गांव में एक बड़ी सी हवेली थी उस हवेली के मालिक सेठ मूलचंद जी थे। उनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी, उनकी एक छोटी सी बच्ची जिसका नाम मीनाक्षी था जिसे सेठ जी ने बड़े लाड़ प्यार से पाला था उन्होंने अपनी दूसरी शादी भी नहीं की
उनकी बेटी को कोई सौतेली मां परेशान ना करें ।जब बेटी थोड़ी बड़ी हो गई तो उसे पढ़ने के लिए हॉस्टल मैं, जयपुर भेज दिया ,त्योहार पर अपने घर आती और वह भी अपनी बेटी से मिलने जाया करते थे, वह चाहते थे,उनकी बेटी पढ़ लिखकर उनका बिजनेस संभाले,
लेकिन उधर मीनाक्षी को डांस का बहुत शौक था वह अपने डांस में ही अपना कैरियर बनाना चाहती थी ।जब पढ़ाई पूरी हो गई तो सेठ मूलचंद जी ने कहा कि बेटी मीनाक्षी में चाहता हूं ,कि तुम मेरी बिजनेस को आगे बढ़ाओ ।
मीनाक्षी ने कहा कि नहीं पिताजी मेरी तो इच्छा है,कि कलाकार बनू।सेठ जी ने कहा कि बेटी यह नहीं हो सकता अगर तुम बिजनेस नहीं संभालोगे तो फिर कौन संभालेगा ।तुम
मेरी इकलौती बेटी हो, मीनाक्षी ने कहा ,मैं अपने अरमानों को कुचलकर आपका बिजनेस नहीं संभाल सकती ।और इस बात से सेठ जी को बहुत दुख हुआ
और एक दिन गुस्से में आकर सेठ जी ने कहा अगर तुम मेरी बात नहीं मानती तो तुम्हें मेरे घर मैं रहने की कोई जरूरत नहीं है । मीनाक्षी को इस बात से बहुत ठेस लगी और फिर वह गुस्से में आकर तुरंत उसी समय अपना घर छोड़कर मुंबई चली गई।
मुंबई में उसने काफी स्ट्रगल और मेहनत करने के बाद, एक दिन वह बहुत बड़ी हीरोइन बन गई , फिर उसके पास सौहरत दौलत ,
मिल गई।दूसरी तरफ सेठ जी भी अपना बिजनेस बढ़ा रहे थे लेकिन तभी वह अचानक बीमार हो गए ,डॉक्टर ने जांच कराई कराई तो पता चला । कि सेठ जी को कैंसर है ।अब वह मन ही मन पछतावा कर रहे हे
थे , मैंने अपनी बेटी के साथ बहुत ही खराब व्यवहार किया, और वह मुझसे बहुत दूर चली गई।सेठ जी अपनी बेटी की बहुत ज्यादा याद आ रही थी और मिलने की भी इच्छा हो रही थी।
कई साल बीत चुके थे मीनाक्षी ने अपने दम पर सफलता हासिल कर ली, और एक बडे फिल्मी स्टार से शादी कर ली। उनके दो बच्चे हुए ।
उधर सेठ जी की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी,तो उन्होंने किसी तरह उसका पता लगाकर,एक खत अपनी बेटी मीनाक्षी के मुंबई के पते पर भेजा।जब खत मिनाक्षी को मिला तो वह उसे पढ़कर, उसकी आंखों में आंसू आ गए
उसने अपने पति को सब बात बताइए और तुरंत अगली फ्लाइट पड़कर जयपुर अपने पिताजी के पास पहुंच गई, अपनी बेटी को देखकर रोने लगे और बोले बेटी मुझे माफ कर दे मैं तेरे मन की भावनाओं को नहीं समझा ,
मीनाक्षी बोली, पिताजी आपकी भी कोई गलती नहीं है आप मुझे माफ कर दीजिए इस प्रकार दोनों लोगों ने अपना अहंकार को त्याग दिया बाप बेटी आपस में गले मिले सेठ जी बोले आज मुझे बहुत सुकून मिला है।
अब मैं चैन से मर तो सकूंगा ,मीनाक्षी ने कहा ,नहीं पापा, आप को में कुछ नहीं होने दुंगी।हम बड़े से बड़े डाक्टर को आपको दिखाएंगे, और फिर आप बिल्कुल स्वस्थ हो जाएंगे।
विनीता सिंह