दोस्तों के साथ नाईट क्लब में छोटे छोटे कपड़ों में बैठी पारुल ने अपनी टीशर्ट का गला पकड़ते हुए ऊपर उठाया और एक सेल्फी ली जिसमे उसके चार दोस्त शराब की बोतल चिकन चखना इत्यादि दिख रहा था। उसने फ़ोटो इंस्टाग्राम पे अपलोड करते हुए अपने पापा अपने भाई और कुछ दोस्तों को किया टैग और पूछा फ्रेंड्स हाऊ इज लुकिंग माय स्वैग।।
आज की शाम दोस्तों के नाम मैं कैसी लग रही हूं कमेंट जरूर करें। पोस्ट पब्लिक होते ही उसमे कमेंट्स लाइक की लंबी लाइन लग गई कोई उसकी अधनंगी टांगो की तारीफ कर रहा था कोई उसे बेहया बेशर्म लिख रहा था तो कोई मोबाइल नम्बर के साथ साथ उसका रेट पूछ रहा था। बाप ने सारे कमेंट पढ़े और एक हंसने वाला इमोजी लगाकर कमेंट किया
“जाओ हम तुमसे बात नही करते तुम्हे हमारा ख्याल नही आया,पार्टी अकेले अकेले कर ली मुझे क्यों नही बुलाया। बेटी ने भी मुहँ टेड़ा से करने वाला इमोजी लगाकर रिप्लाई किया सॉरी डैडा नेक्स्ट टाइम पक्का बताऊंगी।
कहानी एक ऐसे परिवार की है जो खुद को आधुनिक समझता था उन्हें समाज की सोच रूढ़िवादी और आपकी स्वतंत्रता पे लगाम लगाने वाली लगती थी परिवार का हर एक शख्स एक ऐसी दुनिया मे जी रहा था जिसमे उनके लिए उनके ऑनलाइन फ्रेंड्स ही सबकुछ थे जिनमें से ज्यादातर को न कभी देखा था न कभी मिले थे।
कहानी में दादा है उम्र लगभग पैंसठ साल फेसबुक पे नाम रखा है डॉन चिका, रहता लुधियाना में है मगर प्रोफाइल में लिख रखा है अमेरिका। हाथ कांपते हैं मगर कमेंट अभी भी जवानी वाले कर लेता है प्रोफाइल फोटो जवानी के टाइम की लगा रखी है कई गर्ल फ्रेंड भी बना रखी हैं जिनसे अक्सर चैट होती है लाइव आने को कोई कहता है
तो बोलता है की बेबी जब मिलेंगे तब सरप्राइज दूंगा आपको अभी से चेहरा दिखा दूंगा तो सरप्राइज कैसे रहेगा। एक दादी अम्मा है वो भी किसी से कम नही है उसकी उम्र भी साठ के आसपास है मगर फेसबुक प्रोफाइल में उसने अपना नाम एंजल प्रिया रखा है
जो अक्सर लड़कों से बात कर लेती है मगर अपनी शक्ल वो भी नही दिखाती जाने कितने ही लोग उसकी आवाज के दीवाने हैं। एक मुलाकात के लिए तरसते हैं मगर वो भी हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देती है।
उनका बेटा सुनील है उम्र चालीस के आसपास सुनील की बीबी रेखा उम्र सैंतीस की मगर खुद को मेकअप करके हमेशा ऐसे रहती है कि छब्बीस की लगती है वो अक्सर नई नई रील बनांकर इंस्टाग्राम फेसबुक पे डालती है। दोनों का एक बेटा एक बेटी है बेटी अभी अठारह की हुई है मगर अभी से नाईट क्लब दोस्तों के साथ डांस पार्टी दारू आम बात है।
वही हाल बेटे का भी है जो बीस का हो गया है पूरा परिवार अपनी अपनी सोशल मीडिया की दुनिया मे मगन है न घरवालों की फिक्र है न घर की कौन कब कहाँ जाता है किसके साथ जाता है कब लौटता है किसी को कोई खवर नही होती है। सबसे अहम बात यह है कि मां और बेटी का आपस मे मुकाबला चल रहा है कि किसकी रील पर ज्यादा लाइक कमेंट आते हैं
इस चक्कर मे वो एक दूसरे से ज्यादा कपड़े उतारकर एक दूसरे को हराने की कोशिश करती हैं असल मे वो ये नही जानती की हार किसी की नही बल्कि रिश्तों की हो रही है मर्यादाओं की हो रही है संस्कारो की हो रही है।
खैर ये सब ज्यादा दिन चला नही रेखा की दोस्ती एक लड़के से इंस्टाग्राम पे हुई बातों ही बातों में दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे और एक दिन रेखा अपने गहने एफडी बगैरह लेकर घर से भाग गई। उधर बेटी पारुल अब ज्यादातर समय क्लबों में ही रहती और वो ड्रग्स की आदि हो गई कुछ दिन तक दोस्तों ने उसे फ्री में ड्रग्स दिया उसका शोषण किया
