सावित्री सर नीचा करके अपने घर गई। शाम का समय था। बच्चे खेल रहे थे और कुछ लेडीज बेंच पर
बैठ कर बातों कर रही थी।.
उसे देख कर वह लोग बिल्डिंग के कोने में जाकर फुसफुसा ने लगीं।
तेजी से सावित्री सीढ़ियां चढ़कर घर के अंदर गई।
बेटे को मिली? कैसा है? क्या बोला? उसके पति ने बिस्तर पर लेटे पूछा।
बिना उत्तर दिये वह रसोई में जाने लगी जब बेटी- दीपा जल्दी से घर में घुस कर दरवाज़ा बंद किया।
प्रेस वाले तुझे अंदर आते देख लिया।। अब वे यहाँ आ रहे हैं’ दीपा बोली और खिड़की को भी बंद
किया।
दरवाज़े पर ज़ोर से खटखटाने की आवाज़ आ रही थी।
मैडम आपसे बात करनी है‘
हम पत्रकार हैं। आप अपनी कहानी बताइए
आप को कब पता चला?आप एक बहुत धैर्य माँ है। हमें आपका इंटरव्यू लेना है।‘
सावित्री किचन के एक कोने में बैठ कान बंद कर धीरे धीरे सिसकियां भर रही थी।
अब तक मुन्ना के ताने उसके कानों में गूँज रहे थे।
पत्थर दिल, पत्थर दिल, पत्थर दिल!’
तीन दिनों में उसकी पूरी दुनिया उलट पलट हो गई थी।
सावित्री एक फ़ैक्टरी में काम करती थी। उसके पति के एक्सीडेंट के बाद घर चलने के लिए एक फ़ैक्टरी
में काम करना पड़ा। रोज़ सुबह वह खाना और घर का काम निपटा कर, फ़ैक्टरी भागती थी। शाम को
घर पहुँचती, फिर पति की देखभाल, खाना बनाना और घर के काम करते करते रात हो जाती थी।
उसका रोज़ का टाइम टेबल था।
उसकी दो बेटियों की शादी हो गई और एक बेटा, मुन्ना जो कॉलेज में पढ़ रहा था।
'तेरे लाड़ प्यार ने उससे बिगाड़ दिया है‘
उसके पति और बच्चे बोलते लेकिन सावित्री उसके बेटे की गलतियों को नज़र अंदाज करती थी।
वह उसके पर्स से पैसे चुराता था, सिगरेट पीता था। दोस्तों के साथ आवारागर्दी करता था।
सावित्री उसे थोड़ा डांटती पर माफ कर देती थी और घर में पति को नहीं बताती।
'मुझे पहले से सख्त रहना चाहिए था। तो इस दिन की नौबत नहीं आती ' वह सिसकियों के
बीच बड़बड़ा रही थी।
पर जो होना था वह हुआ।
दो दिन पहले अपनी सहेलियों के साथ वह लंच ब्रेक में खाना खा रही थी जब सभी एक गैंगरेप की
चर्चा करने लगे। कैंटीन में एक बड़ा टीवी लगा था और उसमें भी उसी विषय पर ही चर्चा चल रही
थी।
पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया कि वह कॉलेज के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब करना चाहती थी। उस
दिन कॉलेज के एक दोस्त ने नौकरी दिलाने के लिए एक होटल में बुलाया। जब वह होटल पहुँची तो
कमरे में दो और लड़के भी मौजूद थे। उसे पकड़कर दो लड़कों ने छात्रा के साथ गैंगरेप की.
