सुशांत और मनोज बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक साथ दसवीं बोर्ड परीक्षा पास किए थे और एक ही साथ 11वीं में नामांकन लिये थे | दोनों पढ़ने में अच्छे थे | सुशांत जहां अच्छे घर का लड़का था वहीं मनोज के घर की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी फिर भी दोनों में अच्छी दोस्ती थी | एक दिन जब सुशांत मनोज के घर गया तो मनोज घर में नहीं था, तब बातों ही बातों में उसकी मां ने उससे
पढ़ाई के बारे में पूछा और कहा की मनोज उसके साथ जो 6:00 बजे से 10:00 बजे रात्रि तक पढ़ाई करता है तो वह कैसी पढ़ाई कर रहा है ? सुशांत ने कहा कि हां वह ठीक से पढ़ाई कर रहा है ,ऐसा कह कर वह मनोज के घर से चला आया | दूसरे दिन जब सुशांत की मुलाकात मनोज से हुई तो उसने बताया कि कल मै तुम्हारे घर गया था तो तुम्हारी मां बता रही थी कि तुम प्रतिदिन 6:00 से 10:00 तक मेरे साथ पढ़ते हो, पर तुम तो मेरे साथ पढ़ते नहीं हो तो फिर तुम 6:00 से 10:00 बजे रात तक कहां
जाते हो और अपनी मां को झूठ क्यों बोला कि तुम मेरे साथ पढ़ाई करते हो ? पहले तो मनोज ने कुछ भी बताने से आनाकानी की और कहा कि जाने दो यार छोड़ो इन बातों को लेकिन जब सुशांत जिद करने लगा और मनोज को बोला किया अगर वह नहीं बताया तो वह यह बात उसकी मां को बता देगा कि वह उसके साथ पढ़ाई नहीं करता है बल्कि कहीं और जाता है| तब मजबूर होकर मनोज ने उसे बताया कि उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और 11वीं की पढ़ाई के लिए पैसे और किताब
की जरूरत है| वह अपने माता-पिता जी को अपने पढ़ाई के लिए और अपने पुस्तकों के लिए परेशान होते देखता है तो यह उसे अच्छा नहीं लगता है | इसीलिए उसने 6:00 से 10:00 बजे रात्रि तक एक किताब की दुकान पर नौकरी कर ली है | जहां उसे पैसे भी मिल जाते हैं और किताबें भी मुफ्त में मिल जाती है | वह दुकान से आने के बाद रात में अपनी पढाई कर लेता है | उसने घर में बताया है कि
अच्छे नंबर होने के कारण स्कूल ने उसकी फीस माफ कर दी है और पुस्तकें भी स्कूल की तरफ से मिले हैं | उसने सुशांत से आग्रह किया कि वह यह बात उसके माता-पिताजी को ना बताएं | सुशांत ने मनोज से कहा कि ठीक है वह यह बात उसके मां पिताजी को नहीं बतायेगा | वह यह राज अपने तक ही रखेगा लेकिन इससे उसकी पढ़ाई पर हर्ज होगा इसीलिए अगर वह चाहे तो सुशांत उसकी मदद
कर सकता है| मनोज ने कहा कि मैं ऐसा नहीं चाहता मैं अपना खर्च खुद उठाना चाहता हूं | मैं तुमसे लेना नहीं चाहता हूं | कभी बहुत जरूरत होगी तब मैं तुम्हें जरूर बताऊंगा लेकिन अभी मुझे यह काम करने दो | यह राज मत खोलो | सुशांत ने अपने दोस्त के मन के भावों को समझा और कहा कि ठीक है मैं तुम्हारे मां पिताजी को यह राज नहीं बताऊंगा लेकिन तुम वादा करो कि तुम अपनी पढ़ाई
पर पूरा ध्यान दोगे और तुम्हें जब भी किसी चीज की आवश्यकता महसूस होगी तो तुम मुझे जरूर बताओगे | मनोज ने वादा किया कि हां अगर उसे कभी भविष्य में जरूरत पड़ी तो वह सुशांत को जरूर बताएगा लेकिन अभी उसे यह काम करने दे और उसका राज नहीं खोले | सुशांत ने हां कहा | दोनों दोस्त हंसकर गले लग गये |
# राज खोलना
स्वलिखित और अप्रकाशित
सुभद्रा प्रसाद
पलामू, झारखंड