और जब मन भर गया तो जाकर एक कोठे पे बेच दिया पारुल खूबसूरत थी तो जितना पैसा आजतक उन लोगो ने खर्च किया था पूरा बसूल हो गया क्योंकि एक मोटी रकम में बेचा था पारुल को । पारुल छटपटाती है चीखती है चिल्लाती है भगर उसकी चीखे दीवारों तक सीमित रह जाती हैं।
ड्रग्स का लालच देकर उसे धंधे में उतार दिया जाता है और महलों में रहने वाली पारुल एक छः फुट चौड़े आठ फुट लम्बे बदबूदार बिस्तर में रहने को मजबूर हो जाती है।
एक सुबह जब वो बाथरूम से बाहर निकलती है तो उसकी नजर लाइन में लगी महिलाओं पर पड़ती है उसकी आंखें फ़टी की फटी रह जाती हैं क्योंकि उसी लाइन में उसकी मां भी खड़ी थी जो इंस्टाग्राम फ्रेंड के चक्कर मे सबकुछ लूटा बैठी थी उसका सारा पैसा जेबर इज्जत लूटकर उसका बॉयफ्रेंड उसे भी उसी कोठे पे बेच गया था जिसमे पारुल थी इसे उनकी बदकिस्मती समझिए या कर्मो की सज़ा मगर अब यही हनकी हकीकत थी।
घर मे अब दादा दादी बाप बेटा थे तो रोटी पानी का मुश्किल हो रहा था ये सोचकर बेटे पुनीत की शादी जल्दवाजी में कर दी गई। उसकी बीबी अच्छे घर की संस्कारी खूबसूरत लड़की थी। एक दिन की बात है पुनीत ने घर फोन करके कहा कि वो रात को लेट हो जाएगा वो अपने दोस्तों के साथ एक पार्टी में जाएगा इसलिए उसका इन्तज़ार न करें खाना खाकर सो जाएं
यही बात उसकी बीबी ने अपने ससुर को बता दी ससुर दारू के नशे में था उसके दिमाग मे कब शैतान आ बैठा उसने बहु को पानी का गिलास पकड़ाने के बहाने पास बुलाया और उसका हाथ पकड़कर अपने बिस्तर पर गिरा लिया मगर क्योंकि वो नशे में था बेहोशी में था इसलिए बहु ने उसे धक्का देकर एकतरफ गिरा दिया और कमरे से बाहर भाग गई उसने बाहर से कुंडी लगा दी।
थोड़ी देर बाद पुनीत घर आया वो भी नशे में था उसने अनु को डरे सहमे बेड पर बैठे देखा तो वो चौन्क गया जब अनु ने उसको सारी बात बताई तो पुनीत आपे से बाहर हो गया और वो सीधा आने बाप के कमरे में जाता है और पास पड़े लट्ठ से बाप के सिर पे प्रहार कर देता है। एक ही प्रहार में सुनील के सिर से खून बहने लगता है
उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर जब तक अनु दादा दादी आते हैं खून काफी बह जाता है उसे उठाकर हॉस्पिटल ले जाते हैं मगर वो मृत घोषित कर दिया जाता है। सुबह पुनीत को पुलिस उठाकर ले जाती है और कुछ ही दिनों में पिता के कत्ल के आरोप में अदालत उसे सजा सुना देती है। अनु ससुराल छोड़कर मायके चली जाती है
अब घर मे सिर्फ दादा डॉन चिका और दादी एंजल प्रिया बचे हैं। अब उनके पास रोने के अलावा कोई चारा नही है वो अक्सर लोगो को यही कहता है कि अपने बच्चों को रिश्तों की मर्यादाओं समाज की मर्यादाओं अपनी हदों के बारे में जरूर शिक्षा दें जरूरत से ज्यादा आज़ादी और आधुनिकता का रास्ता बर्बादी की तरफ जाता है। बाप और बच्चों में दोस्ती तो होनी चाहिए मगर एक दूसरे की मुश्किलों में उनके सुख दुख में न कि उनके नाजायज कामों में।
बच्चे कितने भी खुले विचारों के हों मगर उनमे एक डर होना चाहिए अपनी हदों का अपने से बड़ों का घर के बुजुर्गों का। घर के बड़े बुजुर्ग जब खुद ही अपनी मर्यादाओं को भूल जाएंगे तो बच्चों को क्या सिखाएंगे।
मगर अब इन सब बातों का कोई फायदा नही था। समय हाथ से निकल चुका था मगर आपके हाथों से समय निकल जाए उससे पहले ही अपने रिश्तों की मर्यादाओं को लांघने से पहले उसके अंजाम के बारे में जरूर सोच लें।
अमित रत्ता
अम्ब ऊना हिमाचल प्रदेश