उसने बताया की जब एक आरोपी उसकी गैंगरेप कर रहा था तो एक लड़का उसकी वीडियो रिकॉर्ड
किया, और धमकाया कि अगर उसने सहयोग नहीं किया तो वे वीडियो सबको दिखा देंगे. आरोपी ने
लड़की को ब्लैकमेल किया की अगर उसने किसी को बताया तो उसके माता पिता को मार देंगे । घटना
के बाद आरोपी ने एक इंजेक्शन दिया जिससे वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो वह कमरे में
अकेले थी। होटल वालों को पता चलते ही पुलिस वहां पहुंची और लड़की का स्टेटमेंट लिया।
कॉलेज का नाम सुनकर सावित्री मन ही मन सोची,अरे ये तो मुन्ना का कॉलेज है।‘
लड़की ने मुख्य आरोपी जिसने उसको होटल बुलाया था उसका नाम भी पुलिस को दिया। वह नाम
भी सावित्री को जाना पहचाना सा लगा।
पिछली रात मुन्ना घर नहीं था। लेकिन वह कई बार अपने दोस्तों के घर पर रहता है तो सावित्री इस
बात से चिंतित नहीं थी। पर टीवी पर समाचार सुनकर उसे थोड़ा सा डर लगा।
हे भगवान, मुन्ना को इस सब से बचाए वह मन ही मन प्रार्थना कर रही थी।
बेचैन वह घर पहुंची और पति से पूछा,
मुन्ना आया क्या?तेरे जाने के बाद आया और 5-10 मिनट के बाद निकल गया यह कहकर कि कुछ दिन वह बहार जा
रहा है’
कितने बजे आया? क्या बोला? क्या ले गया?सावित्री कांपती हुई पूछी।
मुझे कोई कुछ बता रहा है क्या? सब अपनी मर्जी से आते है और जाते हैं। मैं बस
इस पलंग पर लेटा रहता हूँ। किसको मेरी परवाह है क्या!
कहां गया? उसने कुछ बोला? सावित्री ने फिर से पूछा।
मैं कुछ नहीं पूछता और पूछता भी तो तेरा लाडला मुझे कभी कुछ बताता है क्या? पति गुस्से
में चिल्लाया। तू ही पता कर’
सावित्री ने मुन्ना को फोन किया पर उसका मोबाइल स्विच ऑफ था।
टीवी के हर चैनल में बलात्कार की खबर ही बता रहे थे।पुलिस सीसीटीवी की मदद से तीनो लड़कों
को ढूंढ रहे थे। पुलिस पब्लिक की मदद मांगी किसिको इन लड्कों की खबर मिले तो पुलिस को बताएं ।
चारों तरफ नाकाबंदी कर दी।
डरी, सहमी सावित्री रसोई में खाना बनाने लगी।
बेचैन सावित्री ने फिर से मुन्ना को फोन किया पर मोबाइल स्विच ऑफ ही था।
नींद तो कोसों मील दूर थी। सावित्री बिस्तर पर करवटें बदल रही थी। चिंतित थी और बेटे के लिए
प्रार्थना कर रही थी।
अचानक वह उठकर अलमारी में ढूंढने लगी । पुरा अलमारी ढूंढा पर चाबी का गुच्छा नहीं मिला।
सुबह रोज की तरह अपना काम निपटा के वह घर से निकली और पास वाली पुलिस स्टेशन गई।
उसके पैर लडखड़ा रहे थे।
हां माजी, आपको क्या चाहिए?सावित्री ने आहिस्ता कहा, ‘तीन लड़कों के बारे में बताना है।‘
कौन लड़के? गैंगरेप वाले? पुलिसवाले ने पुछा।
सावित्री सर हिलायी और धीरे से बोली,’मैं जानती हूँ वह तीनो कहाँ छुपे हैं।
चौंककर, तुरंत पुलिस उसे इंस्पेक्टर के रूम में ले गया और अपने सीनियर को और कहा,
‘तीन गैंगरेप वाले लड़के के बारे में यह औरत जानती है।कह रही है कि वह लड़के कहाँ छुपे हैं यह जानती
है’
पुलिस इंस्पेक्टर एकदम तनत हो गया।
गैंगरेप वाले लड़के? आप को पता है? कहां हैंसावित्री ने एक पेपर पर पता लिख कर दिया।
आप कैसे जानते हो कि वह लोग वहां पर हैं? इंस्पेक्टर ने पुछा।
हमारा एक पुराना घर है -घड़ियाली गांव में जो यहां से 3-4 घंटे का रास्ता है। दूर पड़ता है इसलिए
20 साल से हम काम के लिए शहर में रहते हैं और वह घर बंद पड़ा है।‘
;मगर आप कैसे जानते हैं कि वह लोग वहां पर हैं…?इंस्पेक्टर फिर दोहराया।
आपका बेटा उन रेपिस्ट है क्या?एक पुलिसवाले ने पूछा।
‘ आपके बेटे का नाम कुमार है?’
