारी सामाजिक परम्पराओं से। स्टेज पर कितने ही तर्क दे मगर पारिवारिक परिस्थितियां हमें कहीं न कहीं पछाड़ ही देती है।
क्या मतलब?
अनुज को पसंद तो करती हूं मगर शादी…. ना.. नहीं कर सकती।
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पर, ऐसा क्यों?
मेरी शादी के बाद मां पापा अकेले हो जायेंगे। कहने को अनुज इसी शहर में रहेगा क्योंकि उसका परिवार यहीं बसा है पर शादी के बाद मुझे मेरे मां पापा की जिम्मेदारी उठाने देगा? मान लो, वो हां भी कर दे फिर उसके परिवार के लोग? बहू की जिम्मेदारी के आगे बेटी की जिम्मेदारी कहां आती है।
दूसरी उससे भी महत्वपूर्ण बात मेरा अपना करियर। इतना पढ़कर वही तथाकथित घर बच्चे, समाज।फिर ये प्यार और सब खत्म हो जाता है। तकरार शुरु हो जाती है । मुझे इन पचड़ों में नहीं पड़ना। बस अपनी जिंदगी अकेले गुजारनी है। “नो टेंशन, नो फ्रस्टेशन “
उनकी बातें उनके पीछे खड़ी प्रोफेसर मीना सुन रही थी। उन्हें ये जानकर बड़ा दुख हुआ कि हर क्षेत्र में अव्वल रहने और सुलझे विचारों की लड़की भी नई परिस्थितियों में सामंजस्य बिठाने में डरती है। ये समाज किस ओर बढ़ रहा है।
उम्मीदें, रिश्ते यदि इसी प्रकार खत्म होने लगे तो विवाह जैसा पवित्र संस्कार खत्म हो जाएगा। लड़कियां मां नहीं बनना चाहेगी तो कैसी विकृति जन्म लेगी । ये नई पीढ़ी नए रास्ते पर चल पड़ी है। इसे रोकना तो पड़ेगा ही।
प्रोफेसर मीना अनुज के परिवार से परिचित थीं इसलिए पूछा, आप लोग कई बार कॉलेज फंक्शन में आए हैं। आप लोगों ने सुरंजिता को देखा है?
अनुज के पिता ने कहा, हां हां! बहुत ही सुंदर और सुशील लड़की है।
तो क्या उसे आप अपने घर की बहू बनाना पसंद करेंगे?
पर… प्रोफेसर ये बातें, उसके माता पिता करते या हमारे बेटे ने… मतलब.. आपका ये प्रश्न करना हमारी समझ से परे है।
अनुज के पिता व्यवसाय संभालने के साथ एक समाज की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले इंसान थे। इसलिए प्रोफेसर मीना ने उन्हें अपने मन की उथल पुथल से अवगत करवाया। वो भी सोच मे पड़ गए। उन्होंने अपने परिवार के लोगो से बातचीत की और प्रोफेसर मीना की बात समझते हुए एक नई पहल की।
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वो सपत्नी सुरंजिता के घर गए उसका हाथ अपने अनुज के लिए मांगा। सुरंजिता के माता पिता सहर्ष इस रिश्ते के लिए तैयार हो गए। मगर सुरंजीता विवाह के लिए तैयार नहीं थी। अनुज, उसके परिवार और सुरंजीता के माता पिता ने उसे बहुत समझाया। उसकी मां ने कहा, बेटा जिस दिन तुम्हे लगे कि हमारा फैसला गलत है
तुम हमें बता देना तुम्हें इस रिश्ते से हम तुम्हें आजाद कर देगें ,यदि तुम्हारे माता पिता तुम्हारे लिए सही सोचेंगे तो हां कर दो। विचारों के साथ तालमेल बैठाने की तुम्हारी क्षमता भी तो दिखाओ। कभी कभी हमें अपनी सोच विस्तृत करते हुए उसे मूर्त रुप भी देना चाहिए और समाज में एक उदाहरण भी बनना चाहिए। डरते सहमते सुरंजीता विवाह बंधन में तो बंध गई।
मगर उसने पहले दिन से ही देखा उसे थोड़ी बहुत बातों के अलावा कहीं कोई समस्या तो नहीं आ रही। उसने अपने दिल में आदर के साथ स्नेह को भी जगह दी। ये नयापन रिश्ते में अच्छी बॉन्डिंग ले आया।
जहां उसके माता पिता हर त्योहार मे अकेले होते थे अब बड़े परिवार का हिस्सा होकर बहुत सुकून महसूस करते दिखते । जहां उसे पहुंचने मे देर होती वहां अनुज पहले ही उसके माता पिता के लिए खड़ा मिलता।
वो मां बनी मगर बस मातृत्व के नए अहसास के अलावा कोई बोझ नहीं लगा। उसका अपना काम भी कहीं प्रभावित नहीं हुआ। आज उसकी शादी की सालगिरह है। एक बड़े बैग के साथ जब वो कमरे से बाहर आई तो सब बाहर आ गए। तब उसने सबसे कहा, आप सब यूं आश्चर्य से मुझे न देखे। मैं कहीं नहीं जा रही।ये मेरा घर है और मै आप सबसे बहुत प्यार करती हूं।
मुझे नई पहचान ओर रिश्तों की समझ मिली है। मैं समझ गई कि मेरे सास ससुर भी तो नई सोच के हैं। आप सब ने विवाह, मां बनना और परिवार का एक अलग विचार मेरे मन के भीतर स्थापित किया है। पर आप सब से मै एक और अनुरोध करना चाहती हूं कि मेरी जैसी और लड़कियों को भी आप सही रास्ता दिखाएं।
क्या?? मै और शादी नहीं कर सकता!!
अरे बुद्धू शादी करोगे तो मै तुम्हें कच्चा चबा जाऊंगी। तुम तो सिर्फ मेरे लिए ही बने हो।
पीछे से ननद ने चिढ़ाया ओ ओ ओ….
अनुज के पिता ने कहा, आज की पार्टी पक्की और आज की स्पेशल गेस्ट प्रोफेसर मीना होंगी। फिर सब मिलकर समाज को नई दिशा दिखाएंगे ताकि हमारे रीति रिवाज शाश्वत रहे।
उमा कुमारी