परफेक्ट कपल – संगीता अग्रवाल

दीपक और सान्या दोनो पति पत्नी है और लोगो के लिए एक आइडल कपल । कुछ लोग उनके जैसा बनना चाहते है तो कुछ लोग उनके प्यार को देख जलते भी है । हर पार्टी की जान होता है ये जोड़ा । यहां तक कि दीपक के ऑफिस मे भी सबको लगता कि दीपक और सान्या जैसी परफेक्ट जोड़ी मिलना मुश्किल है। दोनो का एक पांच साल का बेटा भी है पार्थ ।
” सान्या आज मेरे बॉस खाने पर आ रहे है तो अच्छा सा खाना बनाना और हाँ ढंग से तैयार भी रहना !” एक सुबह ऑफिस जाते हुए दीपक बोला।
” अरे आपने रात को नही बताया अब सब तैयारी कैसे होगी …आप कुछ सामान ला देते….!” सान्या ने कहा।
” मैं पहले से लेट हो रहा हूँ तुम खुद देखो ये !” दीपक ये बोल निकल गया।
शाम को ….
” हेलो बेटा ये आपके लिए और मिसेज़ दीपक ये आपके लिए !” शाम को दीपक के बॉस अपनी पत्नी के साथ आये तो उनकी पत्नी ने पार्थ को चॉकलेट और सान्या को एक गिफ्ट दिया।
” पर इसकी क्या जरूरत थी ?” सान्या मुस्कुराते हुए उनका स्वागत कर बोली।
” दुनिया के बेस्ट कपल के लिए छोटा सा तोहफा तो बनता है ना !” बॉस की पत्नी खिलखिलाते हुए बोली।
सान्या ने मुस्कुराते हुए धन्यवाद किया और नाश्ता मेज पर लगाया।
” और बताओ चैम्प पढ़ाई कैसी चल रही ?” दीपक के बॉस ने पार्थ से पूछा।
” अच्छी चल रही !” पार्थ ने कहा।
” अच्छा आप बड़े होकर क्या करना चाहते हो ?” बॉस की पत्नी ने पूछा।
” मैं जल्दी से बड़ा होऊंगा फिर शादी करूंगा !” पार्थ मासूमियत से बोला।
” अच्छा बड़ी जल्दी है शादी की आपको !” बॉस और उनकी पत्नी हँसते हुए बोले।
” हाँ शादी करूंगा तभी तो पापा की तरह अपनी पत्नी को डांट कर अपने सारे काम करवाऊंगा और वो मेरी बात नही मानी तो दो थप्पड़ लगाऊंगा !” थप्पड़ दिखाते हुए पार्थ बोला।
उसकी बात सुनकर वहाँ सन्नाटा छा गया। सान्या और दीपक शर्मिंदगी के कारण निगाह नही उठा पा रहे थे। उनके लिए ये स्थिति डूब मरने वाली हो रही थी। इधर बॉस और उनकी पत्नी हैरानी से कभी पार्थ को देख रहे थे कभी सान्या, दीपक को। आज दीपक और सान्या के परफेक्ट कपल होने का भ्रम खत्म हो गया था। वो समझ गये थे हर बार जरूरी नही जो दिखता हो वही सही हो। इधर दीपक को भी समझ आ गया था कि बच्चे वही सीखते जो देखते है।
आपकी दोस्त
संगीता अग्रवाल ( स्वरचित)
#मुहावरा
#डूब मरना
#लघुकथा

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!