सावित्री रो पड़ी।
‘ नहीं! कुमार मुन्ना का दोस्त है।‘
अच्छा। तो आपका बेटा भी गैंगरेप में था।‘
इसका मतलब है कि उनको घर में छुपाया है।। तो अब क्यों हमें बता रही हो? पुलिस वाले
ने थीके स्वर में बोला।
‘मुझे कुछ मालूम नहीं । आप इस पते पर चेक कीजिए।‘
पोलिसवालों की थीकी आवाज से वह बहुत डर गयी। अपना बैग लेकर वह खड़ी हो गयी।
‘वह तो हम करेंगे। मगर पहले हमें यह बताओ कि आप क्यों अभी आकर हमें ये जानकारी दे रही हो?
उसी दिन हमें क्यों नहीं बताया?’
सावित्री इतने सवालों से डर गई। वह उठकर चलने लगी तो पुलिस ने रोका।
बैठो! तुम ऐसे नहीं जा सकते’ एक पुलिस धक्का मारकर कर कुर्सी में बैठाया।
मुझे जाने दो। मैने आपको पता दिया है। मैं नहीं जानती वो है कि नहीं। सिर्फ बताने के लिए मैं आई
हूं। मुझे फैक्टरी पहुँचना है । देर हो जाएगा’ सावित्री कांपते हुए बोली।
इंस्पेक्टर उसकी उमर और रोना देखकर कुछ नर्मी से बोला।
माजी, आप बैठिये। हम पता करेंगे। आप कहाँ रहती हो,, क्या काम करती हो, घर में कौन कौन है।
इन सबका इंफॉर्मेशन देकर आप जा सकते हैं।‘
सावित्री बैठी गई और अपना घर का विवरण दिया।
‘अब मैं जाऊँ? बहुत देर हो गयी है । मैनेजर बहुत डांटेगा।‘
ठीक है। आप शहर छोड़ कर मत जाना। आप को कभी भी बुलाएंगे तो पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा।‘
सावित्री वहां से फैक्टरी गई।
दोपहर को लंच टाइम पर टीवी में खबर आई कि तीन लड़कों को गिरफ्तार किया है। मुन्ना का नाम भी
बताया।
सुनकर सावित्री कांप उठी और तबीयत ठीक नहीं है के बहाने घर चली गई।
घर पर बहुत भीड़ खड़ी थी। बिल्डिंग के लोग, पब्लिक, टीवी, पेपरवाले उनके दरवाजे के सामने खड़े
बात कर रहे थे।
सावित्री चुपके से अंदर गई और दरवाजा बंद किया।
क्या हो रहा है?उसके पति ने पूछा।
आप ने टीवी नहीं सुना? अपना मुन्ना को अरेस्ट किया है, उसने कहा।
अपना मुन्ना? कहां से पकड़ा? सुबह तक तो कह रहे थे कि लड़के फरार हैं।
हमारे गांव वाले घर से पकड़ा’ सावित्री ने बताया।
;अपने घर से? घड़ियाली से? मुन्ना वहां छिपा था?
सावित्री कुछ नहीं बोली।
अब समझ में आ रहा है। कल जब मुन्ना आया, कपाट खोलते मैं सुना। वह घर की चाबी लेना आया
था । इसलिए बिना कुछ बात किये चुपके से निकल गया यह कहकर कि वह २-३ दिन बहार जा रहा
है’
कुछ देर बाद पति चिल्लाने लगे,अब क्या होगा? पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया? पुलिस हमें भी नहीं
छोड़ेगी। हम को भी जेल में डालेंगे’
ये सब तुम्हारी गलती है’
और दो लाड प्यार। पैसे देकर तूने उसे बिगाड़ा है। अब भुक्त.
तेरी गलती के कारण, मैं भी जेल जाऊंगा’
सावित्री चुप सुनती गयी और रसोई में बैठ कर रोती बैठी।
कुछ देर में बड़ी बेटी दीपा आई।
मम्मी, टीवी वाले क्या कह रहे हैं। मुन्ना ने उस लड़की का गैंगरेप किया? मुन्ना कैसे
इतनी घिनौना काम कर सकता है। मैं पहले से कहती थी। बहुत ही बिगड़ा है। किसी की बात
नहीं सुनता है। और अब देखो इतनी गंदी बात। मुझे तो शर्म आती है। मेरे ससुराल वाले तो बहुत
ताना मरेंगे, मजाक उड़ाएंगे।
मुन्ना तू ने तो हमारी नाक कटवा दी’ दीपा बड़बड़ाते गयी ।
मैं भी वही कह रहा था। तुम्हारी माँ ने बेटे को इतना बिगाड़ दिया कि अब हमें मुहँ छिपाकर घर
बैठना पड़ेगा। शायद जेल भी जाना पड़ेगा।‘ पति ने कहा।
टीवी एक चैनल पर रिपोर्टर बता रही थी।
‘हमारी सूत्रों से पता चला है कि पुलिस ने घड़ियाली गांव जो यहाँ से १५० मील दूर है, एक घर पर
छापा मारा और तीनों अपराधियों के वहां पर छिपे हुए पकड़ा है ।
गांव का नाम सुनकर, दीपा चौंकी।
मुन्ना हमारे गांववाले घर में छुपा था?रिपोर्टर पुलिस वाले का इंटरव्यू ले रही थी।
आपने कैसे इन अपराधियों को पकड़ा, विस्तार में बताए।‘
पुलिस इंस्पेक्टर ने विस्तार से बताया कि कैसे तीनों अपराधियों को पकड़ा।
आपको कैसे जानकारी मिली कि वह तीनों इस गांव में छिपे हैं?
उस लड़के की मम्मी ने हमें आज सुबह बताया’
‘लड़के की मम्मी ने? आप का मतलब है कि उन तीन अपराधियों में से एक की मम्मी ने आप को ये
जानकारी दी!’
ये सुनकर दीपा चिल्लाई मम्मी, तुमने पुलिस को हमारा घर का पता दिया?’
सावित्री सर हिलायी।
मम्मी मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। तुम कैसे कर सकते हो। खुद मुन्ना को जेल भेजा?
हां मैंने पुलिस को हमारे घर का पता दिया।‘
तुझे कैसे पता था कि मुन्ना वहां छुपा है?मम्मी क्यों? पता है ना वो अब मुन्ना को क्या करेंगे। ‘
मम्मी तुझे नहीं बताना था’
पति भी चिल्लाने लगे।
कभी तो सोच के काम किया करो। मुझे बताया भी नहीं पुलिस को बताने चली। मुन्ना तेरे कारण जेल
जायेगा!’
मुन्ना और उसके दोस्तों ने गलत काम किया। उन्हें उसकी सजा मिलनी चाहिए’ ‘इसलिए मैंने पुलिस
को एड्रेस बताया।‘ सावित्री स्थिर स्वर में बोली।
‘फिर अब बैठ कर क्यों रो रही हो? पुलिस तुझे इसका कुछ इनाम देंगे क्या?’
अगले दिन पुलिस सावित्री को पुलिस स्टेशन बुलाया जहां उन लड़कों को जेल किया था।
सावित्री मुन्ना से मिली।
वह गुस्से में था।
जब सावित्री मुन्ना का हाथ पकड़ ने गई तो वो दूर खड़ा होकर चिल्लाने लगा।
तू इनको गांव का पता दिया। क्यों? मुझे पहले बताती तो मैं वहां से भाग जाता और पकड़ा नहीं
जाता’
बेटा मैं कई बार तुझे फोन किया पर तेरा मोबाइल ऑफ था।
‘और थोड़ा इंतजार करती। जल्दी क्या पड़ी थी ? मैं मामला ठंडा होने के बाद तुझे फोन करने ही वाला
था’
बेटा आप ने बहुत गलत काम किया। क्यों ऐसी गंदी काम किया? तुम्हारी दो बहनें हैं ना। कभी सोचा
गैंगरेप कितनी गलत बात है?
‘इतने घिनौना काम के लिया सज़ा जरूर मिलना चाहिए । इसलिए मैंने पुलिस को अपनी गांव वाली घर
का पता दिया’
मैंने बलात्कार नहीं किया मम्मी। सिर्फ वीडियो ले रहा था’
तो क्या वह अच्छा काम किया?
मुन्ना चुप रहा।
अगर तुम चाहते तो तुम्हारे दोस्तों को रोकते। तब मैं खुश होती.
;मुझे इतनी शर्म है कि तू मेरा बेटा है’ सावित्री अपने आंसू पोंछते हुए बोली।
‘मुझे भी शर्म है कि तू मेरी माँ है। कभी सोचा ही नहीं कि मेरी माँ इतनी पत्थर दिल की है।‘
पत्थर दिल मां! यह चिल्ला कर मुन्ना अंदर चला गया।
ये शब्द सावित्री के कानों में गूंजती रही।
पत्थर दिल! पत्थर दिल! पत्थर दिल!;
लेखिका उषा वेंकटेसन